स्तोत्र 6:1-10
स्तोत्र 6
याहवेह, अपने क्रोध में मुझे न डांटें,
झुंझलाहट में मेरी ताड़ना न करें.
कृपा करें, याहवेह, मैं शिथिल हो चुका हूं;
मुझमें शक्ति का संचार करें, मेरी हड्डियों को भी पीड़ा ने जकड़ लिया है.
मेरे प्राण घोर पीड़ा में हैं.
याहवेह, आप कब तक ठहरे रहेंगे?
याहवेह, आकर मुझे बचा लीजिए;
अपने करुणा-प्रेम के निमित्त मुझे बचा लीजिए.
क्योंकि मृत अवस्था में आपका स्मरण करना संभव नहीं.
अधोलोक में कौन आपका स्तवन कर सकता है?
कराहते-कराहते मैं थक चुका हूं,
प्रति रात्रि मेरे आंसुओं से मेरा बिछौना भीग जाता है,
मेरे आंसू मेरा तकिया भिगोते रहते हैं.
शोक से मेरी आंखें निस्तेज हो गई हैं;
मेरे शत्रुओं के कारण मेरी आंखें क्षीण हो चुकी हैं.
दुष्टो, दूर रहो मुझसे,
याहवेह ने मेरे रोने का शब्द सुन लिया है.
याहवेह ने मेरा गिड़गिड़ाना सुना है;
याहवेह मेरी प्रार्थना स्वीकार कर लेंगे.
मेरे समस्त शत्रु लज्जित किए जाएंगे, वे पूर्णतः निराश हो जाएंगे;
वे पीठ दिखाएंगे और तत्काल ही लज्जित किए जाएंगे!