स्तोत्र 94:12-23 HCV

स्तोत्र 94:12-23

याहवेह, धन्य होता है वह पुरुष, जो आपके द्वारा प्रताड़ित किया जाता है,

जिसे आप अपनी व्यवस्था से शिक्षा देते हैं;

विपत्ति के अवसर पर आप उसे चैन प्रदान करते हैं,

दुष्ट के लिए गड्ढा खोदे जाने तक.

कारण यह है कि याहवेह अपनी प्रजा का परित्याग नहीं करेंगे;

वह कभी भी अपनी निज भाग को भूलते नहीं.

धर्मियों को न्याय अवश्य प्राप्‍त होगा

और सभी सीधे हृदय इसका अनुसरण करेंगे.

मेरी ओर से बुराई करनेवाले के विरुद्ध कौन खड़ा होगा?

कुकर्मियों के विरुद्ध मेरा साथ कौन देगा?

यदि स्वयं याहवेह ने मेरी सहायता न की होती,

शीघ्र ही मृत्यु की चिर-निद्रा मेरा आवास हो गई होती.

यदि मैंने कहा, “मेरा पांव फिसल गया है,”

याहवेह, आपका करुणा-प्रेम मुझे थाम लेगा.

जब मेरा हृदय अत्यंत व्याकुल हो गया था,

आपकी ही सांत्वना ने मुझे हर्षित किया है.

क्या दुष्ट शासक के आपके साथ संबंध हो सकते हैं,

जो राजाज्ञा की आड़ में प्रजा पर अन्याय करते हैं?

वे सभी धर्मी के विरुद्ध एकजुट हो गए हैं

और उन्होंने निर्दोष को मृत्यु दंड दे दिया है.

किंतु स्थिति यह है कि अब याहवेह मेरा गढ़ बन गए हैं,

तथा परमेश्वर अब मेरे आश्रय की चट्टान हैं.

वही उनकी दुष्टता का बदला लेंगे,

वही उनकी दुष्टता के कारण उनका विनाश कर देंगे;

याहवेह हमारे परमेश्वर निश्चयतः उन्हें नष्ट कर देंगे.

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