स्तोत्र 119:145-152 HCV

स्तोत्र 119:145-152

याहवेह, मैं संपूर्ण हृदय से आपको पुकार रहा हूं,

मुझे उत्तर दीजिए, कि मैं आपकी विधियों का पालन कर सकूं.

मैं आपको पुकार रहा हूं; मेरी रक्षा कीजिए,

कि मैं आपके अधिनियमों का पालन कर सकूं.

मैं सूर्योदय से पूर्व ही जाग कर सहायता के लिये पुकारता हूं;

मेरी आशा आपके वचन पर आधारित है.

रात्रि के समस्त प्रहरों में मेरी आंखें खुली रहती हैं,

कि मैं आपकी प्रतिज्ञाओं पर मनन कर सकूं.

अपने करुणा-प्रेम के कारण मेरी पुकार सुनिए;

याहवेह, अपने ही नियमों के अनुरूप मुझमें नवजीवन का संचार कीजिए.

जो मेरे विरुद्ध बुराई की युक्ति रच रहे हैं, मेरे निकट आ गए हैं,

किंतु वे आपकी व्यवस्था से दूर हैं.

फिर भी, याहवेह, आप मेरे निकट हैं,

और आपके सभी आदेश प्रामाणिक हैं.

अनेक-अनेक वर्ष पूर्व मैंने आपके अधिनियमों से यह अनुभव कर लिया था

कि आपने इनकी स्थापना ही इसलिये की है कि ये सदा-सर्वदा स्थायी बने रहें.

ר रेश

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