प्रेरितों 1 – HCV & NAV

Hindi Contemporary Version

प्रेरितों 1:1-26

परिचय

1थियोफ़िलॉस महोदय, मेरे पहले अभिलेख का विषय था मसीह येशु की शिक्षाएं और उनके द्वारा शुरू किए गए वे काम, 2जो उन्होंने अपने चुने हुए प्रेरितों को पवित्र आत्मा के निर्देश में दिए गए आदेशों के बाद स्वर्ग में स्वीकार कर लिए जाने तक किए. 3मसीह येशु इन प्रेरितों के सामने अपने प्राणों के अंत तक की यातना के बाद अनेक अटल सबूतों के साथ चालीस दिन स्वयं को जीवित प्रकट करते रहे तथा परमेश्वर के राज्य संबंधी विषयों का वर्णन करते रहे. 4एक दिन मसीह येशु ने उन्हें इकट्ठा कर आज्ञा दी, “येरूशलेम उस समय तक न छोड़ना, जब तक मेरे पिता (परमेश्वर) द्वारा की गई प्रतिज्ञा, जिसका वर्णन मैं कर चुका हूं, पूरी न हो जाए. 5योहन तो जल में बपतिस्मा देते थे किंतु शीघ्र ही तुमको पवित्र आत्मा में बपतिस्मा दिया जाएगा.”

6इसलिये जब वे सब वहां उपस्थित थे, उन्होंने प्रभु से प्रश्न किया, “प्रभु, क्या आप अब इस समय इस्राएल राज्य की दोबारा स्थापना करेंगे?”

7“पिता के अधिकार में तय तिथियों या युगों के पूरे ज्ञान की खोज करना तुम्हारा काम नहीं है,” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, 8“पवित्र आत्मा के तुम पर उतरने पर तुम्हें सामर्थ्य प्राप्‍त होगा और तुम येरूशलेम, सारे यहूदिया, शमरिया तथा पृथ्वी के दूर-दूर तक के क्षेत्रों में मेरे गवाह होगे.”

9इस वक्तव्य के पूरा होते ही प्रेरितों के देखते-देखते मसीह येशु स्वर्ग में स्वीकार कर लिए गए तथा एक बादल ने उन्हें उनकी दृष्टि से ओझल कर दिया.

10जब वे आकाश में दृष्टि गड़ाए हुए मसीह येशु को स्वर्ग में जाते हुए देख रहे थे, एकाएक सफ़ेद वस्त्रों में दो व्यक्ति उनके पास प्रकट हो 11कहने लगे, “गलीली पुरुषों, आकाश की ओर ऐसे क्यों ताक रहे हो? यह येशु, जो देखते-देखते तुम्हारे मध्य से स्वर्ग में स्वीकार कर लिए गए हैं, ठीक इसी प्रकार दोबारा आएंगे, जिस प्रकार तुमने उन्हें स्वर्ग में स्वीकार होते हुए देखा है.”

येरूशलेम कलीसिया

12तब वे उस पहाड़ी से, जिसे ज़ैतून पर्वत भी कहा जाता है, येरूशलेम लौट गए. यह स्थान येरूशलेम से लगभग एक किलोमीटर दूरी1:12 एक किलोमीटर दूरी मूल में एक शब्बाथ दिन की दूरी पर है. 13नगर में पहुंचकर वे ऊपर के कमरे में इकट्ठा हो गए, जहां वे रह रहे थे.

वहां पेतरॉस, योहन, याकोब, आन्द्रेयास,

फ़िलिप्पॉस, थोमॉस,

बारथोलोमेयॉस, मत्तियाह,

हलफ़ेयॉस के पुत्र याकोब, शिमओन ज़ेलोतेस तथा याकोब के पुत्र यहूदाह उपस्थित थे.

14ये सभी वहां नियमित रूप से सच्चाई के साथ एक मन होकर, मसीह येशु की माता मरियम, उनके भाइयों तथा अन्य स्त्रियों के साथ प्रार्थना के लिए इकट्ठा होने लगे.

15तब एक दिन, जब लगभग एक सौ बीस विश्वासी इकट्ठा थे, पेतरॉस उनके बीच खड़े होकर कहने लगे, 16“प्रिय भाई बहिनो, मसीह येशु को पकड़वाने के लिए अगुआ यहूदाह, के विषय में दावीद के माध्यम से पवित्र आत्मा के द्वारा कहा गया पवित्र शास्त्र का वचन पूरा होना ज़रूरी था. 17वह हममें से एक तथा सेवा के कार्य में सहभागी था.”

18अधर्म की कमाई से उसने भूमि मोल ली. वहां वह सिर के बल ऐसा गिरा कि उसका पेट फट गया तथा उसकी सारी आंतें बाहर बिखर गईं. 19सारे येरूशलेम में यह समाचार फैल गया. यही कारण है कि वह भूमि अब उन्हीं की भाषा में हकलदमा अर्थात् लहू-भूमि के नाम से बदनाम हो गई है.

20“भजन में वर्णन है:

“ ‘उसकी भूमि उजाड़ हो जाए;

तथा उसमें कोई बसने न पाए,’1:20 स्तोत्र 69:25; 109:8

तथा यह भी,

“ ‘कोई अन्य उसका पद ले ले.’

21इसलिये यह ज़रूरी है कि एक ऐसे व्यक्ति को चुना जाए, जो प्रभु येशु मसीह के कार्यों के सारे समय का गवाह है. 22मसीह येशु को योहन द्वारा बपतिस्मा दिए जाने से लेकर उनके स्वर्ग में स्वीकार किए जाने तक—यह व्यक्ति हमारे साथ मसीह येशु के पुनरुत्थान का गवाह बने.”

23इसलिये दो नाम सुझाए गए: योसेफ़ जिसे बारसब्बास के नाम से जाना जाता है, जिसका उपनाम था युस्तस तथा दूसरा व्यक्ति मत्तियास. 24तब उन्होंने यह प्रार्थना की, “हे मनों को जांचनेवाले प्रभु, हम पर यह साफ़ कीजिए कि इन दोनों में से आपने किसे चुना है 25कि वह इस सेवा के कार्य और प्रेरितों की वह खाली जगह ले, जिससे मुक्त होकर यहूदाह अपने ठहराए हुए स्थान पर चला गया.” 26तब उन्होंने चिट डालें और मत मत्तियास के पक्ष में पड़े, इसलिये वह ग्यारह प्रेरितों में सम्मिलित कर लिया गया.

New Arabic Version

أعمال 1:1-26

صعود المسيح إلى السماء

1رَوَيْتُ لَكَ فِي كِتَابِي الأَوَّلِ، يَا ثَاوُفِيلُسُ، جَمِيعَ أَعْمَالِ يَسُوعَ وَتَعَالِيمِهِ، مُنْذُ بَدْءِ رِسَالَتِهِ 2حَتَّى الْيَوْمِ الَّذِي ارْتَفَعَ فِيهِ إِلَى السَّمَاءِ، بَعْدَمَا قَدَّمَ وَصَايَاهُ، بِالرُّوحِ الْقُدُسِ، إِلَى الرُّسُلِ الَّذِينَ اخْتَارَهُمْ. 3وَخِلالَ فَتْرَةِ أَرْبَعِينَ يَوْماً بَعْدَ آلامِهِ، ظَهَرَ لَهُمْ مَرَّاتٍ عَدِيدَةً، وَأَثْبَتَ لَهُمْ أَنَّهُ حَيٌّ بِبَرَاهِينَ كَثِيرَةٍ قَاطِعَةٍ، وَحَدَّثَهُمْ عَنْ مَلَكُوتِ اللهِ. 4وَبَيْنَمَا كَانَ مُجْتَمِعاً مَعَهُمْ، قَالَ: «لا تَتْرُكُوا أُورُشَلِيمَ، بَلِ ابْقَوْا فِيهَا مُنْتَظِرِينَ إِتْمَامَ وَعْدِ الآبِ، الَّذِي سَبَقَ أَنْ حَدَّثْتُكُمْ عَنْهُ. 5فَإِنَّ يُوحَنَّا عَمَّدَ النَّاسَ بِالْمَاءِ؛ أَمَّا أَنْتُمْ فَسَتَتَعَمَّدُونَ بَعْدَ أَيَّامٍ قَلِيلَةٍ بِالرُّوحِ الْقُدُسِ!»

6وَقَدْ سَأَلَهُ الْمُجْتَمِعُونَ: «يَا رَبُّ، أَفِي هَذَا الْوَقْتِ تُعِيدُ الْمُلْكَ إِلَى إِسْرَائِيلَ؟» 7فَأَجَابَهُمْ: «لَيْسَ لَكُمْ أَنْ تَعْرِفُوا الْمَوَاعِيدَ وَالأَوْقَاتَ الَّتِي حَدَّدَهَا الآبُ بِسُلْطَتِهِ. 8وَلَكِنْ حِينَمَا يَحُلُّ الرُّوحُ الْقُدُسُ عَلَيْكُمْ تَنَالُونَ الْقُوَّةَ، وَتَكُونُونَ لِي شُهُوداً فِي أُورُشَلِيمَ وَالْيَهُودِيَّةِ كُلِّهَا، وَفِي السَّامِرَةِ، وَإِلَى أَقَاصِي الأَرْضِ».

9قَالَ هَذَا وَارْتَفَعَ إِلَى السَّمَاءِ وَهُمْ يَنْظُرُونَهُ. ثُمَّ حَجَبَتْهُ سَحَابَةٌ عَنْ أَنْظَارِهِمْ.

10وَبَيْنَمَا هُمْ يُحَدِّقُونَ إِلَى السَّمَاءِ وَهُوَ يَنْطَلِقُ إِلَيْهَا، إِذَا رَجُلانِ قَدْ ظَهَرَا لَهُمْ بِثِيَابٍ بِيضٍ، 11وَقَالا لَهُمْ: «أَيُّهَا الْجَلِيلِيُّونَ، لِمَاذَا تَقِفُونَ نَاظِرِينَ إِلَى السَّمَاءِ؟ إِنَّ يَسُوعَ، هَذَا الَّذِي ارْتَفَعَ عَنْكُمْ إِلَى السَّمَاءِ، سَيَعُودُ مِنْهَا مِثْلَمَا رَأَيْتُمُوهُ مُنْطَلِقاً إِلَيْهَا!»

اختيار متياس خلفاً ليهوذا

12ثُمَّ رَجَعَ الرُّسُلُ إِلَى أُورُشَلِيمَ مِنَ الْجَبَلِ الْمَعْرُوفِ بِجَبَلِ الزَّيْتُونِ، وَهُوَ بِالْقُرْبِ مِنْ أُورُشَلِيمَ عَلَى مَسَافَةٍ يَجُوزُ قَطْعُهَا يَوْمَ السَّبْتِ. 13وَلَمَّا وَصَلُوا صَعِدُوا إِلَى غُرْفَةٍ فِي الطَّبَقَةِ الْعُلْيَا كَانُوا يُقِيمُونَ فِيهَا، وَهُمْ: بُطْرُسُ وَيُوحَنَّا، وَيَعْقُوبُ وَأَنْدَرَاوُسُ، وَفِيلِبُّسُ وَتُومَا، وَبَرْثَلَمَاوُسُ وَمَتَّى، وَيَعْقُوبُ بْنُ حَلْفَى وَسِمْعَانُ الْغَيُورُ، وَيَهُوذَا أَخُو يَعْقُوبَ. 14وَكَانُوا جَمِيعاً يُدَاوِمُونَ عَلَى الصَّلاةِ بِقَلْبٍ وَاحِدٍ، وَمَعَهُمْ بَعْضُ النِّسَاءِ، وَمَرْيَمُ أُمُّ يَسُوعَ، وَإخْوَتُهُ.

15وَكَانَ قَدِ اجْتَمَعَ ذَاتَ يَوْمٍ نَحْوَ مِئَةٍ وَعِشْرِينَ مِنَ الإِخْوَةِ فَوَقَفَ بُطْرُسُ بَيْنَهُمْ وَخَاطَبَهُمْ قَائِلاً: 16«أَيُّهَا الإِخْوَةُ، كَانَ لابُدَّ مِنْ أَنْ تَتِمَّ النُّبُوءَةُ الَّتِي قَالَهَا الرُّوحُ الْقُدُسُ بِلِسَانِ النَّبِيِّ دَاوُدَ، عَنْ يَهُوذَا الَّذِي انْقَلَبَ دَلِيلاً لِلَّذِينَ قَبَضُوا عَلَى يَسُوعَ. 17وَكَانَ يَهُوذَا يُعْتَبَرُ وَاحِداً مِنَّا، وَقَدْ شَارَكَنَا فِي خِدْمَتِنَا. 18ثُمَّ إِنَّهُ اشْتَرَى حَقْلاً بِالْمَالِ الَّذِي تَقَاضَاهُ ثَمَناً لِلْخِيَانَةِ، وَفِيهِ وَقَعَ عَلَى وَجْهِهِ، فَانْشَقَّ مِنْ وَسَطِهِ وَانْدَلَقَتْ أَمْعَاؤُهُ كُلُّهَا. 19وَعَلِمَ أَهْلُ أُورُشَلِيمَ جَمِيعاً بِهَذِهِ الْحَادِثَةِ، فَأَطْلَقُوا عَلَى حَقْلِهِ اسْمَ ’حَقَلْ دَمَخْ‘ بِلُغَتِهِمْ، أَيْ حَقْلَ الدَّمِ. 20فَتَمَّتِ النُّبُوءَةُ الْوَارِدَةُ فِي كِتَابِ الْمَزَامِيرِ: لِتَصِرْ دَارُهُ خَرَاباً، وَلا يَسْكُنْهَا سَاكِنٌ. وَأَيْضاً: لِيَسْتَلِمْ وَظِيفَتَهُ آخَرُ! 21فَعَلَيْنَا إِذَنْ أَنْ نَخْتَارَ وَاحِداً مِنَ الرِّجَالِ الَّذِينَ رَافَقُونَا طَوَالَ الْمُدَّةِ الَّتِي قَضَاهَا الرَّبُّ يَسُوعُ مَعَنَا، 22مُنْذُ أَنْ عَمَّدَهُ يُوحَنَّا إِلَى يَوْمِ ارْتِفَاعِهِ عَنَّا إِلَى السَّمَاءِ، لِيَكُونَ مَعَنَا شَاهِداً بِقِيَامَةِ يَسُوعَ».

23فَرَشَّحَ الْحَاضِرُونَ رَجُلَيْنِ هُمَا: يُوسُفُ الَّذِي يُدْعَى بَارْسَابَا وَيُلَقَّبُ بِيُسْتُسَ، وَمَتِّيَاسُ. 24ثُمَّ صَلَّوْا قَائِلِينَ: «أَيُّهَا الرَّبُّ الْعَارِفُ قُلُوبَ النَّاسِ جَمِيعاً، بَيِّنْ لَنَا أَيَّ هَذَيْنِ الرَّجُلَيْنِ تَخْتَارُ 25لِيُشَارِكَنَا فِي الْخِدْمَةِ وَالرِّسَالَةِ بَدَلاً مِنْ يَهُوذَا الَّذِي ذَهَبَ إِلَى الْمَكَانِ الَّذِي يَسْتَحِقُّهُ».

26ثُمَّ أَلْقَوْا الْقُرْعَةَ، فَوَقَعَتْ عَلَى مَتِّيَاسَ، فَضَمُّوهُ إِلَى الرُّسُلِ الأَحَدَ عَشَرَ.