स्तोत्र 37:1-9
स्तोत्र 37
दावीद की रचना
दुष्टों के कारण मत कुढ़ो,
कुकर्मियों से डाह मत करो;
क्योंकि वे तो घास के समान शीघ्र मुरझा जाएंगे,
वे हरे पौधे के समान शीघ्र नष्ट हो जाएंगे.
याहवेह में भरोसा रखते हुए वही करो, जो उपयुक्त है;
कि तुम सुरक्षित होकर स्वदेश में खुशहाल निवास कर सको.
तुम्हारा आनंद याहवेह में मगन हो,
वही तुम्हारे मनोरथ पूर्ण करेंगे.
याहवेह को अपने जीवन की योजनाएं सौंप दो;
उन पर भरोसा करो और वे तुम्हारे लिए ये सब करेंगे:
वे तुम्हारी धार्मिकता को सबेरे के सूर्य के समान
तथा तुम्हारी सच्चाई को मध्याह्न के सूर्य समान चमकाएंगे.
याहवेह के सामने चुपचाप रहकर
धैर्यपूर्वक उन पर भरोसा करो;
जब दुष्ट पुरुषों की युक्तियां सफल होने लगें
अथवा जब वे अपनी बुराई की योजनाओं में सफल होने लगें तो मत कुढ़ो!
क्रोध से दूर रहो, कोप का परित्याग कर दो;
कुढ़ो मत! इससे बुराई ही होती है.
कुकर्मी तो काट डाले जाएंगे,
किंतु याहवेह के श्रद्धालुओं के लिए भाग आरक्षित है.