मत्तियाह 28 – HCV & CCB

Hindi Contemporary Version

मत्तियाह 28:1-20

येशु का पुनरुत्थान

1शब्बाथ के बाद, सप्‍ताह के पहले दिन, जब भोर हो ही रही थी, मगदालावासी मरियम तथा वह अन्य मरियम, येशु की कंदरा-क़ब्र पर आईं.

2उसी समय एक बड़ा भूकंप आया क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से प्रकट हुआ था. उसने कब्र के प्रवेश से पत्थर लुढ़काया और उस पर बैठ गया. 3उसका रूप बिजली-सा तथा उसके कपड़े बर्फ के समान सफ़ेद थे. 4पहरुए उससे भयभीत हो मृतक के समान हो गए.

5स्वर्गदूत ने उन स्त्रियों को संबोधित किया, “मत डरो! मुझे मालूम है कि तुम क्रूस पर चढ़ाए गए येशु को खोज रही हो. 6वह यहां नहीं हैं क्योंकि वह मरे हुओं में से जीवित हो गए हैं—ठीक जैसा उन्होंने कहा था. स्वयं आकर उस स्थान को देख लो, जहां उन्हें रखा गया था. 7अब शीघ्र जाकर उनके शिष्यों को यह सूचना दो कि वह मरे हुओं में से जीवित हो गए हैं. और हां, वह तुम लोगों से पूर्व गलील प्रदेश जा रहे हैं. तुम उन्हें वहीं देखोगी. याद रखना कि मैंने तुमसे क्या-क्या कहा है.”

8वे वहां से भय और अत्यंत आनंद के साथ जल्दी से शिष्यों को इसकी सूचना देने दौड़ गईं. 9मार्ग में ही सहसा येशु उनसे मिले और उनका अभिनंदन किया. उन्होंने उनके चरणों पर गिरकर उनकी वंदना की. 10येशु ने उनसे कहा, “डरो मत! मेरे भाइयों तक यह समाचार पहुंचा दो कि वे गलील प्रदेश को प्रस्थान करें, मुझसे उनकी भेंट वहीं होगी.”

यहूदी अगुओं का प्रहरियों को घूस देना

11वे जब मार्ग में ही थी, कुछ प्रहरियों ने नगर में जाकर प्रधान पुरोहितों को इस घटना की सूचना दी. 12उन्होंने पुरनियों को इकट्ठा कर उनसे विचार-विमर्श किया और पहरुओं को बड़ी धनराशि देते हुए उन्हें यह आज्ञा दी, 13“तुम्हें यह कहना होगा, ‘रात में जब हम सो रहे थे, उसके शिष्य उसे चुरा ले गए.’ 14यदि राज्यपाल को इसके विषय में कुछ मालूम हो जाए, हम उन्हें समझा लेंगे और तुम पर कोई आंच न आने देंगे.” 15धनराशि लेकर पहरुओं ने वही किया जो उनसे कहा गया था. यहूदियों में यही धारणा आज तक प्रचलित है.

महान आयोग

16ग्यारह शिष्यों ने गलील को प्रस्थान किया. वे येशु द्वारा पहले से बताए हुए पर्वत पर पहुंचे. 17उन्होंने वहां येशु को देखा और उनकी वंदना की परंतु कुछ को अभी भी संदेह था. 18येशु ने पास आकर उनसे कहा, “सारा अधिकार—स्वर्ग में तथा पृथ्वी पर—मुझे दिया गया है. 19इसलिये यहां से जाते हुए तुम सारे राष्ट्रों को मेरा शिष्य बनाओ और उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम में बपतिस्मा दो. 20उन्हें इन सभी आदेशों का पालन करने की शिक्षा दो, जो मैंने तुम्हें दिए हैं. याद रखो: जगत के अंत तक मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं.”

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

马太福音 28:1-20

耶稣复活

1安息日刚过,周日黎明时分,抹大拉玛丽亚和另一位玛丽亚一同到坟墓去察看。

2突然,大地剧烈地震动,主的天使从天而降,把墓口的石头滚开,坐在上面。 3他的容貌如闪电,衣裳洁白如雪。 4看守墓穴的卫兵吓得浑身发抖,像死人一样。

5天使对那两个女人说:“不要怕,我知道你们是在找那位被钉十字架的耶稣。 6祂不在这里,正如祂所说的,祂已经复活了。你们来看,这是安放祂的地方。 7现在你们快去告诉祂的门徒,祂已经从死里复活,要先你们一步去加利利,你们将在那里见到祂。记住,我已经告诉你们了。”

8她们听了又害怕又欣喜,连忙离开坟墓,跑去告诉门徒。 9忽然,耶稣迎面而来,对她们说:“愿你们平安!”她们就上前抱住祂的脚敬拜祂。

10耶稣对她们说:“不要害怕。你们去告诉我的弟兄,叫他们到加利利去,他们将在那里见到我。”

行贿造谣

11她们还在赶路的时候,有些守墓的卫兵已经进城把整件事告诉祭司长。 12祭司长和长老聚集商议,决定用重金买通守墓的卫兵,又吩咐他们: 13“你们就说,‘夜里我们熟睡的时候,耶稣的门徒来把祂的尸体偷走了。’ 14如果这件事传到总督那里,我们会跟他解释,保你们无事。” 15守卫收下钱,便依照吩咐去做。于是,这说法在犹太人中一直流传到今天。

大使命

16十一个门徒赶到加利利,到了耶稣和他们约定的山上, 17看到耶稣就敬拜祂,但有些人仍然心存疑惑。 18耶稣上前对门徒说:

“天上地下所有的权柄都交给我了。 19所以,你们要去使万民做我的门徒,奉父、子、圣灵的名给他们施洗, 20教导他们遵守我吩咐你们的一切。记住,我必常与你们同在,一直到世界的末了。”