स्तोत्र 107:10-22
कुछ ऐसे थे, जो अंधकार में,
गहनतम मृत्यु की छाया में बैठे हुए थे, वे बंदी लोहे की बेड़ियों में यातना सह रहे थे,
क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के आदेशों के विरुद्ध विद्रोह किया था
और सर्वोच्च परमेश्वर के निर्देशों को तुच्छ समझा था.
तब परमेश्वर ने उन्हें कठोर श्रम के कार्यों में लगा दिया;
वे लड़खड़ा जाते थे किंतु कोई उनकी सहायता न करता था.
अपनी विपत्ति की स्थिति में उन्होंने याहवेह को पुकारा,
याहवेह ने उन्हें उनकी दुर्दशा से छुड़ा लिया.
परमेश्वर ने उन्हें अंधकार और मृत्यु-छाया से बाहर निकाल लिया,
और उनकी बेड़ियों को तोड़ डाला.
उपयुक्त है कि वे याहवेह के प्रति उनके करुणा-प्रेम के लिए
तथा उनके द्वारा मनुष्यों के हित में किए गए अद्भुत कार्यों के लिए उनका आभार व्यक्त करें,
क्योंकि वही कांस्य द्वारों को तोड़ देते
तथा लोहे की छड़ों को काटकर विभक्त कर डालते हैं.
कुछ ऐसे भी थे, जो विद्रोह का मार्ग अपनाकर मूर्ख प्रमाणित हुए,
जिसका परिणाम यह हुआ, कि उन्हें अपने अपराधों के कारण ही पीड़ा सहनी पड़ी.
उन्हें सभी प्रकार के भोजन से घृणा हो गई
और वे मृत्यु-द्वार तक पहुंच गए.
अपनी विपत्ति की स्थिति में उन्होंने याहवेह को पुकारा,
याहवेह ने उन्हें उनकी दुर्दशा से छुड़ा लिया.
उन्होंने आदेश दिया और वे स्वस्थ हो गए
और उन्होंने उन्हें उनके विनाश से बचा लिया.
उपयुक्त है कि वे याहवेह के प्रति उनके करुणा-प्रेम107:21 करुणा-प्रेम मूल में ख़ेसेद इस हिब्री शब्द का अर्थ में अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा ये शामिल हैं के लिए
तथा उनके द्वारा मनुष्यों के हित में किए गए अद्भुत कार्यों के लिए उनका आभार व्यक्त करें.
वे धन्यवाद बलि अर्पित करें
और हर्षगीतों के माध्यम से उनके कार्यों का वर्णन करें.