मलाकी 1 – HCV & CCB

Hindi Contemporary Version

मलाकी 1:1-14

1एक भविष्यवाणी: मलाकी1:1 मलाकी अर्थ मेरा दूत के माध्यम से इस्राएल को दिया गया याहवेह का वचन.

इस्राएल परमेश्वर के प्रेम पर संदेह करता है

2याहवेह कहते हैं, “मैंने तुम्हें प्रेम किया है.

“पर तुम कहते हो, ‘आपने किस प्रकार से प्रेम किया है?’ ”

याहवेह स्पष्ट करते हैं, “क्या एसाव याकोब का भाई नहीं था? फिर भी मैंने याकोब से प्रेम किया, 3पर एसाव से नफरत किया, और उसके पहाड़ी भागों को उजाड़ दिया और उसकी पैतृक भूमि को बंजर भूमि के सियारों के लिए छोड़ दिया.”

4एदोम कह सकता है, “यद्यपि हमें उजाड़ दिया गया है, पर हम खंडहरों को फिर बनाएंगे.”

पर सर्वशक्तिमान याहवेह का यह कहना है: “वे फिर बना सकते हैं, पर मैं गिरा दूंगा. उनका देश दुष्टों का देश कहलाएगा, और वे एक ऐसे लोग होंगे जिनके ऊपर याहवेह का कोप हमेशा बना रहेगा. 5तुम स्वयं अपने आंखों से देखोगे और कहोगे, ‘याहवेह महान है—और तो और वह इस्राएल की सीमा के बाहर भी महान है!’

दोषपूर्ण बलिदानों के ज़रिये वाचा को तोड़ना

6“एक बेटा अपने पिता का और एक गुलाम अपने मालिक का सम्मान करता है. यदि मैं एक पिता हूं, तो कहां है वह सम्मान, जिसका मैं हकदार हूं? यदि मैं एक मालिक हूं, तो कहां है वह आदर, जिसका मैं हकदार हूं?” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है.

“हे पुरोहितो, ये तुम हो जो मेरे नाम का अनादर हो.

“पर तुम पूछते हो, ‘हमने किस प्रकार से आपके नाम का अनादर किया है?’

7“मेरी वेदी पर अशुद्ध भोजन चढ़ाने के द्वारा.

“पर तुम पूछते हो, ‘हमने किस प्रकार से आपको अशुद्ध किया है?’

“यह कहने के द्वारा कि याहवेह का मेज़ तुच्छ है. 8जब तुम अंधे पशुओं को बलिदान चढ़ाते हो, तो क्या यह गलत नहीं है? जब तुम लंगड़े या बीमारयुक्त पशुओं को बलिदान करते हो, तो क्या यह गलत नहीं है? ऐसी भेंट अपने राज्यपाल को देने की कोशिश करो! क्या वह तुमसे खुश होगा? क्या वह तुमको स्वीकार करेगा?” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है.

9“अब तुम परमेश्वर से निवेदन करो कि वह हम पर अनुग्रह करें. तुम्हारे हाथों से इस प्रकार के बलिदान को देखकर क्या वे तुम्हें स्वीकार करेंगे?” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है.

10“अच्छा होता कि तुममें से कोई मंदिर के दरवाजों को बंद कर देता, ताकि तुम मेरी वेदी पर बेकार की आग न जलाते! मैं तुमसे खुश नहीं हूं,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है, “और मैं तुम्हारे हाथ से कोई भेंट स्वीकार न करूंगा. 11जहां-जहां सूर्य उदय होता और सूर्य डूबता है, उन सब जगहों में जाति-जाति के लोगों के बीच मेरा नाम महान होगा. हर एक जगह में, मेरे पास धूप एवं शुद्ध भेंटें लायी जाएंगी, क्योंकि जाति-जाति के लोगों में मेरा नाम महान होगा,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है.

12“पर तुम यह कहकर इसे अपवित्र करते हो, ‘प्रभु की मेज़ अशुद्ध है,’ और, ‘इस पर रखा भोजन तुच्छ है.’ 13तुम यह भी कहते हो, ‘यह एक बोझ है!’ और तुम घृणापूर्वक इस पर अपनी नाक सिकोड़ते हो,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है.

“जब तुम घायल, लंगड़े या बीमारयुक्त पशुओं को लाकर उन्हें बलिदान के रूप में चढ़ाते हो, तो क्या मुझे इस प्रकार के बलिदान को तुम्हारे हाथ से ग्रहण करना चाहिये?” याहवेह का कहना है. 14“वह धोखेबाज श्रापित है, जिसके पास उसके झुंड में ग्रहण योग्य नर पशु हो और उसने उसे देने की शपथ भी खायी हो, पर वह एक दोषयुक्त पशु प्रभु को चढ़ाता है. क्योंकि मैं एक महान राजा हूं,” सर्वशक्तिमान याहवेह का कहना है, “और जाति-जाति के लोगों के बीच मेरे नाम का भय माना जाए.

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

玛拉基书 1:1-14

1以下是耶和华借玛拉基以色列人的启示。

耶和华爱以色列

2耶和华说:“我爱你们。”你们却说:“你哪里爱我们了?”耶和华说:“以扫不是雅各的哥哥吗?我却爱雅各3厌恶以扫。我使以扫的山岭荒凉,把他的地业留给旷野的豺狼。” 4以东人会说:“我们虽被摧毁,却要重建废墟。”万军之耶和华却说:“他们尽管建造,但我必拆毁。他们的土地要被称为‘罪恶之地’,他们要被称为‘耶和华永远恼怒之民’。” 5以色列人啊,你们必亲眼看见这事,也必说:“耶和华在以色列境外大受尊崇!”

斥责祭司

6万军之耶和华对祭司说:“儿子尊敬父亲,仆人敬畏主人。我既是父亲,对我的尊敬在哪里呢?我既是主人,对我的敬畏在哪里呢?你们这些祭司藐视我的名,却说,‘我们哪里藐视你的名了?’ 7你们把污秽的食物献在我的祭坛上,还说,‘我们哪里玷污你了?’你们说耶和华的桌子是可藐视的。 8你们献上瞎眼的牲畜作祭物,难道这不是罪过吗?你们献上瘸腿和有病的牲畜作祭物,难道这不是罪过吗?你试试把这些献给你的省长,看他会不会悦纳你、恩待你。这是万军之耶和华说的。”

9现在,你们祈求上帝向我们施恩吧!你们献上这样的祭物,祂怎会垂听你们的祈求呢?这是万军之耶和华说的。 10万军之耶和华说:“唯愿你们当中有人把殿门关上,免得你们在我祭坛上枉然点火。因为我不喜悦你们,也不悦纳你们的祭物。” 11万军之耶和华说:“从日出之地到日落之处,我的名在列国必大受尊崇。遍地都有人向我焚香,献上洁净的供物。因为我的名在列国必大受尊崇。 12你们却亵渎我的名,说主的桌子是污秽的,上面的祭物是可藐视的。 13你们说,‘这些事真麻烦!’你们对此嗤之以鼻。这是万军之耶和华说的。你们把抢来的、瘸腿的、有病的献给我,我岂能悦纳?这是耶和华说的。 14诡诈之人该受咒诅!他许愿要献上羊群中的公羊,却把伤残的献给主。因为我是大君王,我的名在列国必受敬畏。这是万军之耶和华说的。”