स्तोत्र 71:9-18 HCV

स्तोत्र 71:9-18

मेरी वृद्धावस्था में मेरा परित्याग न कीजिए;

अब, जब मेरा बल घटता जा रहा है, मुझे भूल न जाइए,

क्योंकि मेरे शत्रुओं ने मेरे विरुद्ध स्वर उठाना प्रारंभ कर दिया है;

जो मेरे प्राण लेने चाहते हैं, वे मेरे विरुद्ध षड़्‍यंत्र रच रहे हैं.

वे कहते फिर रहे हैं, “परमेश्वर तो उसे छोड़ चुके हैं,

उसे खदेड़ो और उसे जा पकड़ो,

कोई नहीं रहा उसे बचाने के लिए.”

परमेश्वर, मुझसे दूर न रहिए;

तुरंत मेरी सहायता के लिए आ जाइए.

वे, जो मुझ पर आरोप लगाते हैं, लज्जा में ही नष्ट हो जाएं;

जो मेरी हानि करने पर सामर्थ्यी हैं,

लज्जा और अपमान में समा जाएं.

जहां तक मेरा प्रश्न है, मैं आशा कभी न छोड़ूंगा;

आपका स्तवन मैं अधिक-अधिक करता जाऊंगा.

सारे दिन मैं अपने मुख से आपके धर्ममय कृत्यों के

तथा आपके उद्धार के बारे में बताता रहूंगा;

यद्यपि मुझे इनकी सीमाओं का कोई ज्ञान नहीं है.

मैं प्रभु याहवेह के विलक्षण कार्यों की घोषणा करता हुआ आऊंगा;

मेरी घोषणा का विषय होगा मात्र आपकी धार्मिकता, हां, मात्र आपकी.

परमेश्वर, मेरे बचपन से ही आप मुझे शिक्षा देते आए हैं,

आज तक मैं आपके महाकार्य की घोषणा कर रहा हूं.

आज जब मैं वृद्ध हो चुका हूं, मेरे केश पक चुके हैं,

परमेश्वर, मुझे उस समय तक न छोड़ना,

जब तक मैं अगली पीढ़ी को आपके सामर्थ्य

तथा आपके पराक्रम के विषय में शिक्षा न दे दूं.

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