स्तोत्र 69:29-36 HCV

स्तोत्र 69:29-36

मैं पीड़ा और संकट में पड़ा हुआ हूं,

परमेश्वर, आपके उद्धार में ही मेरी सुरक्षा हो.

मैं परमेश्वर की महिमा गीत के द्वारा करूंगा,

मैं धन्यवाद के साथ उनके तेज की बड़ाई करूंगा.

इससे याहवेह बछड़े के बलि अर्पण से अधिक प्रसन्‍न होंगे;

अथवा सींग और खुरयुक्त सांड़ की बलि से.

दरिद्रों के लिए यह हर्ष का विषय होगा.

तुम, जो परमेश्वर के खोजी हो, इससे नया बल प्राप्‍त करो!

याहवेह असहायों की सुनते हैं,

उन्हें बंदियों से घृणा नहीं है.

आकाश और पृथ्वी उनकी वंदना करें, हां,

महासागर और उसमें चलते फिरते सभी प्राणी भी,

क्योंकि परमेश्वर ज़ियोन की रक्षा करेंगे;

वह यहूदिया प्रदेश के नगरों का पुनःनिर्माण करेंगे.

तब प्रभु की प्रजा वहां बस जाएगी और उस क्षेत्र पर अधिकार कर लेगी.

यह भूमि प्रभु के सेवकों की संतान का भाग हो जाएगी,

तथा जो प्रभु पर श्रद्धा रखते हैं, वहां निवास करेंगे.

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