स्तोत्र 26 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

स्तोत्र 26:1-12

स्तोत्र 26

दावीद की रचना.

1याहवेह, मुझे निर्दोष प्रमाणित कीजिए,

क्योंकि मैं सीधा हूं;

याहवेह पर से मेरा भरोसा

कभी नहीं डगमगाया.

2याहवेह, मुझे परख लीजिए, मेरा परीक्षण कर लीजिए,

मेरे हृदय और मेरे मन को परख लीजिए;

3आपके करुणा-प्रेम26:3 करुणा-प्रेम ख़ेसेद इस हिब्री शब्द का अर्थ में “अनुग्रह, दया, प्रेम, करुणा” ये सब शामिल हैं का बोध मुझमें सदैव बना रहता है,

आपकी सत्यता मेरे मार्ग का आश्वासन है.

4मैं न तो निकम्मी चाल चलने वालों की संगत करता हूं,

और न मैं कपटियों से सहमत होता हूं.

5कुकर्मियों की समस्त सभाएं मेरे लिए घृणित हैं

और मैं दुष्टों की संगत में नहीं बैठता.

6मैं अपने हाथ धोकर निर्दोषता प्रमाणित करूंगा

और याहवेह, मैं आपकी वेदी की परिक्रमा करूंगा,

7कि मैं उच्च स्वर में आपके प्रति आभार व्यक्त कर सकूं

और आपके आश्चर्य कार्यों को बता सकूं.

8याहवेह, मुझे आपके आवास, पवित्र मंदिर से प्रेम है,

यही वह स्थान है, जहां आपकी महिमा का निवास है.

9पापियों की नियति में मुझे सम्मिलित न कीजिए,

हिंसक पुरुषों के साथ मुझे दंड न दीजिए.

10उनके हाथों में दुष्ट युक्ति है,

जिनके दायें हाथ घूस से भरे हुए हैं.

11किंतु मैं अपने आचरण में सदैव खरा रहूंगा;

मुझ पर कृपा कर मुझे मुक्त कर दीजिए.

12मेरे पैर चौरस भूमि पर स्थिर हैं;

श्रद्धालुओं की महासभा में मैं याहवेह की वंदना करूंगा.