सूक्ति संग्रह 24:15-22 HCV

सूक्ति संग्रह 24:15-22

सत्ताईसवां सूत्र

दुष्ट व्यक्ति! धर्मी व्यक्ति के घर पर घात लगाकर न बैठ

और न उसके विश्रामालय को नष्ट करने की युक्ति कर;

क्योंकि सात बार गिरने पर भी धर्मी व्यक्ति पुनः उठ खड़ा होता है,

किंतु दुष्टों को विपत्ति नष्ट कर जाती है.

अट्ठाइसवां सूत्र

तुम्हारे विरोधी का पतन तुम्हारे हर्ष का विषय न हो;

और उन्हें ठोकर लगने पर तुम आनंदित न होना,

ऐसा न हो कि यह याहवेह की अप्रसन्‍नता का विषय हो जाए

और उन पर से याहवेह का क्रोध जाता रहे.

उन्तीसवां सूत्र

दुष्टों के वैभव को देख कुढ़ने न लगाना

और न बुराइयों की जीवनशैली से ईर्ष्या करना,

क्योंकि दुष्ट का कोई भविष्य नहीं होता,

उनके जीवनदीप का बुझना निर्धारित है.

तीसवां सूत्र

मेरे पुत्र, याहवेह तथा राजा के प्रति श्रद्धा बनाए रखो, उनसे दूर रहो,

जिनमें विद्रोही प्रवृत्ति है,

सर्वनाश उन पर अचानक रूप से आ पड़ेगा और इसका अनुमान कौन लगा सकता है,

कि याहवेह और राजा द्वारा उन पर भयानक विनाश का रूप कैसा होगा?

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