सूक्ति संग्रह 1:8-19 HCV

सूक्ति संग्रह 1:8-19

प्रस्तावना: बुद्धि को गले लगाने का प्रबोधन

पाप से संबंधित चेतावनी

मेरे पुत्र, अपने पिता के अनुशासन पर ध्यान देना

और अपनी माता की शिक्षा को न भूलना.

क्योंकि ये तुम्हारे सिर के लिए सुंदर अलंकार

और तुम्हारे कण्ठ के लिए माला हैं.

मेरे पुत्र, यदि पापी तुम्हें प्रलोभित करें,

उनसे सहमत न हो जाना.

यदि वे यह कहें, “हमारे साथ चलो;

हम हत्या के लिए घात लगाएंगे,

हम बिना किसी कारण निर्दोष पर छिपकर आक्रमण करें;

अधोलोक के समान हम भी उन्हें जीवित ही निगल जाएं,

पूरा ही निगल जाएं, जैसे लोग कब्र में समा जाते हैं;

तब हमें सभी अमूल्य वस्तुएं प्राप्‍त हो जाएंगी

इस लूट से हम अपने घरों को भर लेंगे;

जो कुछ तुम्हारे पास है, सब हमें दो;

तब हम सभी का एक ही बटुआ हो जाएगा.”

मेरे पुत्र, उनके इस मार्ग के सहयात्री न बन जाना,

उनके मार्गों का चालचलन करने से अपने पैरों को रोके रखना;

क्योंकि उनके पैर बुराई की दिशा में ही दौड़ते हैं,

हत्या के लिए तो वे फुर्तीले हो जाते हैं.

यदि किसी पक्षी के देखते-देखते उसके लिए जाल बिछाया जाए,

तो यह निरर्थक होता है!

किंतु ये व्यक्ति ऐसे हैं, जो अपने लिए ही घात लगाए बैठे हैं;

वे अपने ही प्राण लेने की प्रतीक्षा में हैं.

यही चाल है हर एक ऐसे व्यक्ति की, जो अवैध लाभ के लिए लोभ करता है;

यह लोभ अपने ही स्वामियों के प्राण ले लेगा.

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