सर्वश्रेष्ठ गीत 1:1-17, सर्वश्रेष्ठ गीत 2:1-17, सर्वश्रेष्ठ गीत 3:1-11, सर्वश्रेष्ठ गीत 4:1-16 HCV
सर्वश्रेष्ठ गीत 1:1-17
शलोमोन द्वारा रचित गीतों का गीत.
नायिका
वह अपने मुख के चुम्बनों से मेरा चुंबन करे!
क्योंकि तुम्हारा प्रेम दाखमधु से उत्तम है.
तुम्हारे विभिन्न ईत्रों की सुगंध सुखद है,
तुम्हारा नाम उण्डेले हुए इत्र के समान है;
इसलिये आश्चर्य नहीं कि तुम कन्याओं के आकर्षण का केंद्र हो.
मुझे अपने पास ले लो कि हम दोनों दूर चले जाएं!
राजा मुझे अपने कमरों में ले आए हैं.
सहेलियां
हम तुममें आनंदित हो मगन होंगी;
हम दाखमधु से ज्यादा तुम्हारे प्रेम का गुणगान करेंगी.
नायिका
ठीक ही है तुम्हारे प्रति उनका आकर्षण.
मेरा रंग सांवला तो अवश्य है, मगर मैं सुंदर हूं,
येरूशलेम की कन्याओ,
केदार के तंबुओं के समान,
शलोमोन के पर्दों के समान.
मुझे इस तरह से न देखो कि मैं सांवली हूं,
यह तो धूप में झुलसने से हुआ है.
मेरी माता के पुत्र मुझ पर गुस्सा हो गए;
उन्होंने मुझे अंगूर के बगीचे की देखरेख की जवाबदारी सौंप दी,
मगर मैं खुद ही अपने अंगूर के बगीचे का ध्यान न रख सकी.
मेरे प्राणप्रिय, मुझे यह तो बता दो, कहां हैं वे चरागाह,
जहां तुम अपनी भेड़-बकरियां चराते हो,
वह कौन सी जगह है जहां तुम दोपहर में उन्हें आराम के लिए बैठा देते हो?
क्योंकि मैं तुम्हारे साथियों की भेड़-बकरियों के पास उसके समान क्यों बनूं,
जो अपना मुंह छिपाए रखती है?
मित्रगण
स्त्रियों में परम सुंदरी, यदि स्वयं तुम्हें ही यह मालूम नहीं है,
भेड़-बकरियों के पांव के निशानों पर चलती जाओ
और अपने मेमनों को चरवाहों के
तंबुओं के पास चराओ.
नायक
मेरी प्रियतमा, मेरे लिए तुम वैसी ही हो,
जैसी फ़रोह के रथों के बीच मेरी घोड़ी.
गहनों के साथ तुम्हारे गाल क्या ही सुंदर लगते हैं,
वैसे ही हीरों के हार के साथ तुम्हारी गर्दन.
हम तुम्हारे लिए ऐसे गहने गढ़ेंगे,
जो चांदी में जड़े हुए सोने के होंगे.
नायिका
जब महाराज बैठे हुए थे,
मेरा इत्र अपनी खुशबू फैला रहा था.
मेरा प्रियतम मेरे लिए उस गन्धरस की थैली है,
जो सारी रात मेरे स्तनों के बीच रहती है.
मेरा प्रियतम मेरे लिए मेंहदी के फूलों के गुच्छे के समान है,
जो एन-गेदी के अंगूरों के बगीचों में पाए जाते हैं.
नायक
मेरी प्रियतमा, कितनी सुंदर हो तुम!
ओह, तुम वास्तव में कितनी सुंदर हो!
तुम्हारी आंखें कबूतरी के समान हैं.
नायिका
कितने सुंदर लगते हो, तुम, मेरे प्रियतम!
तथा आनन्द-दायक भी!
वास्तव में कितना भव्य है हमारा बिछौना.
नायक
हमारे घरों की धरनें देवदार की हैं;
तथा छतें सनोवर की.
सर्वश्रेष्ठ गीत 2:1-17
नायिका
मैं शारोन का गुलाब हूं,
घाटियों की कुमुदिनी.
नायक
कन्याओं के बीच
मेरी प्रिया कांटों के बीच कुमुदिनी के समान है.
नायिका
मेरा प्रियतम जवानों के बीच वैसा ही लगता है,
जैसा जंगली पेड़ों के बीच एक सेब का पेड़.
उसकी छाया में मेरा बैठना सुखद अनुभव था,
मीठा था उसके फल का स्वाद.
वह मुझे अपने महाभोज के कमरे में ले आया,
तथा प्रेम ही मुझ पर उसका झंडा है.
अंगूर की टिकियों से मुझमें बल भर दो,
सेब खिलाकर मुझमें नई ताज़गी भर दो,
क्योंकि मुझे प्रेम रोग हो गया है.
उसका बायां हाथ मेरे सिर के नीचे हो,
तथा दाएं हाथ से वह मेरा आलिंगन करे.
येरूशलेम की कन्याओ,
तुम्हें मैदान के हिरणों तथा हिरणियों की शपथ, मुझको वचन दो,
जब तक सही समय न आए,
मेरे प्रेम को न जगाना.
सुनो-सुनो!
मेरा प्रियतम आ रहा है,
पर्वतों को पार कर,
पहाड़ियों पर उछलते हुए.
मेरा प्रियतम एक चिंकारे अथवा एक हिरण के समान है.
वह देखो, वह हमारी दीवार के पीछे ही खड़ा है,
वह खिड़कियों में से देख रहा है,
वह जाली में से झांक रहा है.
इसके उत्तर में मेरे प्रियतम ने मुझसे कहा,
“उठो, मेरी प्रियतमा,
मेरी सुंदरी, मेरे साथ चलो.
क्योंकि देख लो! जाड़ा जा रहा है;
वर्षा ऋतु भी हो चुकी है.
देश में फूल खिल चुके हैं;
गुनगुनाने का समय आ चुका है,
हमारे देश में कबूतरों का
गीत सुनाई देने लगा है.
अंजीर के पेड़ में अंजीर पक चुके हैं;
लताओं पर खिले फूल सुगंध फैला रहे हैं.
उठो, मेरी प्रियतमा;
मेरी सुंदरी, मेरे साथ चलो.”
नायक
चट्टान की दरारों में,
चढ़ाई के रास्ते के गुप्त स्थानों में बैठी मेरी कबूतरी,
मैं तुम्हारा मुख देखना चाहता हूं,
मैं तुम्हारी आवाज सुनना चाहता हूं;
क्योंकि मीठी है तुम्हारी आवाज,
सुंदर है तुम्हारा मुखमंडल.
हमारे लिए उन लोमड़ियों को पकड़ लो,
उन छोटी लोमड़ियों को,
जो हमारे अंगूर के बगीचों को नष्ट कर रही हैं,
जब हमारे अंगूर के बगीचों में फूल खिल रहे हैं.
नायिका
मेरा प्रियतम सिर्फ मेरा ही है और मैं उसकी;
वह अपनी भेड़-बकरियों को सोसन के फूलों के बीच में चरा रहा है.
शाम के आने तक
जब छाया मिटने लगती है,
मेरे प्रिय, बतेर पहाड़ों पर
के हिरण के समान,
हां, हिरण के बच्चे
के समान लौट आओ.
सर्वश्रेष्ठ गीत 3:1-11
अपने बिछौने पर मैं हर रात उसका इंतजार करती रही,
जो मुझे प्राणों से भी प्रिय है;
मैं उसे खोजती रही, मगर मेरी खोज बेकार रही.
अब ठीक तो यही होगा कि मैं उठूं और नगर में जाकर खोज करूं,
गलियों में और चौकों में;
यह ज़रूरी है कि मैं उसे खोजूं, जो मेरे लिए प्राणों से भी अधिक प्रिय है.
मैं खोजती रही, किंतु मेरी खोज बेकार ही रही.
वे पहरेदार, जो नगर में घूमते रहते हैं,
उनसे मेरी मुलाकात हुई.
मैंने उनसे पूछा, “क्या तुमने उसे देखा है, जो मुझे प्राणों से प्रिय है?”
मैं पहरेदारों से कुछ ही दूर गई थी,
कि वह मुझे मिल गया, जो मेरे लिए प्राणों से भी अधिक प्रिय है,
मैं उससे लिपट गई, मैंने उसे जाने न दिया,
तब मैं उसे अपनी माता के घर पर ले गई,
उसके कमरे में, जिसने मुझे अपने गर्भ में धारण किया था.
येरूशलेम की कन्याओ,
तुम्हें मैदान के हिरणों तथा हिरणियों की शपथ,
मुझको वचन दो, जब तक सही समय न आए,
मेरे प्रेम को न जगाना.
रेगिस्तान की दिशा से धुएं के खंभे के
समान यह क्या बढ़ा चला आ रहा है,
यह लोबान और गन्धरस से सुगंधित है,
व्यापारियों के सारे चूर्णों से भी सुगंधित?
देखो-देखो, यह शलोमोन की पालकी है,
साठ योद्धा उसे घेरे हुए हैं,
ये इस्राएल के शूरवीरों में से चुने हुए हैं.
वे सभी तलवार लिए हुए हैं,
युद्ध कला में बेहतरीन,
हर एक ने अपनी तलवार अपने पास रखी है,
ये रात के आतंक का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
यह पालकी राजा शलोमोन ने अपने लिए बनवाई है;
इसमें इस्तेमाल की गई लकड़ी लबानोन से लाई गई थी.
इसके खंभे चांदी के,
तथा सतह सोने का है.
इसमें बैठने के स्थान के लिए बैंगनी वस्त्र का इस्तेमाल हुआ है,
इसके अंदर के भाग को येरूशलेम की कन्याओं द्वारा प्रेम से मढ़ दिया गया है.
ज़ियोन की कन्याओ, आगे बढ़ो, मुकुट पहने हुए महाराज शलोमोन को निहारो,
यह उसकी माता ने उसे पहनाया है,
यह उसके विवाह का दिन है,
यह वह दिन है, जब वह बहुत ही खुश है.
सर्वश्रेष्ठ गीत 4:1-16
नायक
कितनी सुंदर हो तुम मेरी प्रिया!
मेरी आंखों के लिए कितनी प्रिय हो तुम!
ओढ़नी के पीछे तुम्हारी आंखें कबूतरी के समान हैं.
तुम्हारे बाल गिलआद पर्वत की ढाल पर
चढ़ाई कर रही बकरियों के समान हैं.
तुम्हारे दांत अभी-अभी ऊन कतरे हुए भेड़ों के समान हैं,
जो नहाकर आईं हैं,
उन सभी के जुड़वां बच्चे होते हैं,
तथा जिनमें से एक भी अकेला नहीं है.
तुम्हारे ओंठ लाल रंग की डोरी के समान हैं;
तथा मनमोहन है तुम्हारा मुंह.
तुम्हारे गाल तुम्हारी ओढ़नी
के पीछे अनार की दो फांक के समान हैं.
दावीद द्वारा बनाए गए मीनारों के समान है तुम्हारी गर्दन,
जिन्हें पत्थरों को तराशकर बनाया गया है,
जिन पर एक हज़ार ढालें लटका दी जाती हैं,
वीर योद्धाओं की सभी गोलाकार ढालें.
तुम्हारी दोनों छातियां हिरणी के दो बच्चों के समान हैं,
हिरणी के जुड़वां बच्चे,
जो सोसन के फूलों के बीच चरते हैं.
शाम होने तक
जब छाया मिटने लगती है,
मैं गन्धरस के पहाड़ पर चला जाऊंगा,
हां, लोबान की पहाड़ी पर.
मेरी प्रियतमा, तुम सर्वांग सुंदरी हो;
कोई भी दोष नहीं है तुममें.
मेरी दुल्हिन, मेरे साथ लबानोन से आ जाओ,
कैसा होगा जब तुम मेरे साथ लबानोन से आओगी.
उतर आओ; अमाना शिखर से,
सेनीर तथा हरमोन के शिखर से,
शेरों की गुफाओं से,
तेंदुओं के पर्वतों से.
मेरी बहन, मेरी दुल्हिन, तुमने तो मेरी हृदय गति तेज कर दी है;
तुम्हारे गले के हार के एक ही हीरे से,
तुम्हारी आंखों के एक ही चितवन से,
तुमने तो मेरी हृदय गति तेज कर दी है!
मेरी बहन, मेरी दुल्हिन, कैसा मनोहर है तुम्हारा प्रेम!
दाखमधु से भी उत्तम है तुम्हारा प्रेम,
तथा तुम्हारे ईत्रों की सुगंध भी उत्तमोत्तर है
सभी मसालों की सुगंध से!
मेरी दुल्हिन, तुम्हारे ओंठ मधु टपकाते हैं;
तुम्हारी जीभ के नीचे दूध और मधु रहता है,
तुम्हारे वस्त्रों से उठती सुगंध
लबानोन की सुगंध के समान है.
मेरी बहन, मेरी दुल्हिन एक गुप्त निजी बगीचा है;
चारदीवारी में बंद तथा निजी झरने वाला बगीचा.
तुम तो अनार के पेड़ों की बारी हो, जिसमें सबसे अच्छे फल लगे हुए हैं
तथा जिसमें मेंहदी
तथा जटामांसी के पौधे लगे हुए हैं.
जटामांसी एवं केसर,
नरकुल तथा दालचीनी,
ये सभी गन्धरस,
लोबान तथा अगर
तथा इनके सारे मुख्य मसालों के मिश्रण के साथ.
तुम तो बगीचे के बीच का सोता हो,
सुखदायी जल का कुंआ,
वे नदियां, जो लबानोन से निकली हैं.
नायिका
उत्तरी वायु, जागो,
दक्षिण वायु! आ जाओ;
मेरे बगीचे के ऊपर से बहो,
इसके मसालों के मिश्रण उड़कर दूर चले जाएं.
कैसा हो यदि मेरा प्रेमी अपने बगीचे में आ जाए
तथा इसके उत्तम-उत्तम फलों को खाए.