2 शमुएल 2:8-32, 2 शमुएल 3:1-21 HCV

2 शमुएल 2:8-32

इस्राएल राज्य के लिए इश-बोशेथ की प्रतिष्ठा

मगर दूसरी ओर नेर के पुत्र अबनेर ने, जो शाऊल की सेना के सेनापति था, शाऊल के पुत्र इश-बोशेथ को माहानाईम नगर ले जाकर उसे गिलआद, अश्शूरवासियों, येज़्रील, एफ्राईम, बिन्यामिन और संपूर्ण इस्राएल के ऊपर राजा के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया.

इस्राएल पर शासन प्रारंभ करते समय इश-बोशेथ की अवस्था चालीस वर्ष की थी. उसका शासनकाल दो वर्ष का था. मगर यहूदाह गोत्र दावीद के वफादार बना रहे. हेब्रोन में यहूदाह गोत्र के ऊपर दावीद का शासनकाल सात वर्ष छः महीने का था.

इस समय नेर के पुत्र अबनेर, शाऊल के पुत्र इश-बोशेथ के सेवकों को लेकर माहानाईम से गिबयोन को चले गए. दूसरी ओर ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब के सेवकों की भेंट उनसे गिबयोन ताल के निकट हुई. दोनों समूह तल के एक-एक ओर बैठ गए.

अबनेर ने योआब से कहा, “हमारे ये युवा आगे बढ़ें और हमारे सामने इनकी स्पर्धा हो जाए.”

योआब सहमत हो गए, “ठीक है, वे आगे बढ़े.”

तब युवा आगे आते गए और उनकी गणना की जाती रही. शाऊल के पुत्र इश-बोशेथ और बिन्यामिन के पक्ष से बारह और दावीद के पक्ष से भी बारह युवक सामने आए. हर एक ने अपने प्रतिद्वंदी का सिर पकड़ा और अपने प्रतिद्वंदी की पसली में तलवार झोंक दी. परिणामस्वरूप वे एक साथ ही धराशायी हुए, इसके कारण गिबयोन नगर में उस स्थान का नाम हेलकाथ-हज़्जूरिम2:16 हेलकाथ-हज़्जूरिम अर्थात् तलवार की धार का मैदान अथवा पसलियों का मैदान पड़ गया.

उस दिन युद्ध ने अत्यंत रौद्र रूप ले लिया, और दावीद के युवकों द्वारा अबनेर और इस्राएल के युवक हरा दिए गए.

ज़ेरुइयाह के तीनों पुत्र इस समूह में शामिल थे: योआब, अबीशाई और आसाहेल. आसाहेल मरुभूमि की हिरणी जैसा ही तेजी से दौड़ता था. उसने अबनेर का पीछा करना शुरू कर दिया. अबनेर का पीछा करते हुए वह न तो बाएं मुड़ा न दाएं. आसाहेल को अपने पीछे आते देखकर अबनेर ने उससे पूछा, “क्या तुम आसाहेल हो?”

“जी हां,” उसने उत्तर दिया.

अबनेर ने उससे कहा, “अपने दाएं अथवा बाएं मुड़कर जो भी युवक पकड़ में आए, उससे लूट की सामग्री छीन लो.” मगर आसाहेल ने अबनेर का पीछा करना न छोड़ा.

अबनेर ने आसाहेल को पुनः आदेश दिया, “मेरा पीछा करना छोड़ो! मैं नहीं चाहता कि मैं तुम पर वार करके तुम्हें धराशायी कर दूं. तब मैं तुम्हारे भाई योआब को अपना मुख कैसे दिखा सकूंगा?”

फिर भी उसने अबनेर का पीछा न छोड़ा. यह देख अबनेर ने अपने भाले के कुन्दे से आसाहेल के पेट पर वार किया. भाला आर-पार हो गया. आसाहेल वहीं धराशायी हो गया, और उसकी मृत्यु हो गई. वे सभी, जो उस स्थान से होकर जा रहे थे, जहां आसाहेल की मृत्यु हुई थी, स्थिर खड़े हो गये.

मगर योआब और अबीशाई अबनेर का पीछा करते रहे. सूर्यास्त बेला में वे अम्माह पहाड़ी पर जा पहुंचे. यह पहाड़ी गिबयोन की मरुभूमि के मार्ग पर गियाह नामक स्थान के पूर्व पड़ती है. बिन्यामिनवासी एकजुट होकर अबनेर के पीछे खड़े हो गए. इससे अब वे एक समूह हो गए थे. इन सभी ने पहाड़ी के ऊपर अपना मोर्चा लिया.

तब अबनेर ने योआब से कहा, “क्या तलवार का वार कभी न थमेगा? क्या तुम यह नहीं समझ रहे कि इससे अंत में कड़वाहट ही हाथ लगेगी? अब और कितनी देर लगाओगे अपने साथियों को आदेश देने में, कि वे अपने ही भाई-बंधुओं का पीछा करना छोड़ दें?”

योआब ने उत्तर दिया, “परमेश्वर की शपथ, यदि आपने यह सब न कहा होता तो हमारे साथी अपनी भाई-बंधुओं का पीछा बिना रुके सुबह तक करते रहते.”

योआब ने तुरही फूंकी और उसके साथियों ने पीछा करना बंद कर दिया. फिर उन्होंने न तो इस्राएलियों का पीछा किया और न उनसे युद्ध ही किया.

अबनेर और उनके साथियों ने सारी रात चलकर अराबाह पार किया. उन्होंने यरदन नदी को पार किया और दिन के शुरू के घंटों में चलते हुए वे माहानाईम जा पहुंचे.

योआब अबनेर का पीछा करना छोड़ लौट गए, और जब वे सब एकत्र हुए तब यह मालूम हुआ कि दावीद के सेवकों में से आसाहेल के अलावा उन्‍नीस व्यक्ति लौटकर नहीं आए थे. मगर दावीद के इस दल ने बिन्यामिन के तीन सौ साठ व्यक्तियों का संहार कर दिया जो अबनेर के साथ थे. आसाहेल के शव को उसके पिता की कब्र में रख दिया गया. यह कब्र बेथलेहेम में थी. योआब और उनके साथी सारी रात यात्रा करते रहे. जब वे हेब्रोन पहुंचे तब भोर हो रही थी.

Read More of 2 शमुएल 2

2 शमुएल 3:1-21

शाऊल के वंश और दावीद के वंश के बीच लंबे समय तक युद्ध चलता रहा. दावीद धीरे धीरे मजबूत होते चले गए, और शाऊल का वंश लगातार दुर्बल होता चला गया.

हेब्रोन वास के समय दावीद को ये पुत्र पैदा हुए:

उनका पहलौठा था अम्मोन, जो येज़्रीलवासी अहीनोअम से पैदा हुआ था;

उनका दूसरा पुत्र था किलियाब जो कर्मेलवासी नाबाल की विधवा पत्नी अबीगइल से पैदा हुआ था;

उनका तीसरा पुत्र था अबशालोम, जो गेशूर के राजा तालमाई की पुत्री माकाह से पैदा हुआ था;

उनका चौथा पुत्र था अदोनियाह, जिसकी माता थी हेग्गीथ;

पांचवा पुत्र था शेपाथियाह जिसकी माता थी अबीताल;

छठा पुत्र इथ्रियाम था, जिसकी माता थी दावीद की पत्नी एग्लाह.

ये सभी दावीद के हेब्रोन में रहते हुए पैदा हुए थे.

अबनेर की दावीद के प्रति वफादारी

जब शाऊल और दावीद के वंश के बीच संघर्ष चल रहा था, अबनेर स्वयं को शाऊल के परिवार ही में अपना स्थान सशक्त बनाए जा रहा था. शाऊल की रिज़पाह नामक एक उप-पत्नी थी, जो अइयाह की पुत्री थी. इश-बोशेथ ने अबनेर का सामना करते हुए पूछा, “तुमने मेरे पिता की उप-पत्नी से संबंध क्यों बनाया है?”

इश-बोशेथ के इन शब्दों को सुन अबनेर को बहुत ही गुस्सा हो गए. उन्होंने इश-बोशेथ को उत्तर दिया, “क्या मैं यहूदिया के किसी कुत्ते का सिर हूं? आज तक मैं तुम्हारे पिता शाऊल के परिवार, उनके भाइयों और उनके मित्रों के प्रति पूरी तरह सच्चा रहा हूं, और मैं तुम्हें दावीद के अधीन होने से बचाता रहा हूं, और आज तुम मुझ पर इस स्त्री से संबंधित अपराध का आरोप लगा रहे हो! अब यदि मैं, अबनेर, दान से बियरशीबा तक फैले हुए शाऊल वंश के राज्य दावीद को दिए जाने और दावीद के इस्राएल और यहूदिया पर सिंहासन की प्रतिष्ठा मिलने को, जिसकी शपथ याहवेह द्वारा ही ली गई थी, पूरी न करूं, तो परमेश्वर मुझसे ऐसा ही, बल्कि इससे भी बढ़कर करें.” यह सुन इश-बोशेथ अबनेर से एक शब्द तक न कह सका, क्योंकि वह अबनेर से डरता था.

अबनेर ने दावीद के पास इस संदेश के साथ अपने दूत भेजे, “कौन है इस भूमि का स्वामी? मुझसे वाचा बांध लीजिए और तब देखिएगा कि मैं अपने प्रभाव से सारे इस्राएल को आपकी अधीनता में ला दूंगा.”

दावीद ने उन्हें उत्तर में यह संदेश भेजा. “बहुत बढ़िया, मैं आपसे वाचा ज़रूर बांधूंगा, मगर एक ही शर्त पर, आप जब मुझसे भेंटकरने आएं, आप शाऊल की पुत्री मीखल को अपने साथ लाएं, नहीं आप मेरा मुख न देख सकेंगे.” इसके बाद दावीद ने शाऊल के पुत्र इश-बोशेथ के पास इस संदेश के साथ संदेशवाहक भेजे: “मुझे मेरी पत्नी मीखल दे दो, जिसके साथ मेरा रिश्ता फिलिस्तीनियों की एक सौ लिंग की खालों का मूल्य चुकता करने के द्वारा हुआ था.”

इश-बोशेथ ने उसे उसके पति लायीश के पुत्र पालतिएल के पास से छीनकर दावीद के पास भेजी. इस पर उसका पति सारे रास्ते रोता हुआ उसके साथ साथ बहुरीम तक जा पहुंचा. उसे देख अबनेर ने उसे आदेश दिया, “जाओ अपने घर लौट जाओ!” तब वह अपने घर लौट गया.

अबनेर ने इस्राएल के पुरनियों की सभा आयोजित की, और उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “बीते वर्षों से आपकी यह इच्छा रही है कि दावीद आप पर राजा होकर शासन करें. अब यही हो जाने दीजिए; क्योंकि याहवेह ने दावीद से यह प्रतिज्ञा की है, ‘मैं अपने सेवक दावीद के बाहुबल से फिलिस्तीनियों के अधिकार से और सारे शत्रुओं से अपनी प्रजा इस्राएल को छुड़ाऊंगा.’ ”

अबनेर ने बिन्यामिन गोत्र के लोगों से भी इस विषय के उल्लेख किया. इसके बाद अबनेर हेब्रोन नगर में दावीद को यह बताने गया कि सारे इस्राएल और सारे बिन्यामिन गोत्र के लोगों के मत में अब क्या करना सही है. जब अबनेर बीस व्यक्तियों के साथ दावीद से भेंटकरने हेब्रोन पहुंचे, दावीद ने अबनेर और उन बीस व्यक्तियों के लिए एक भोज तैयार किया. अबनेर ने दावीद से कहा, “मुझे आज्ञा दीजिए कि मैं जाकर सारे इस्राएल को अपने स्वामी, जो राजा हैं, उनके सामने इकट्ठा करूं, कि वे आपसे वाचा स्थापित कर सकें, कि आप उन पर अपनी इच्छा अनुसार उन सभी पर शासन कर सकें.” तब दावीद ने अबनेर को इसके लिए विदा किया और अबनेर वहां से पूरी शांति से चले गए.

Read More of 2 शमुएल 3