यशायाह 51 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

यशायाह 51:1-23

सिय्योन के लिए अनंत उद्धार

1“हे धर्म पर चलने वालो, ध्यान से मेरी सुनो,

तुम, जो याहवेह के खोजी हो:

उस चट्टान पर विचार करो जिसमें से तुम्हें काटा गया है

तथा उस खान पर जिसमें से तुम्हें खोदकर निकाला गया है;

2अपने पूर्वज अब्राहाम

और साराह पर ध्यान दो.

जब मैंने उनको बुलाया तब वे अकेले थे,

तब मैंने उन्हें आशीष दी और बढ़ाया.

3याहवेह ने ज़ियोन को शांति दी है

और सब उजाड़ स्थानों को भी शांति देंगे;

वह बंजर भूमि को एदेन वाटिका के समान बना देंगे,

तथा उसके मरुस्थल को याहवेह की वाटिका के समान बनाएंगे.

वह आनंद एवं खुशी से भरा होगा,

और धन्यवाद और भजन गाने का शब्द सुनाई देगा.

4“हे मेरी प्रजा के लोगो, मेरी ओर ध्यान दो;

हे मेरे लोगो मेरी बात सुनो:

क्योंकि मैं एक नियम दूंगा;

जो देश-देश के लोगों के लिए ज्योति होगा.

5मेरा छुटकारा निकट है,

मेरा उद्धार प्रकट हो चुका है,

मेरा हाथ लोगों को न्याय देगा.

द्वीप मेरी बाट जोहेंगे

और मेरे हाथों पर आशा रखेंगे.

6आकाश की ओर देखो,

और पृथ्वी को देखो;

क्योंकि आकाश तो धुएं के समान छिप जाएगा,

तथा पृथ्वी पुराने वस्त्र के समान पुरानी हो जाएगी,

और पृथ्वी के लोग भी मक्खी जैसी मृत्यु में उड़ जाएंगे.

परंतु जो उद्धार मैं करूंगा वह सर्वदा स्थिर रहेगा,

और धर्म का अंत न होगा.

7“तुम जो धर्म के माननेवाले हो, मेरी सुनो,

जिनके मन में मेरी व्यवस्था है:

वे मनुष्यों द्वारा की जा रही निंदा से न डरेंगे

और न उदास होंगे.

8क्योंकि कीट उन्हें वस्त्र के समान नष्ट कर देंगे;

तथा कीड़ा उन्हें ऊन के समान खा जाएगा.

परंतु धर्म सदा तक,

और मेरा उद्धार पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहेगा.”

9हे याहवेह, जाग,

और शक्ति को पहन ले!

जैसे पहले युग में,

पीढ़ियां जागी थी.

क्या तुम्हीं ने उस राहाब के टुकड़े न किए,

और मगरमच्छ को छेदा?

10क्या आप ही न थे जिन्होंने सागर को सुखा दिया,

जो बहुत गहरा था,

और जिसने सागर को मार्ग में बदल दिया था

और छुड़ाए हुए लोग उससे पार हुए?

11इसलिये वे जो याहवेह द्वारा छुड़ाए गए हैं.

वे जय जयकार के साथ ज़ियोन में आएंगे;

उनके सिर पर आनंद के मुकुट होंगे.

और उनका दुःख तथा उनके आंसुओं का अंत हो जायेगा,

तब वे सुख तथा खुशी के अधिकारी हो जाएंगे.

12“मैं, हां! मैं ही तेरा, शान्तिदाता हूं.

कौन हो तुम जो मरने वाले मनुष्य और उनकी संतान से,

जो घास समान मुरझाते हैं, उनसे डरते हो,

13तुम याहवेह अपने सृष्टिकर्ता को ही भूल गये,

जिन्होंने आकाश को फैलाया

और पृथ्वी की नींव डाली!

जब विरोधी नाश करने आते हैं

तब उनके क्रोध से तुम दिन भर कांपते हो,

द्रोही जलजलाहट करता रहता था.

किंतु आज वह क्रोध कहां है?

14शीघ्र ही वे, जो बंधन में झुके हुए हैं, छोड़ दिए जाएंगे;

गड्ढे में उनकी मृत्यु न होगी,

और न ही उन्हें भोजन की कमी होगी.

15क्योंकि मैं ही वह याहवेह तुम्हारा परमेश्वर हूं,

जो सागर को उथल-पुथल करता जिससे लहरें गर्जन करने लगती हैं—

उनका नाम है याहवेह त्सबाओथ51:15 याहवेह त्सबाओथ सेनाओं का याहवेह

16मैंने तुम्हारे मुंह में अपने वचन डाले हैं

तथा तुम्हें अपने हाथ की छाया से ढांप दिया है—

ताकि मैं आकाश को बनाऊं और,

पृथ्वी की नींव डालूं,

तथा ज़ियोन को यह आश्वासन दूं, ‘तुम मेरी प्रजा हो.’ ”

याहवेह के क्रोध का कटोरा

17हे येरूशलेम,

जाग उठो!

तुमने तो याहवेह ही के हाथों से

उनके क्रोध के कटोरे में से पिया है. तुमने कटोरे का लड़खड़ा देनेवाला मधु पूरा पी लिया है.

18उससे जन्मे पुत्रों में से

ऐसा कोई भी नहीं है, जो उनकी अगुवाई करे;

न कोई है जो उनका हाथ थामे.

19तुम्हारे साथ यह दो भयावह घटनाएं घटी हैं—

अब तुम्हारे लिए कौन रोएगा?

उजाड़ और विनाश, अकाल तथा तलवार आई है—

उससे कौन तुम्हें शांति देगा?

20तुम्हारे पुत्र मूर्छित होकर

गली के छोर पर,

जाल में फंसे पड़े हैं.

याहवेह के क्रोध और परमेश्वर की डांट से

वे भर गये हैं.

21इस कारण, हे पीड़ित सुनो,

तुम जो मतवाले तो हो, किंतु दाखमधु से नहीं.

22प्रभु अपने लोगों की ओर से युद्ध करते हैं,

याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने कहा हैं:

“देखो, मैंने तुम्हारे हाथों से

वह कटोरा ले लिया है;

जो लड़खड़ा रहा है और, मेरे क्रोध का घूंट,

अब तुम इसे कभी न पियोगे.

23इसे मैं तुम्हें दुःख देने वालो के हाथ में दे दूंगा,

जिन्होंने तुमसे कहा था,

‘भूमि पर लेटो, कि हम तुम पर से होकर चल सकें.’

तुमने अपनी पीठ भूमि पर करके मार्ग बनाया,

ताकि वे उस पर चलें.”

Chinese Contemporary Bible 2023 (Traditional)

以賽亞書 51:1-23

主對錫安的安慰

1耶和華說:「追求公義、

尋求耶和華的人啊,聽我說。

你們要追想那磐石,

你們是從那裡被鑿出來的;

你們要追想那巖穴,

你們是從那裡被挖出來的。

2你們要追想你們的祖先亞伯拉罕和生你們的撒拉

我呼召亞伯拉罕的時候,

他孤身一人,

但我賜福給他,

使他人丁興旺。

3耶和華必安慰錫安錫安所有的荒場,

使曠野像伊甸園,

使沙漠變成耶和華的園囿,

裡面有歡喜、快樂、感謝和歌頌的聲音。

4「我的子民啊,要留心聽我的話;

我的國民啊,要側耳聽我說。

因為我必賜下訓誨,

我的公正必成為萬民的光。

5我的公義臨近,

我的拯救已經開始,

我的臂膀要審判萬民。

眾海島都在等候我,

仰賴我的臂膀。

6你們舉目仰望諸天,

俯首觀看大地吧。

諸天必像煙雲消散,

大地必像衣服一樣漸漸破舊,

地上的居民必像蚊蠅一樣死亡。

但我的救恩永遠長存,

我的公義永不廢除。

7認識公義、銘記我訓誨的人啊,

要聽我說。

你們不要害怕人的辱罵,

也不要畏懼他們的譭謗。

8因為蛀蟲必吃掉他們,

像吃衣服;

蟲子必蠶食他們,如食羊毛。

但我的公義永遠長存,

我的救恩延及萬代。」

9耶和華啊,伸出臂膀,

施展能力吧,施展能力吧,

像從前的日子、遠古的時代。

難道不是你砍碎了拉哈伯

刺死了海怪嗎?

10難道不是你使海洋和深淵乾涸,

在深海中開出道路讓蒙救贖的人穿過的嗎?

11耶和華救贖的子民必歸回,

必歡唱著回到錫安

永遠的福樂必臨到他們頭上。

他們必歡喜快樂,

再沒有憂愁和歎息。

12耶和華說:「安慰你們的是我,是我。

你為什麼要害怕難逃一死、

生命如草芥的世人呢?

13你忘記了創造你、鋪展諸天、

奠立大地根基的耶和華嗎?

你的欺壓者大發怒氣,決意毀壞,

你就整天驚恐不安嗎?

他們的怒氣在哪裡呢?

14被囚的人快得釋放了,

他們不會死在牢中,

也不會缺乏食物。

15我是你的上帝耶和華,

我翻動大海、捲起波濤,

萬軍之耶和華是我的名。

16我把我的話傳給你,

用我的手庇護你。

我鋪展諸天,奠立大地的根基,

錫安說,『你是我的子民。』」

17耶路撒冷啊,醒來,醒來,站起來吧!

你從耶和華手中的杯裡喝了祂的憤怒,

喝乾了那杯使人東倒西歪的酒。

18你生育的兒子沒有一個來引導你,

你撫養成人的眾子沒有一個來攙扶你。

19這兩樣災禍臨到你身上,

誰會為你哀哭呢?

荒涼和毀滅、饑荒和戰禍臨到你,

誰能安慰你呢51·19 「誰能安慰你呢」有古卷作「我該怎樣安慰你呢」。

20你的孩子昏倒在街頭,

好像羚羊掉進網羅,

他們飽嘗耶和華的烈怒,

承受你上帝的責備。

21你這身受痛苦、並非因酒而醉的人啊,

要聽好了。

22你的主耶和華是為祂子民申辯的上帝,祂說:

「看啊,我已從你手中拿走那使人東倒西歪的杯,就是盛滿我憤怒的碗,

你必不再喝。

23我必把這杯給苦待你的人,

他們對你說,『趴下,

我們好從你身上走過。』

你把你的背當作地面,

當作街道任人走過。」