स्तोत्र 148:7-14 HCV

स्तोत्र 148:7-14

पृथ्वी से याहवेह का स्तवन किया जाए,

महासागर तथा उनके समस्त विशालकाय प्राणी,

अग्नि और ओले, हिम और धुंध,

प्रचंड बवंडर उनका आदेश पालन करते हैं,

पर्वत और पहाड़ियां,

फलदायी वृक्ष तथा सभी देवदार,

वन्य पशु और पालतू पशु,

रेंगते जंतु और उड़ते पक्षी,

पृथ्वी के राजा और राज्य के लोग,

प्रधान और पृथ्वी के समस्त शासक,

युवक और युवतियां,

वृद्ध और बालक.

सभी याहवेह की महिमा का गुणगान करें,

क्योंकि मात्र उन्हीं की महिमा सर्वोच्च है;

उनका ही तेज पृथ्वी और आकाश से महान है.

अपनी प्रजा के लिए उन्होंने एक सामर्थ्यी राजा का उद्भव किया है,

जो उनके सभी भक्तों के गुणगान का पात्र हैं,

इस्राएली प्रजा के लिए, जो उनकी अत्यंत प्रिय है.

याहवेह की स्तुति हो.

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