प्रशासक 4:1-24, प्रशासक 5:1-31 HCV

प्रशासक 4:1-24

दबोरा तथा बाराक

एहूद की मृत्यु के बाद एक बार फिर इस्राएल वंशजों ने वह किया, जो याहवेह की नज़र में गलत था. याहवेह ने उन्हें कनान के राजा याबीन के हाथों में बेच दिया. वह हाज़ोर में शासन करता था. उसकी सेना का सेनापति सीसरा था, जो हरोशेथ-हग्गोयिम में रहता था. उसकी सेना में नौ सौ लोहे के रथ थे. उसने बीस साल तक इस्राएल वंशजों को बहुत ही निर्दयता से सताया. तब इस्राएल वंशजों ने याहवेह से सहायता की गुहार लगाई.

इस समय लप्पीदोथ की पत्नी दबोरा, जो भविष्यद्वक्तिन थी, इस्राएल पर शासन कर रही थी. वह एफ्राईम के पहाड़ी प्रदेश में रामा और बेथेल के बीच एक खजूर के पेड़ के नीचे बैठा करती थी. इस्राएल वंशज न्याय पाने के लिए उसी के पास आया करते थे. उसने नफताली के केदेश से अबीनोअम के पुत्र बाराक को बुलवाया और उससे कहा, “सुनो, याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का आदेश यह है: ‘ताबोर पर्वत पर नफताली वंशजों में से तथा ज़ेबुलून वंशजों में से दस हज़ार व्यक्तियों को इकट्ठा करो. मैं तुम्हारे सामने याबीन की सेना के सेनापति सीसरा को उसके रथों और उसकी सेना समेत कीशोन नदी पर ले आऊंगा और उसे तुम्हारे अधीन कर दूंगा.’ ”

बाराक ने उसे उत्तर दिया, “यदि आप मेरे साथ चलेंगी तो मैं जाऊंगा, नहीं तो नहीं जाऊंगा.”

दबोरा ने उसे उत्तर दिया, “मैं ज़रूर तुम्हारे साथ चलूंगी, लेकिन याद रहे, तुम जिस अभियान पर जा रहे हो, उसका श्रेय तुम्हें न मिलेगा, क्योंकि उस स्थिति में याहवेह सीसरा को एक स्त्री के अधीन कर देंगे.” इस प्रकार दबोरा ने बाराक के साथ केदेश के लिए कूच किया. बाराक ने केदेश के लिए ज़ेबुलून और नफताली के लोगों को बुला लिया. दस हज़ार पुरुष सैनिक उसके साथ हो लिए. दबोरा भी उनके साथ गई.

इस समय केनी हेबेर केनियों से अलग हो गया था. ये मोशेह के ससुर4:11 ससुर या साला होबाब के वंशज थे. हेबेर ने अपनी छावनी सानन्‍नीम के बांज पेड़ के पास डाल रखी थी. यह स्थान केदेश के पास है.

जब सीसरा को सूचना दी गई कि अबीनोअम का पुत्र बाराक ताबोर पर्वत पर पहुंच गया है, उसने हरोशेथ-हग्गोयिम से लेकर कीशोन नदी तक अपने नौ सौ लोहे के रथों और सभी सैनिकों को इकट्ठा कर लिया.

दबोरा ने बाराक को आदेश दिया, “उठो! आज ही वह दिन है, जिसमें याहवेह ने सीसरा को तुम्हारे अधीन कर दिया है. देख लो, याहवेह तुम्हारे आगे जा चुके हैं?” तब बाराक दस हज़ार लोगों को लेकर ताबोर पर्वत से नीचे उत्तर गया. याहवेह ने बाराक की तलवार की धार से सीसरा, उसके सभी रथ तथा उसकी पूरी सेना को हरा दिया. सीसरा अपने रथ से उतर गया और पैदल ही भाग गया.

बाराक ने हरोशेथ-हग्गोयिम तक रथों और सेना का पीछा किया. सीसरा की पूरी सेना तलवार का कौर हो गई एक भी सैनिक न बच पाया. सीसरा पैदल ही भागते हुए केनी हेबेर की पत्नी याएल की छावनी में जा पहुंचा, क्योंकि हाज़ोर के राजा याबीन तथा केनी हेबेर के परिवारों के बीच शांति की वाचा थी.

याएल सीसरा से भेंटकरने आई और उससे कहा, “मेरे स्वामी, मेरे निकट आइए, मेरे निकट आइए. डरिए मत.” सीसरा उसकी छावनी के अंदर चला गया. याएल ने उसे एक कंबल ओढ़ा दिया.

सीसरा ने उससे विनती की, “कृपा कर मुझे पीने के लिए थोड़ा पानी दो. मैं प्यासा हूं.” उसने उसे दूध का बर्तन खोलकर उसे पीने दिया; दोबारा कंबल ओढ़ा दिया.

सीसरा ने याएल से कहा, “तंबू के दरवाज़े पर खड़ी रहना. यदि कोई तुमसे पूछे, ‘अंदर कोई है?’ तुम कह देना, ‘नहीं.’ ”

मगर हेबेर की पत्नी ने छावनी की एक खूंटी और एक हथौड़ी उठाई, और चुपके से जाकर वह खूंटी उसकी कनपटी में ठोक दी. खूंटी उसके सिर से पार निकलकर ज़मीन में धंस गई और उसकी मृत्यु हो गई. वह बहुत ही थक कर गहरी नींद में सोया हुआ था.

जब बाराक सीसरा का पीछा करता हुआ वहां आया, याएल उससे भेंटकरने तंबू के बाहर निकल आई और उससे कहा, “यहां आइए, मैं आपको वह आदमी दिखाऊंगी, जिसे आप ढूंढ़ रहे हैं.” बाराक उसके साथ अंदर गया और देखा कि सीसरा वहां मरा पड़ा हुआ था, और तंबू की खूंटी उसकी कनपटी में धंसी हुई थी.

उस दिन परमेश्वर ने कनान के राजा याबीन को इस्राएलियों के सामने हरा दिया. इसके बाद इस्राएली कनान के राजा याबीन पर लगातार सामर्थ्यी ही होते चले गए और अंत में उन्होंने कनान के राजा याबीन को खत्म ही कर दिया.

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प्रशासक 5:1-31

दबोरा का गीत

उस दिन दबोरा तथा अबीनोअम के पुत्र बाराक ने यह गीत गाया:

“धन्य हैं याहवेह!

जब इस्राएल में अगुओं ने अगुवाई की,

जब प्रजा अपनी इच्छा के अनुसार तैयार हो गई.

“सुन लो, राजाओं; ध्यान दो शासको!

मेरा गीत याहवेह को समर्पित है,

मैं याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की स्तुति गाऊंगी.

“याहवेह, जब आप सेईर से बाहर निकले,

जब आपने एदोम क्षेत्र से चलना शुरू किया,

पृथ्वी कांप उठी, आकाश टूट पड़ा,

यहां तक कि बादलों से बारिश शुरू हो गई.

याहवेह के सामने पहाड़ हिल गए. यहां तक कि सीनायी पहाड़ भी,

याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के सामने.

“अनात के पुत्र शमगर के दिनों में,

याएल के दिनों में, सड़कें सुनी पड़ीं थी,

यात्रियों ने दूसरे मार्ग अपना लिए थे.

इस्राएल देश में अब ग्रामीण नहीं बचे थे,

जब तक मैं, दबोरा ने शासन न संभाला था,

जब तक मैं, इस्राएल के लिए एक मां के समान उभर न आई.

नए देवता चुने गए,

दरवाजों के अंदर ही युद्ध छिड़ गया,

इस युद्ध में न ढाल थी, न बर्छी,

जबकि इस्राएल में चालीस हज़ार सैनिक थे.

मेरा हृदय इस्राएल के सेनापतियों के पक्ष में है,

जिन्होंने अपने आपको अपनी इच्छा से युद्ध सेवा भेंट दी.

धन्य हैं याहवेह!

“तुम, जो सफ़ेद गधों पर यात्रा करते हो,

तुम, जो आलीशान गलीचों पर बैठा करते हो,

और तुम, जो पैदल हो, गाओ!

पनघटों के बीच में पानी भरनेवाली स्त्रियों की जो आवाज आ रही है उस पर ध्यान दो,

वहां वे याहवेह के नीतियुक्त कामों का वर्णन करेंगे,

इस्राएल में अपने ग्रामीणों के लिए किए गए महान कार्य.

“तब याहवेह के लोग

फाटकों की ओर चले गए.

‘जागो, दबोरा, जागो!

जागो-जागो, तुम्हारे मुख से गीत फूट पड़ें!

उठो बाराक!

तुम बंदियों को आगे ले जाओ, अबीनोअम के पुत्र.’

“तब वे, जो जीवित रह गए थे, अधिकारियों से मिलने आए.

याहवेह के लोग योद्धा के समान मेरे पास आए.

एफ्राईम से वे लोग नीचे उतर आए, जिनका मूल अमालेक में है.

ओ बिन्यामिन, तुम्हारे लोगों के साथ तुम्हारा अनुगमन करते हुए,

माखीर से सेनापति नीचे उतर आए.

ज़ेबुलून से वे आए, जो अपने झंडे लिए हुए थे.

यिस्साकार के शासक दबोरा के साथ थे.

इस्साखार बाराक के प्रति ईमानदार बना रहा.

रियूबेन की टुकड़ियों के बीच में

हृदय के पक्‍के इरादे पाए गए.

घाटी में वे उसके पीछे लपक पड़े.

चरवाहों द्वारा भेड़ों के लिए किए जा रहे बांसुरी के गीत को

सुनते हुए तुम भेड़शालाओं में ही क्यों ठहरे रहे?

रियूबेन की टुकड़ियों के बीच में

बारीकी से हृदय की थाह ली गई.

गिलआद यरदन के पार ही ठहरा रहा,

क्या कारण था कि दान जहाजों में ही ठहरा रहा?

आशेर सागर के किनारे पर बैठा देखा गया,

और वह समुद्र के किनारे ही ठहरा रहा.

ज़ेबुलून वंशजों ने अपने प्राणों की चिंता न की;

नफताली मैदान के टीलों पर ठहरा रहा.

“राजा आए, उन्होंने युद्ध किया,

तब तानख में मगिद्दो जलाशय के पास कनान के राजाओं ने युद्ध किया,

पर वे इस्राएल के लोगों की कोई चांदी न ले जा सके!

तारों ने आकाश से युद्ध किया.

अपनी-अपनी कक्षाओं से उन्होंने सीसरा से युद्ध किया.

कीशोन की धारा उन्हें बहा ले गई,

पुराने समय से चली आ रही नदी की धारा—कीशोन की धारा.

मेरे प्राण, दृढ़ निश्चय कर आगे बढ़ो.

तब घोड़े की टाप सुने गए,

उनके शूरवीर घोड़ों के टाप.

याहवेह के दूत ने आदेश दिया, ‘मेरोज को शाप दो.

इसके निवासियों को शाप दो.

क्योंकि वे याहवेह की सहायता के लिए नहीं आए;

योद्धाओं के विरुद्ध याहवेह की सहायता के लिए.’

“स्त्रियों में परम धन्य है याएल.

केनी हेबेर की पत्नी;

शिविर में रहनेवाली स्त्रियों में सबसे ज्यादा स्तुति के योग्य.

सीसरा ने विनती तो जल की थी, किंतु उसने उसे दूध दे दिया;

एक राजसी आलीशान कटोरे में उसने उसको दही दे दिया.

उसने एक हाथ में तंबू की खूंटी उठाई

और दाएं हाथ में मज़दूर का हथौड़ा,

उसने सीसरा का सिर कुचल डाला.

उसने उसकी कनपटी को तोड़ते हुए छेद डाला.

वह उसके पैरों के बीच झुका,

वह गिरा और धराशायी हो गया.

वह उसके पैरों के बीच झुका,

वह गिरा, जहां वह झुक गया था, वह वहीं मरा पड़ा रहा.

“सीसरा की मां खिड़की में से झांकती हुई रो रही थी.

‘सीसरा के रथ के लौटने में देरी क्यों हो रही है?

घोड़े की टापों में यह देरी क्यों?

रथ लौट क्यों नहीं रहे?’

उसकी चतुर राजपुत्रियां उसे इसका उत्तर देंगी,

वह मन ही मन अपना प्रश्न दोहराती रही:

‘क्या, उन्हें अब तक लूट का सामान नहीं मिला?

क्या, वे सामान का बंटवारा नहीं कर रहे?

हर एक योद्धा के लिए एक या दो कन्याएं.

सीसरा के लिए रंगे हुए वस्त्र, रंगे हुए तथा कसीदा किए हुए वस्त्र;

उनके गले पर, जो लूट में से,

दोहरी कशीदाकारी किए हुए वस्त्र?’

“याहवेह, आपके सभी शत्रु इसी प्रकार नष्ट हों!

मगर आपके भक्त जो आपसे प्रेम रखते हैं,

वह प्रताप के साथ उदय होते हुए सूर्य के समान हों.”

इसके बाद देश में चालीस साल तक शांति बनी रही.

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