येरेमियाह 21:1-14, येरेमियाह 22:1-30, येरेमियाह 23:1-8 HCV

येरेमियाह 21:1-14

सीदकियाहू की प्रार्थना को परमेश्वर अस्वीकार करते हैं

जब राजा सीदकियाहू ने येरेमियाह के पास मालखियाह के पुत्र पशहूर तथा मआसेइयाह के पुत्र पुरोहित ज़ेफनियाह को भेजा था, येरेमियाह को यह संदेश याहवेह की ओर से भेजा गया: “कृपया हमारी ओर से याहवेह से पूछताछ कर दीजिए क्योंकि बाबेल का राजा नबूकदनेज्ज़र हमारे विरुद्ध युद्ध के लिए तैयार है. संभव है याहवेह अपने सामर्थ्य में अलौकिक कार्य के प्रदर्शन के द्वारा नबूकदनेज्ज़र को पीछे हटने के लिए विवश कर दें.”

यह सुन येरेमियाह ने उन्हें उत्तर दिया, “सीदकियाहू से तुम्हें यह कहना होगा, ‘याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: यह देखना कि मैं उन शस्त्रों को जो इस समय तुम्हारे हाथों में हैं, जिनसे तुम बाबेल तथा कसदियों के राजा पर प्रहार करने पर हो, जिन्होंने तुम्हारी शहरपनाह के बाहर घेरा डाल रखा है, तुम्हारे ही विरुद्ध अधीन करने पर हूं. अंततः मैं नगर के मध्य में इन शस्त्रों का ढेर लगा दूंगा. मैं स्वयं अपने क्रोध, कोप एवं उग्र आक्रोश में विस्तीर्ण शक्तिशाली भुजा के द्वारा तुमसे युद्धरत हो जाऊंगा. मैं इस नगर के निवासियों का संहार करूंगा, चाहे वे मनुष्य हों अथवा पशु वे सभी अत्यंत विकट महामारी में नष्ट हो जाएंगे. तत्पश्चात, यह याहवेह की वाणी है, मैं यहूदिया के राजा सीदकियाहू को, उसके सेवकों को, उसकी प्रजा को, यहां तक कि, जो इस नगर में महामारी, तलवार तथा अकाल से जीवित बच जाएंगे, उन्हें भी बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के, उनके शत्रुओं के तथा उनके अधीन कर दूंगा, जो उनके प्राण लेने को तैयार हैं. वह उन्हें अपनी तलवार की धार के प्रहार से वध कर देगा; न तो वह किसी को जीवित छोड़ेगा, न किसी पर कृपा करेगा और न किसी पर सहानुभूति ही प्रदर्शित करेगा.’

“तुम्हें इन लोगों को यह भी सूचित करना होगा, ‘याहवेह का कहना यह है: यह समझ लो, मैंने तुम्हारे समक्ष जीवन की नीति भी प्रस्तुत कर दी है तथा मृत्यु की नीति भी. वह जो इस नगर में निवास कर रहा है उसकी मृत्यु तलवार, अकाल अथवा महामारी से हो जाएगी. किंतु वह जो नगर के बाहर निकलेगा तथा कसदियों के हाथों में जा पड़ेगा जिन्होंने नगर को घेर रखा है; वह जीवित रहेगा, उसका जीवन ही उसकी लूट सामग्री सदृश उपहार प्रमाणित होगा. कारण यह है कि मैंने इस नगर पर संकट लाने का निश्चय कर लिया है, कल्याण का नहीं, यह याहवेह की वाणी है. यह नगर बाबेल के राजा को सौंप दिया जाएगा, जो इसे भस्म कर डालेगा.’

“तत्पश्चात यहूदिया के राजा के परिवार से यह कहना, ‘याहवेह का संदेश सुनो. दावीद वंशजों, यह याहवेह का आदेश है:

“ ‘प्रति प्रातःकाल यह ध्यान रखना कि लोगों को निरसहायक न्याय प्राप्‍त हो;

उस व्यक्ति को विमुक्त कर दो

जिसे अत्याचारियों के दमन के कारण लूट लिया गया है,

कि उनके दुष्कर्मों के कारण मेरा कोप अग्नि-सदृश प्रसार करता न जाए,

वह ऐसा प्रज्वलित न हो जाए

कि इसे अलग करना असंभव हो जाए.

सुनो, घाटी के निवासियो, सुनो,

चट्टानी पठार के निवासियो,

अब मैं तुम्हारे विरुद्ध हूं, यह याहवेह की वाणी है—

तुम लोग भी सुनो जो इस आश्वासन में संतुष्ट हो, “हम पर कौन आक्रमण कर सकता है?

अथवा कौन हमारे आवास में प्रवेश कर सकता है?”

किंतु मैं तुम्हारे कार्यों के परिणामों के अनुरूप ही तुम्हें दंड दूंगा,

यह याहवेह की वाणी है.

मैं तुम्हारे वनों में अग्नि प्रज्वलित कर दूंगा

कि इसके सारे मंडल ही नष्ट हो जाएं.’ ”

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येरेमियाह 22:1-30

येरूशलेम के विनाश की चेतावनी

यह याहवेह का आदेश है: “यहूदिया के राजा के आवास पर जाओ और वहां इस वचन का प्रचार करो: ‘यहूदिया के राजा, याहवेह का यह संदेश सुनो, तुम जो दावीद के सिंहासन पर विराजमान हो, तुम, तुम्हारे सेवक एवं तुम्हारी प्रजा जो इन द्वारों से होकर प्रवेश करते हो. यह याहवेह का आदेश है: तुम्हारा न्याय निस्सहाय हो. व्यवहार सद्‍वृत्त तथा उसे मुक्त कर दो जिसे अत्याचारियों ने अपने अधीन रख लूट लिया है. इसके सिवा विदेशी, पितृहीन तथा विधवा के प्रति न तो तुम्हारा व्यवहार प्रतिकूल हो और न हिंसक, इस स्थान पर निस्सहाय की हत्या न की जाए. क्योंकि यदि तुम जो पुरुष हो, वास्तव में इन विषयों को ध्यान रखो, इनका आचरण करो, तो इस भवन के द्वार में से राजाओं का प्रवेश हुआ करेगा, वे दावीद के सदृश उनके सिंहासन पर विराजमान हुआ करेंगे, जो रथों एवं घोड़ों पर सवार होते हैं स्वयं राजा को, उसके सेवकों को तथा उसकी प्रजा का प्रवेश हुआ करेगा. किंतु यदि तुम इन आदेशों का पालन न करो, तो मैं अपनी ही शपथ ले रहा हूं, यह याहवेह की वाणी है, कि यह महल उजाड़ बन जाएगा.’ ”

क्योंकि यहूदिया के राजा के महलों के विषय में याहवेह की यह वाणी है:

“मेरी दृष्टि में तुम गिलआद सदृश हो,

लबानोन शिखर सदृश, फिर भी निश्चयतः

मैं तुम्हें निर्जन प्रदेश बना छोडूंगा,

उन नगरों के सदृश, जो निर्जन हैं.

मैं तुम्हारे विरुद्ध विध्वंसक उत्पन्‍न कर दूंगा,

उनमें से हर एक शस्त्रों से सुसज्जित होगा,

वे तुम्हारे सर्वोत्तम देवदार वृक्ष काट डालेंगे

तथा उन्हें अग्नि में झोंक देंगे.

“अनेक जनता इस नगर के निकट से होते हुए चले जाएंगे और उनके वार्तालाप का विषय होगा, ‘याहवेह ने इस भव्य नगर के साथ ऐसा कर दिया है?’ तब उन्हें इसका यह उत्तर दिया जाएगा: ‘इसकी इस स्थिति का कारण यह है कि उन्होंने याहवेह, अपने परमेश्वर की वाचा भंग कर दी है, वे परकीय देवताओं की उपासना करने लगे तथा उन्हीं की सेवा-उपासना करने लगे हैं.’ ”

न तो मृतक के लिए रोओ और न विलाप करो;

बल्कि, ज़ोर ज़ोर से विलाप करो, उसके लिए जो बंधुआई में दूर जा रहा है,

क्योंकि वह अब लौटकर नहीं आएगा,

और न वह कभी अपनी मातृभूमि को पुनः देख सकेगा.

क्योंकि यहूदिया के राजा योशियाह के पुत्र शल्लूम के विषय में, जो अपने पिता योशियाह के स्थान पर सिंहासनारूढ़ हुआ है, जो यहीं से चला गया है: याहवेह का यह संदेश है, “अब वह लौटकर यहां कभी नहीं आएगा. वह वहीं रह जाएगा जहां उसे बंदी बनाकर ले जाया गया है, वहीं उसकी मृत्यु हो जाएगी; अब वह यह देश कभी न देख सकेगा.”

“धिक्कार है उस पर जो अनैतिकता से अपना गृह-निर्माण करता है,

तथा अपने ऊपरी कक्ष अन्यायपूर्णता के द्वारा बनाता है,

जो अपने पड़ोसी से बेगार कार्य तो करा लेता है,

और उसे पारिश्रमिक नहीं देता.

वह विचार करता है, ‘मैं एक विस्तीर्ण भवन को निर्माण करूंगा

जिसमें विशाल ऊपरी कक्ष होंगे.’

इसमें खिड़कियां भी होंगी,

मैं इसकी दीवारों को देवदार से मढ़ कर

उन्हें प्रखर लाल रंग से रंग दूंगा.

“क्या अपने भवन में देवदार का प्रचूर प्रयोग करने के कारण

तुम राजा के पद पर पहुंच गए हो?

क्या तुम्हारा पिता सर्वसंपन्‍न न था?

फिर भी उसने वही किया जो सही और न्यायपूर्ण था,

इसलिये उसका कल्याण होता रहा.

तुम्हारा पिता उत्पीड़ित एवं निस्सहायों का ध्यान रखता था,

इसलिये उसका कल्याण होता रहा.

क्या मुझे जानने का यही आशय नहीं होता?”

यह याहवेह की वाणी है.

“किंतु तुम्हारी दृष्टि तथा तुम्हारे हृदय की अभिलाषा

मात्र अन्यायपूर्ण धनप्राप्‍ति पर केंद्रित है,

तुम निस्सहाय के रक्तपात, दमन,

ज़बरदस्ती धन वसूली और उपद्रव में लिप्‍त रहते हो.”

इसलिये यहूदिया के राजा योशियाह के पुत्र यहोइयाकिम के विषय में याहवेह की यह वाणी है:

“प्रजा उसके लिए इस प्रकार विलाप नहीं करेगी:

‘ओह, मेरे भाई! अथवा ओह, मेरी बहन!’

वे उसके लिए इस प्रकार भी विलाप नहीं करेंगे:

‘ओह, मेरे स्वामी! अथवा ओह, उसका वैभव!’

उसकी अंत्येष्टि उसी रीति से की जाएगी. जैसे एक गधे की

शव को खींचकर येरूशलेम के द्वार के

बाहर फेंक दिया जाता.”

“लबानोन में जाकर विलाप करो,

बाशान में उच्च स्वर उठाओ,

अबारिम में भी विलाप सुना जाए,

क्योंकि जो तुम्हें प्रिय थे उन्हें कुचल दिया गया है.

तुम्हारी सम्पन्‍नता की स्थिति में मैंने तुमसे बात करना चाहा,

किंतु तुम्हारा हठ था, ‘नहीं सुनूंगा मैं!’

बचपन से तुम्हारी यही शैली रही है;

तुमने कभी मेरी नहीं सुनी.

तुम्हारे सभी चरवाहों को वायु उड़ा ले जाएगी,

वे जो तुम्हें प्रिय हैं, बंधुआई में चले जाएंगे.

तब अपनी सारी बुराई के कारण निश्चयतः

लज्जित हो तुम अपनी प्रतिष्ठा खो दोगे.

तुम जो लबानोन में निवास कर रहे हो,

तुम जो देवदार वृक्षों के मध्य सुरक्षित हो,

कैसी होगी तुम्हारी कराहट जब पीड़ा तुम्हें अचंभित कर लेगी,

ऐसी पीड़ा जैसी प्रसूता अनुभव करती है!”

यह याहवेह की वाणी है, “मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, यदि यहूदिया के राजा यहोइयाकिम का पुत्र कोनियाह मेरे दाएं हाथ में मुद्रिका भी होता, फिर भी मैं उसे उतार फेंकता. मैं तुम्हें उन लोगों के हाथों में सौप दूंगा जो तुम्हारे प्राण लेने को तैयार हैं, हां, उन्हीं के हाथों में जो तुम्हारे लिए आतंक बने हुए हैं, अर्थात् बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के तथा कसदियों के हाथों में. मैं तुम्हें तथा तुम्हारी माता को जिसने तुम्हें जन्म दिया है, ऐसे देश में प्रक्षेपित कर फेंक दूंगा, जहां तुम्हारा जन्म नहीं हुआ था और तुम्हारी मृत्यु वहीं हो जाएगी. किंतु वे अपने अभिलाषित देश को कदापि न लौट सकेंगे.”

क्या यह व्यक्ति, कोनियाह,

चूर-चूर हो चुका घृणास्पद बर्तन है?

अथवा वह एक तुच्छ बर्तन रह गया है?

क्या कारण है कि उसे तथा उसके वंशजों को एक ऐसे देश में प्रक्षेपित कर दूर फेंक दिया गया है,

जो उनके लिए सर्वथा अज्ञात था?

पृथ्वी, ओ पृथ्वी,

याहवेह का आदेश सुनो!

याहवेह कह रहे हैं:

“इस व्यक्ति का पंजीकरण संतानहीन व्यक्ति के रूप में किया जाए,

ऐसे व्यक्ति के रूप में, जो भविष्य में समृद्ध न हो सकेगा,

उसके वंशजों में कोई भी व्यक्ति सम्पन्‍न न होगा,

न तो कोई इसके बाद दावीद के सिंहासन पर विराजमान होगा

न ही कोई यहूदिया को उच्चाधिकारी हो सकेगा.”

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येरेमियाह 23:1-8

एक धर्ममय शाखा

“धिक्कार है उन चरवाहों पर जो मेरी चराई की भेड़ों को तितर-बितर कर रहे तथा उन्हें नष्ट कर रहे हैं!” यह याहवेह की वाणी है. इसलिये उन चरवाहों के विषय में, जो याहवेह की भेड़ों के रखवाले हैं, याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का संदेश यह है: “तुमने मेरी भेड़ों को तितर-बितर कर दिया है, उन्हें खदेड़ दिया है तथा उनकी देखभाल नहीं की है, इसलिये यह समझ लो कि मैं तुम्हारे अधर्म का प्रतिफल देने ही पर हूं.” यह याहवेह की वाणी है. “तत्पश्चात स्वयं मैं अपनी भेड़-बकरियों के बचे हुए लोगों को उन सारे देशों से एकत्र करूंगा, जहां मैंने उन्हें खदेड़ दिया था, मैं उन्हें उन्हीं के चराइयों में लौटा ले आऊंगा जहां वे सम्पन्‍न होते और संख्या में बढ़ते जाएंगे. मैं उनके लिए चरवाहे भी तैयार करूंगा वे उनकी देखभाल करेंगे, तब उनके समक्ष किसी भी प्रकार का भय न रहेगा, उनमें से कोई भी न तो व्याकुल होगा और न ही कोई उनमें से खो जाएगा,” यह याहवेह की वाणी है.

“यह देख लेना कि ऐसे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है,

“जब मैं दावीद के लिए एक धार्मिकतापूर्ण शाखा उत्पन्‍न करूंगा,

वह राजा सदृश राज्य-काल करेगा

तथा उसके निर्णय विद्वत्तापूर्ण होंगे उस देश में न्याय एवं धार्मिकतापूर्ण होगा.

तब उन दिनों में यहूदिया संरक्षित रखा जाएगा

तथा इस्राएल सुरक्षा में निवास करेगा.

उन दिनों उसकी पहचान होगी:

‘याहवेह हमारी धार्मिकता.’

इसलिये यह देखना, ऐसे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब वे ऐसा कहना छोड़ देंगे, ‘जीवित याहवेह की शपथ, जिन्होंने इस्राएल वंशजों का मिस्र देश से निकास किया,’ बल्कि वे यह कहने लगेंगे, ‘जीवित याहवेह की शपथ, जो इस्राएल के परिवार के वंशजों को उस देश से जो उत्तर में है तथा उन सभी देशों में से जहां मैंने उन्हें खदेड़ दिया था, निकास कर लौटा ले आया हूं.’ तब वे अपनी मातृभूमि पर निवास करने लगेंगे.”

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