以斯帖记 5 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

以斯帖记 5:1-14

以斯帖为王和哈曼设宴

1第三天,以斯帖身穿朝服站在王宫内院,面对大殿,王在殿里正面朝宫门坐在宝座上。 2王见以斯帖王后站在院内,就施恩给她,向她伸出手中的金杖,以斯帖便上前摸杖头。 3王问道:“以斯帖王后啊,你有什么事?你有何要求?就是半壁江山,也必赐给你!” 4以斯帖回答说:“王若愿意,就请王今天带哈曼来赴我为王预备的宴席。” 5王说:“快召哈曼来,我们好照以斯帖的话做。”于是王带着哈曼以斯帖预备的宴席。 6席间,王对以斯帖说:“你要什么?我必赐给你。你有何要求?就是半壁江山,也必为你成全。” 7以斯帖回答说:“王啊,我所要、我所求的就是, 8我若得到王的恩宠,王若愿意赐我所要所求的,就请王明天带哈曼再来赴我预备的宴席,到时我一定向王禀明。”

哈曼图谋杀末底改

9那天哈曼出来,心中欢喜快乐。但他看见末底改在宫门前既不起身,也不对他表示畏惧,心中十分恼火。 10哈曼忍怒回到家中,把朋友和妻子细利斯叫来, 11向他们夸耀自己的荣华富贵和儿孙满堂,以及王怎样提拔他,使他位极人臣。 12哈曼又说:“还有,以斯帖王后只请了我随王赴她预备的宴席。她还请我明天随王赴宴。 13但只要我看见犹太末底改坐在宫门口,这一切对我都毫无意义。” 14他妻子细利斯和他所有的朋友对他说:“你可以叫人做一个二十二米半高的木架,明天早上求王将末底改吊在上面,然后你可以快乐地随王去赴宴。”哈曼喜欢这个提议,就叫人做了木架。

Hindi Contemporary Version

एस्तेर 5:1-14

एस्तेर द्वारा आयोजित महाभोज

1तब घटनाक्रम इस प्रकार है: उपवास के तृतीय दिन एस्तेर अपने राजकीय राजसी पोशाक धारण कर राजा के राजमहल के आंगन में राजा के कक्षों के सामने जा खड़ी हुई. राजा इस समय सिंहासन कक्ष में, जो राजमहल के प्रवेश के सम्मुख है, सिंहासन पर बैठा था. 2जब राजा ने रानी एस्तेर को आंगन में खड़ी हुई देखा, तब राजा के हृदय में एस्तेर के प्रति कृपा हुई और दिल आनंद से भर गया. राजा ने अपने हाथ में पकड़े हुए स्वर्ण राजदंड ले, एस्तेर की ओर में बढ़ा दिया. तब समय के अनुरूप एस्तेर ने आगे बढ़कर राजदंड के नोक को स्पर्श किया.

3राजा ने उससे पूछा, “रानी एस्तेर, क्या हुआ? क्या चाहती हो तुम? यदि तुमने मुझसे आधे साम्राज्य की भी याचना की, तो वह भी तुम्हें दे दिया जाएगा.”

4एस्तेर ने उत्तर दिया, “यदि महाराज मुझसे प्रसन्‍न हैं, तो महाराज एवं हामान आज मेरे द्वारा आयोजित भोज में शामिल होने का कष्ट करें.”

5राजा ने आदेश दिया, “तुरंत हामान को बुलाया जाए, कि हम एस्तेर की इच्छा को पूरी करें.”

तब राजा तथा हामान एस्तेर द्वारा तैयार किए गए भोज में सम्मिलित होने आए. 6जब भोज के अवसर पर दाखमधु पीने बैठे थे, राजा ने एस्तेर से प्रश्न किया, “क्या है तुम्हारी याचना, कि इसको पूरी की जा सके. क्या है तुम्हारा आग्रह? यदि वह मेरे आधे साम्राज्य तक है, पूर्ण किया जाएगा.”

7एस्तेर ने उत्तर दिया, “मेरी याचना तथा बिनती यह है 8यदि मैंने राजा की कृपा प्राप्‍त कर ली है, तथा यदि मेरा आग्रह पूर्ण करने में राजा ने स्वीकार किया है और वह मेरी विनती पूर्ण करने के लिये भी तत्पर हैं, तो क्या राजा एवं हामान मेरे द्वारा तैयार किए गए भोज पर कल भी आ सकेंगे, तब मैं वही करूंगी, जो राजा आदेश देंगे.”

हामान का क्रोध

9उस दिन हामान बहुत आनंदित हृदय के साथ लौटा; किंतु जैसे ही हामान की दृष्टि मोरदकय पर पड़ी, जो उस समय राजमहल के द्वार पर ही था, जिसने उसके सामने खड़ा होकर अभिनंदन करना उचित न समझा और न ही उसे सम्मान देना उचित समझा, हामान मोरदकय के प्रति क्रोध से भर उठा. 10फिर भी हामान ने स्वयं पर नियंत्रण बनाए रखा और अपने घर को लौट गया.

उसने अपने मित्रों एवं पत्नी ज़ेरेष को अपने पास में बुला लिया. 11उनके सामने हामान ने अपने वैभव एवं समृद्धि का, अपने पुत्रों की संख्या का तथा हर एक घटना का उल्लेख किया, जिनमें राजा ने उसकी प्रशंसा का वर्णन किया तथा राजा द्वारा, अन्य सभी शासकों एवं राजा के अधिकारियों की अपेक्षा उसे ऊंचा पद देने की अपेक्षा वर्णन किया गया. 12हामान ने यह भी कहा, “यह भी मालूम है कि रानी एस्तेर ने राजा के साथ किसी अन्य को आमंत्रित न कर मात्र मुझे ही आमंत्रित करना उचित समझा. 13फिर भी, इतना सब होने पर भी मुझे कोई चैन नहीं मिलता, जब कभी मैं यहूदी मोरदकय को राजमहल परिसर द्वार पर बैठा हुआ देखता हूं.”

14यह सुन उनकी पत्नी ज़ेरेष तथा उसके समस्त मित्रों ने यह सुझाव दिया “आप बीस मीटर ऊंचा एक फांसी का खंभा बनवा दीजिए तथा सुबह जाकर राजा से अनुरोध कर मोरदकय को लटका दीजिए. और आप जाइए और राजा के साथ भोज का आनंद उठाइए.” हामान को यह परामर्श सही लगा तब उसने उस स्तंभ का निर्माण करवा डाला.