मत्तियाह 4:1-22
जंगल में शैतान द्वारा मसीह येशु की परख
इसके बाद पवित्र आत्मा के निर्देश में येशु को बंजर भूमि ले जाया गया कि वह शैतान द्वारा परखे जाएं. उन्होंने चालीस दिन और चालीस रात उपवास किया. उसके बाद जब उन्हें भूख लगी, परखने वाले ने उनके पास आकर कहा, “यदि तुम परमेश्वर-पुत्र हो तो इन पत्थरों को आज्ञा दो कि ये रोटी बन जाएं.”
येशु ने उसे उत्तर दिया, “मनुष्य का जीवन सिर्फ भोजन पर नहीं, बल्कि परमेश्वर के मुख से निकले हुए हर एक शब्द पर भी निर्भर है.”4:4 व्यव 8:3
तब शैतान ने येशु को पवित्र नगर में ले जाकर मंदिर के शीर्ष पर खड़ा कर दिया और उनसे कहा, “यदि तुम परमेश्वर-पुत्र हो तो यहां से नीचे कूद जाओ, क्योंकि लिखा है,
“वह अपने स्वर्गदूतों को तुम्हारे संबंध में
आज्ञा देंगे तथा वे तुम्हें हाथों-हाथ उठा लेंगे
कि तुम्हारे पैर को पत्थर से चोट न लगे.”4:6 स्तोत्र 91:11, 12
उसके उत्तर में येशु ने उससे कहा, “यह भी तो लिखा है तुम प्रभु अपने परमेश्वर को न परखो.”4:7 व्यव 6:16
तब शैतान येशु को अत्यंत ऊंचे पर्वत पर ले गया और विश्व के सारे राज्य और उनका सारा ऐश्वर्य दिखाते हुए उनसे कहा, “मैं ये सब तुम्हें दे दूंगा यदि तुम मेरी दंडवत-वंदना करो.”
इस पर येशु ने उसे उत्तर दिया, “हट, शैतान! दूर हो! क्योंकि लिखा है, तुम सिर्फ प्रभु अपने परमेश्वर की ही आराधना और सेवा किया करो.”4:10 व्यव 6:13
तब शैतान उन्हें छोड़कर चला गया और स्वर्गदूत आए और उनकी सेवा करने लगे.
सेवकाई का प्रारंभ गलील प्रदेश से
यह मालूम होने पर कि बपतिस्मा देनेवाले योहन को बंदी बना लिया गया है, येशु गलील प्रदेश में चले गए, और नाज़रेथ नगर को छोड़ कफ़रनहूम नगर में बस गए, जो झील तट पर ज़ेबुलून तथा नफताली नामक क्षेत्र में था. ऐसा इसलिये हुआ कि भविष्यवक्ता यशायाह की यह भविष्यवाणी पूरी हो:
यरदन नदी के पार समुद्रतट पर बसे ज़ेबुलून तथा नफताली प्रदेश
अर्थात् गलील प्रदेश में,
जहां गैर-इस्राएली बसे हुए हैं,
अंधकार में जी रहे लोगों ने
एक बड़ी ज्योति को देखा;
गहन अंधकार के निवासियों पर
ज्योति चमकी.4:16 यशा 9:1, 2
उस समय से येशु ने यह उपदेश देना प्रारंभ कर दिया, “मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग-राज्य पास आ गया है.”
पहले चार शिष्यों का बुलाया जाना
एक दिन गलील झील के किनारे चलते हुए येशु ने दो भाइयों को देखा: शिमओन, जो पेतरॉस कहलाए तथा उनके भाई आन्द्रेयास को. ये समुद्र में जाल डाल रहे थे क्योंकि वे मछुआरे थे. येशु ने उनसे कहा, “मेरा अनुसरण करो—मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुआरे बनाऊंगा.” वे उसी क्षण अपने जाल छोड़कर येशु का अनुसरण करने लगे.
जब वे वहां से आगे बढ़े तो येशु ने दो अन्य भाइयों को देखा—ज़ेबेदियॉस के पुत्र याकोब तथा उनके भाई योहन को. वे दोनों अपने पिता के साथ नाव में अपने जाल ठीक कर रहे थे. येशु ने उन्हें बुलाया. उसी क्षण वे नाव और अपने पिता को छोड़ येशु के पीछे हो लिए.