यशायाह 33 – HCV & CCB

Hindi Contemporary Version

यशायाह 33:1-24

संकट और सहायता

1हाय! तुम पर,

जिनको नाश नहीं किया गया!

और हाय! तुम विश्‍वासघातियों पर,

जिनके साथ विश्वासघात नहीं किया गया!

जब तुम नाश करोगे,

तब तुम नाश किए जाओगे;

और जब तुम विश्वासघात कर लोगे,

तब तुम्हारे साथ विश्वासघात किया जायेगा.

2हे याहवेह, हम पर दया कीजिए;

हम आप ही की ओर देखते हैं.

प्रति भोर आप हमारा बल

तथा विपत्ति में हमारा सहायक बनिये.

3शोर सुनते ही लोग भागने लगते हैं;

जब आप उठते तब, लोग बिखरने लगते हैं.

4जैसे टिड्डियां खेत को नष्ट करती हैं;

उसी प्रकार लूटकर लाई गई चीज़ों को नष्ट कर दिया गया है, मनुष्य उस पर लपकते हैं.

5याहवेह महान हैं, वह ऊंचे पर रहते हैं;

उन्होंने ज़ियोन को न्याय तथा धर्म से भर दिया है.

6याहवेह तुम्हारे समय के लिए निश्चित आधार होगा! उद्धार, बुद्धि और ज्ञान तुम्हारा हक होगा;

और याहवेह का भय उसका धन होगा.

7देख, उनके सैनिक गलियों में रो रहे हैं;

शांति के राजदूत फूट-फूटकर रो रहे हैं.

8मार्ग सुनसान पड़े हैं,

और सब वायदों को तोड़ दिया गया है.

उसे नगरों33:8 नगरों कुछ हस्तलेखों में गवाहों से घृणा हो चुकी है,

मनुष्य के प्रति उसमें कोई सम्मान नहीं है.

9देश रो रहा है, और परेशान है,

लबानोन लज्जित होकर मुरझा रहा है;

शारोन मरुभूमि के मैदान के समान हो गया है,

बाशान तथा कर्मेल की हरियाली खत्म हो चुकी हैं.

10याहवेह ने कहा, “अब मैं उठूंगा,

अब मैं अपना प्रताप दिखाऊंगा;

और महान बनाऊंगा.

11तुम्हें सूखी घास का गर्भ रहेगा,

और भूसी उत्पन्‍न होगी;

तुम्हारी श्वास ही तुम्हें भस्म कर देगी.

12जो लोग भस्म होंगे वे चुने के समान हो जाएंगे;

उन कंटीली झाड़ियों को आग में भस्म कर दिया जायेगा.”

13हे दूर-दूर के लोगों, सुनो कि मैंने क्या-क्या किया है;

और तुम, जो पास हो, मेरे सामर्थ्य को देखो!

14ज़ियोन के पापी डर गये;

श्रद्धाहीन कांपने लगे:

“हममें से कौन इस आग में जीवित रहेगा?

जो कभी नहीं बुझेगी.”

15वही जो धर्म से चलता है

तथा सीधी बातें बोलता,

जो गलत काम से नफरत करता है

जो घूस नहीं लेता,

जो खून की बात सुनना नहीं चाहता

और बुराई देखना नहीं चाहता—

16वही ऊंचे स्थान में रहेगा,

व चट्टानों में शरण पायेगा.

उसे रोटी,

और पानी की कमी नहीं होगी.

17तुम स्वयं अपनी ही आंखों से राजा को देखोगे

और लंबे चौड़े देश पर ध्यान दोगे.

18तुम्हारा हृदय भय के दिनों को याद करेगा:

“हिसाब लेनेवाला और

कर तौलकर लेनेवाला कहां रहा?

गुम्मटों का लेखा लेनेवाला कहां रहा?”

19उन निर्दयी लोगों को तू दोबारा न देखेगा,

जिनकी भाषा कठिन है और जो हकलाते हैं,

तथा उनकी बातें किसी को समझ नहीं आती.

20ज़ियोन के नगर पर ध्यान दो, जो उत्सवों का नगर है;

येरूशलेम को तुम एक शांत ज़ियोन के रूप में देखोगे,

एक ऐसे शिविर, जिसे लपेटा नहीं जाएगा;

जिसके खूंटों को उखाड़ा न जाएगा,

न ही जिसकी रस्सियों को काटा जाएगा.

21किंतु वही याहवेह जो पराक्रमी परमेश्वर हैं हमारे पक्ष में है.

वह बड़ी-बड़ी नदियों एवं नहरों का स्थान है.

उन पर वह नाव नहीं जा सकती जिसमें पतवार लगते हैं,

इस पर बड़े जहाज़ नहीं जा सकते.

22क्योंकि याहवेह हमारे न्यायी हैं,

याहवेह हमारे हाकिम,

याहवेह हमारे राजा हैं;

वही हमें उद्धार देंगे.

23तुम्हारी रस्सियां ढीली पड़ी हुई हैं:

वे जहाज़ को स्थिर न रख सकतीं,

न पाल को तान सके.

तब लूटी हुई चीज़ों को बांटकर

विकलांग ले जाएंगे.

24कोई भी व्यक्ति यह नहीं कहेगा, “मैं बीमार हूं”;

वहां के लोगों के अधर्म को क्षमा कर दिया जायेगा.

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

以赛亚书 33:1-24

主必拯救锡安

1你们这些毁灭别人、自己还未被毁灭的人有祸了!

等你们毁灭完了,必毁灭你们。

你们这些欺诈别人、自己还未被欺诈的人有祸了!

等你们欺诈完了,必欺诈你们。

2耶和华啊,求你施恩给我们,

我们等候你。

求你每天早晨都作我们的力量,

在艰难的时候拯救我们。

3你大喊一声,列邦都奔逃;

你挺身而出,列国都溃散。

4他们的战利品必被抢光,

犹如谷物被蝗虫吃光;

人们像蝗虫一样扑向战利品。

5耶和华受尊崇,

因为祂住在高天之上,

祂必使锡安充满公平和公义。

6祂是你一生的保障,

使你得到丰盛的救恩、智慧和知识。

敬畏耶和华是你的宝藏。

7看啊,他们的勇士在街上哀号,

求和的使者痛哭。

8大路荒凉,行人绝迹。

条约被废,城邑被弃,

人被藐视。

9大地枯竭衰残,

黎巴嫩的树木羞惭枯干,

沙仑好像旷野,

巴珊迦密的树叶凋零。

10耶和华说:

“现在我要起来,

我要施展大能,

我要得到尊崇。

11你们怀的是糠秕,

生的是碎秸,

你们的气息是烧灭自己的火。

12列邦必被烧成灰烬,

好像割下的荆棘被火焚烧。”

13远方的人啊,

要听听我的作为。

近处的人啊,

要承认我的大能。

14锡安的罪人恐惧,

不敬虔的人颤抖。

他们说:“我们谁能与烈火同住?

谁能与永不止息的火焰同住?”

15秉公行义、说话正直、

憎恶不义之财、摆手不受贿赂、

掩耳不听害人之谋、

闭眼不看邪恶之事的人,

16必住在高处,

他们的堡垒是坚固的磐石,

他们必不会绝粮断水。

17你们必目睹君王的荣美,

看到辽阔的土地。

18你们心里必思想以往可怕的情景,

说:“登记的在哪里?

收贡银的在哪里?

数城楼的在哪里?”

19你们再也看不见那些残暴之徒了,

他们说话深奥难解,

他们讲话奇怪难懂。

20你们看我们在其中守节期的锡安城!

你们必看见耶路撒冷成为安宁之地,

是永不挪移的帐篷,

橛子永不拔出,

绳索也不会断。

21在那里,威严的耶和华必作保护我们的巨川大河。

摇桨的小舟不能驶入,

威严的战船无法越过。

22因为耶和华是我们的审判官,

是我们的立法者,

是我们的君王,

祂必拯救我们。

23敌人的帆索松开,

桅杆晃动不稳,

风帆无法扬起。

那时,大量战利品将被瓜分,

甚至瘸腿的都分得一份。

24耶路撒冷必没有居民说

“我生病了”,

城中百姓的罪恶必得到赦免。