सर्वश्रेष्ठ गीत 8 – Hindi Contemporary Version HCV

Hindi Contemporary Version

सर्वश्रेष्ठ गीत 8:1-14

1कैसा होता यदि तुम मेरे लिए मेरे भाई के समान होते,

मेरी माता की छाती का दूध पीते हुए!

और तब, तुम मुझे बाहर कहीं दिख जाते,

तो मैं तुम्हें चूम लेती;

इससे मुझे कोई भी तुच्छ नज़रों से न देखता.

2मैं तुम्हें अपने साथ यहां ले आती,

अपनी माता के घर में,

जिसने मुझे शिक्षा दी है.

मैं तुम्हें अपने अनारों के रस से

बनी हुई उत्तम दाखमधु परोसती.

3उसका बायां हाथ मेरे सिर के नीचे हो,

तथा दाएं हाथ से वह मेरा आलिंगन करे.

4येरूशलेम की कन्याओ, मुझको वचन दो,

जब तक सही समय न आए,

मेरे प्रेम को न जगाना.

मित्रगण

5बंजर भूमि से यह कौन चला आ रहा है,

जो उसके प्रेमी का सहारा लिए हुए है?

नायिका

सेब के पेड़ के नीचे मैंने तुम्हें जगा दिया;

वहां तुम्हारी माता तुम्हें जन्म देती हुई प्रसव पीड़ा में थी,

वह प्रसव पीड़ा में थी तथा उसने तुम्हें जन्म दे दिया.

6अपने हृदय पर मुझे एक मोहर जैसे लगा लो,

हाथ पर मोहर के समान;

प्रेम उतना ही सामर्थ्यी है, जितनी मृत्यु,

ईर्ष्या उतनी ही निर्दयी, जितनी मृत्यु.

उसकी ज्वाला आग की ज्वाला है,

जो वास्तव में याहवेह ही की ज्वाला है.

7पानी की बाढ़ भी प्रेम को बुझाने में असमर्थ होती है;

नदी में आई बाढ़ इसे डुबोने में असफल रहती है.

यदि कोई व्यक्ति

प्रेम के लिए अपनी सारी संपत्ति भी देना चाहे,

यह संपत्ति तुच्छ ही होगी.

मित्रगण

8हमारी एक छोटी बहन है, उस आयु की,

जब उसमें जवानी के लक्षण दिखना शुरू नहीं हुए हैं, उसकी छातियां उभरी नहीं हैं.

अब यदि कोई हमारी बहन के लिए विवाह की बात चलाए,

तो हम क्या करेंगे?

9यदि वह शहरपनाह होती,

तो हम उस पर चांदी के खंभे बनाते;

मगर यदि वह एक फाटक होती,

तो हम उस पर देवदार के तख्ते लगवा देते.

नायिका

10मैं शहरपनाह थी,

तथा मेरे स्तन खंभे के समान थे.

तब मैं अपने प्रेमी की नज़र में

शांति लाने वाली के समान हो गई.

11बाल-हामोन में शलोमोन का एक अंगूर का बगीचा था;

यह उसने रखवालों को सौंप दिया था.

हर एक के लिए एक शर्त थी,

कि वह इसके फलों के लिए एक हज़ार शेकेल चांदी लाए.

12मेरा अपना अंगूर का बगीचा मेरी जवाबदारी है;

शलोमोन, एक हज़ार शेकेल पर तुम्हारा अधिकार है,

दो सौ उनके लिए हैं, जो इसके फलों की रक्षा करते रहते हैं.

नायक

13तुम सभी, जो बगीचों में रहते हो,

मेरे साथी तुम्हारी आवाज सुनने के लिए इच्छुक बने रहते हैं.

कब सुन सकूंगा, मैं वह आवाज?

नायिका

14मेरे प्रेमी, देर न करो,

तुम्हारी चाल सुगंध द्रव्य के पहाड़ों पर से आते हुए हिरण

अथवा जवान हिरण के समान तेज हो.