स्तोत्र 145:13-21 HCV

स्तोत्र 145:13-21

आपका साम्राज्य अनंत साम्राज्य है,

तथा आपका प्रभुत्व पीढ़ी से पीढ़ी बना रहता है.

याहवेह अपनी समस्त प्रतिज्ञाओं में निष्ठ हैं;

उनके समस्त कार्यों में उनकी कृपा बनी रहती है.

उन सभी को, जो गिरने पर होते हैं, याहवेह संभाल लेते हैं

और जो झुके जा रहे हैं, उन्हें वह थाम कर सीधे खड़ा कर देते हैं.

सभी की दृष्टि अपेक्षा में आपकी ओर लगी रहती है,

और आप उपयुक्त अवसर पर उन्हें आहार प्रदान करते हैं.

आप अपना हाथ उदारतापूर्वक खोलते हैं;

आप हर एक जीवित प्राणी की इच्छा को पूरी करते हैं.

याहवेह अपनी समस्त नीतियों में सीधे हैं,

उनकी सभी गतिविधियों में सच्चा हैं.

याहवेह उन सभी के निकट होते हैं, जो उन्हें पुकारते हैं,

उनके निकट, जो सच्चाई में उन्हें पुकारते हैं.

वह अपने श्रद्धालुओं की अभिलाषा पूर्ण करते हैं;

वह उनकी पुकार सुनकर उनकी रक्षा भी करते हैं.

याहवेह उन सभी की रक्षा करते हैं, जिन्हें उनसे प्रेम है,

किंतु वह दुष्टों को नष्ट कर देंगे.

मेरा मुख याहवेह का गुणगान करेगा.

सभी सदा-सर्वदा

उनके पवित्र नाम का स्तवन करते रहें.

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