स्तोत्र 18:37-42
मैंने अपने शत्रुओं का पीछा कर उन्हें नाश कर दिया है;
जब तक वे पूरी तरह नाश न हो गए मैं लौटकर नहीं आया.
मैंने उन्हें ऐसा कुचल दिया कि वे पुनः सिर न उठा सकें;
वे तो मेरे पैरों में आ गिरे.
आपने मुझे युद्ध के लिए आवश्यक शक्ति से भर दिया;
आपने उन्हें, जो मेरे विरुद्ध उठ खड़े हुए थे, मेरे सामने झुका दिया.
आपने मेरे शत्रुओं को पीठ दिखाकर भागने पर विवश कर दिया, वे मेरे विरोधी थे.
मैंने उन्हें नष्ट कर दिया.
उन्होंने मदद के लिए पुकारा, मगर उनकी रक्षा के लिए कोई भी न आया.
उन्होंने याहवेह की भी दोहाई दी, मगर उन्होंने भी उन्हें उत्तर न दिया.
मैंने उन्हें ऐसा कुचला कि वे पवन में उड़ती धूल से हो गए;
मैंने उन्हें मार्ग के कीचड़ के समान अपने पैरों से रौंद डाला.