स्तोत्र 27:7-14
याहवेह, मेरी वाणी सुनिए;
मुझ पर कृपा कर मुझे उत्तर दीजिए.
आपने कहा, “मेरे खोजी बनो!” मेरा हृदय आपसे यह कहता है,
याहवेह, मैं आपका ही खोजी बनूंगा.
मुझसे अपना मुखमंडल न छिपाइए,
क्रोध में अपने सेवक को दूर न कीजिए;
आप ही मेरे सहायक रहे हैं.
मेरे परमेश्वर, मेरे उद्धारक
मुझे अस्वीकार न कीजिए और न मेरा परित्याग कीजिए.
मेरे माता-पिता भले ही मेरा परित्याग कर दें,
किंतु याहवेह मुझे स्वीकार कर लेंगे.
याहवेह, मुझे अपने आचरण की शिक्षा दें;
मेरे शत्रुओं के मध्य सुरक्षित
मार्ग पर मेरी अगुवाई करें.
मुझे मेरे शत्रुओं की इच्छापूर्ति का साधन होने के लिए न छोड़ दें,
मेरे विरुद्ध झूठे साक्ष्य उठ खड़े हुए हैं,
वे सभी हिंसा पर उतारू हैं.
मुझे यह पूर्ण निश्चय है:
कि मैं इसी जीवन में,
याहवेह की कृपादृष्टि का अनुभव करूंगा.
याहवेह में अपनी आशा स्थिर रखो;
दृढ़ रहकर साहसी बनो,
हां, याहवेह पर भरोसा रखो.