尼希米记 1 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

尼希米记 1:1-11

尼希米的祷告

1以下是哈迦利亚的儿子尼希米的记述。

波斯亚达薛西二十年基斯流月1:1 “基斯流月”即希伯来历的九月,阳历是十一月中旬到十二月中旬。,我在书珊城里。 2我的一个兄弟哈拿尼和一些人从犹大来到这里,我问他们有关从流亡之地归回的犹太余民和耶路撒冷的情况。 3他们回答说:“那些从流亡之地归回犹大省的余民深陷苦难,饱受凌辱。耶路撒冷的城墙已经倒塌,城门也被烧毁。”

4我一听见这消息,就坐下痛哭,悲伤了好几天。我在天上的上帝面前禁食祷告,说:

5“天上的上帝耶和华啊,你是伟大而可畏的上帝,你向爱你、守你诫命的人守约,施慈爱。 6仆人在你面前昼夜为你的众仆人以色列民祈祷,求你睁眼察看,侧耳倾听。我承认以色列人向你所犯的罪,包括我和我的家族所犯的罪。 7我们用非常败坏的行为得罪你,没有遵守你赐给你仆人摩西的诫命、律例和典章。 8求你顾念你对你仆人摩西所说的话,‘如果你们不忠,我必把你们驱散到列邦中。 9但如果你们转向我,谨遵我的诫命,即使你们流落天涯,我也必从那里把你们召集到我选为我名所在之地。’ 10他们是你的仆人、你的子民,是你用大能大力救赎的。 11主啊,求你侧耳听你仆人的祷告,垂听那些喜爱敬畏你名的众仆人的祈求,使你仆人今天亨通,在王面前蒙恩。”

我是王的酒侍。

Hindi Contemporary Version

नेहेमियाह 1:1-11

नेहेमियाह की प्रार्थना

1यह हाकालियाह के पुत्र नेहेमियाह के वचन हैं.

यह घटना बीसवें वर्ष के किसलेव महीने की है, जब मैं राजधानी शूशन में था, 2यहूदिया से कुछ लोग मेरे एक रिश्तेदार हनानी के साथ आए; मैंने उनसे येरूशलेम के बारे में और उन यहूदियों के बारे में जानकारी पाई, जो बंधुआई से बच निकले थे और जो अब जीवित थे.

3उन्होंने मुझे बताया, “वह बचे हुए यहूदी, जो बंधुआई से जीवित बच निकल आये हैं और जो इस समय उस प्रदेश में रह रहे हैं, वे बड़े दर्द में और निंदनीय अवस्था में हैं. येरूशलेम की शहरपनाह टूट चुकी है और उसके प्रवेश फाटक जला दिए जा चुके हैं.”

4यह सुनकर मैं बैठकर रोने लगा और मैं बहुत दिन रोता रहा; कुछ दिन तक मैं स्वर्ग के परमेश्वर के सामने उपवास और प्रार्थना करता रहा. 5मैंने कहा:

“याहवेह, स्वर्ग के परमेश्वर यह मेरी प्रार्थना है, आप जो महान और आदरणीय परमेश्वर हैं, आप, जो उनके प्रति अपनी वाचा और अपनी करुणा रखते हैं, जो आपके प्रति अपने प्रेम में अटल और आज्ञापालन करते हैं, 6आपके सेवक की प्रार्थना की ओर आपके कान लगे रहें और आपकी आंखें खुली रहें, कि आप अपने सेवक की प्रार्थना सुनें, मैं आपके चरणों में आपके सेवक इस्राएल वंशजों की ओर से दिन-रात यह प्रार्थना कर रहा हूं. इस्राएलियों ने और हमने जो पाप आपके विरुद्ध किए हैं, उन्हें मैं स्वीकार कर रहा हूं. मैंने और मेरे पिता के परिवार ने पाप किए हैं. 7हमारा आचरण आपके सामने बहुत ही दुष्टता से भरा रहा है. हमने आपके आदेशों का पालन नहीं किया है, न ही हमने आपके नियमों और विधियों का पालन ही किया है, जिनका आदेश आपने अपने सेवक मोशेह को दिया था.

8“आप अपने उस आदेश को याद कीजिए, जो आपने अपने सेवक मोशेह को इस प्रकार दिया था: ‘यदि तुम अविश्वासी हो जाओगे तो मैं तुम्हें देशों के बीच बिखरा दूंगा. 9मगर यदि तुम मेरी ओर फिरकर मेरे आदेशों का पालन करके उनका अनुसरण करोगे, तो तुममें से बिखरे हुए लोगों को यदि दूर आकाश के नीचे तक कर दिया गया है, मैं वहां से भी उस जगह पर ले आऊंगा, जिस जगह को मैंने अपनी प्रतिष्ठा की स्थापना के लिए सही समझा है.’

10“वे आपके ही सेवक हैं, आपकी ही प्रजा, जिन्हें आपने अपने असाधारण सामर्थ्य और बलवंत हाथ से छुड़ा लिया था. 11प्रभु, आपसे मेरी प्रार्थना है, अपने सेवक की विनती पर कान लगाएं और उन सेवकों की प्रार्थनाओं पर, जो आपका भय मानते हैं. आज अपने सेवक को सफलता देकर उसके प्रति इस व्यक्ति पर दया कीजिए.”

मैं इस समय राजा के लिए पिलाने वाले के पद पर था.