प्रशासक 18 – HCV & CCBT

Hindi Contemporary Version

प्रशासक 18:1-31

दान वंशजों का प्रवासन

1उन दिनों इस्राएल का कोई राजा न था.

उन्हीं दिनों में दान वंशजों ने अपने बसने के लिए सही ज़मीन की खोज करने शुरू कर दी. अब तक उन्हें इस्राएल के गोत्रों के बीच कोई ज़मीन नहीं दी गई थी. 2अतः दान वंशजों ने अपने पूरे गोत्र की तरफ़ से पांच आदमी भेजे. ये व्यक्ति ज़ोराह तथा एशताओल नामक नगरों से थे. इन्हें वहां गुप्‍त रूप से जाकर भेद लेना था. उन्हें आदेश दिया गया था, “जाओ, उस देश की छानबीन करो और उसका भेद लो!”

वे लोग खोजते हुए एफ्राईम के पहाड़ी इलाके में मीकाह के घर तक आ पहुंचे, और वे वहीं ठहर गए. 3जब वे मीकाह के घर के पास पहुंचे, उन्होंने उस जवान लेवी की आवाज पहचान ली. उन्होंने उसे अलग ले जाकर उससे पूछा, “कौन तुम्हें यहां ले आया है? तुम यहां क्या कर रहे हो? तुम्हारे पास यहां क्या है?”

4लेवी ने उन्हें उत्तर दिया, “मीकाह ने मेरे लिए इतना सब किया है! उन्होंने मुझे नौकरी पर रखा है. अब मैं उनका पुरोहित हूं.”

5उन्होंने लेवी से विनती की, “कृपया परमेश्वर से यह मालूम कर हमें बता दीजिए, कि हम जिस काम से निकले हैं, वह पूरा होगा या नहीं.”

6पुरोहित ने उन्हें उत्तर दिया, “आप लोग शांतिपूर्वक जाइए. आपके इस काम पर याहवेह का अनुग्रह है.”

7वे पांचों वहां से अपनी यात्रा पर निकल गए; और लायीश नामक नगर को आए; और पाया कि वहां के रहनेवाले सुरक्षा में रह रहे थे. वे सीदोनवासियों के समान शांत और सुरक्षित थे; पूरे देश में किसी भी चीज़ की कमी न थी; वे समृद्ध लोग थे. वे सीदोनिवासियों से दूर थे, इस कारण किसी के साथ उनका कोई लेनदेन न था.

8जब वे ज़ोराह तथा एशताओल में अपने भाइयों के पास लौटे, तो उन्होंने उससे पूछा, “क्या समाचार लाए हो?”

9उन्होंने उत्तर दिया, “उठिए, चलिए, हम उन पर हमला करें. हमने उस देश का मुआयना कर लिया है. यह समृद्ध देश है. क्या अब भी आप चुपचाप बैठे रहेंगे? न तो चलने में देरी कीजिए, न वहां प्रवेश करने में, न उस देश को अपने अधीन करने में. 10जैसे ही आप उस देश में प्रवेश करेंगे, आपकी भेंट ऐसे लोगों से होगी, जो आप पर किसी प्रकार से शक नहीं करेंगे. यह देश बहुत फैला हुआ है. यह देश परमेश्वर ने आपके अधीन कर दिया है, जहां पृथ्वी की किसी भी वस्तु की कमी नहीं है.”

11इस तरह दान गोत्र के छः सौ योद्धा ज़ोराह तथा एशताओल से निकल पड़े. 12उन्होंने यहूदिया में जाकर किरयथ-यआरीम नामक स्थान पर अपना पड़ाव खड़ा कर दिया. इस कारण वे आज तक उस जगह को माहानेह-दान18:12 माहानेह-दान अर्थ: दान का पड़ाव के नाम से जानते हैं; यह किरयथ-जियारिम के पश्चिम में स्थित है. 13वहां से निकलकर वे एफ्राईम प्रदेश के पहाड़ी इलाके में मीकाह के घर के पास जा पहुंचे.

14तब उन पांच व्यक्तियों ने, जो लायीश का भेद लेने के लिए भेजे गए थे, अपने साथियों से कहा, “क्या आप जानते हैं कि इन घरों में एक एफ़ोद, गृह-देवताओं की मूर्तियां, एक खुदी हुई और एक ढाली गई मूर्ति रखी है? इस कारण अच्छी तरह से सोच-विचार कर लीजिए कि क्या करना सही है.” 15वे वहां के जवान लेवी वंशज पुरोहित के घर पर गए, जो उसे मीकाह द्वारा दिया गया था. उन्होंने उसका कुशल समाचार पूछा. 16दान वंशज छः सौ योद्धा, प्रवेश फाटक पर खड़े रहे. 17तब वे पांच पुरुष, जो इसके पहले यहां भेद लेने आ चुके थे, वहां जाकर अंदर चले गए और जाकर खोदी हुई मूर्ति, एफ़ोद, गृहदेवता और ढली हुई मूर्ति उठा ली. इस समय पुरोहित उन छः सौ योद्धाओं के साथ प्रवेश फाटक पर खड़ा हुआ था.

18जब ये लोग मीकाह के घर में जाकर खोदी हुई मूर्ति, एफ़ोद, गृहदेवता और ढली हुई मूर्ति उठा रहे थे, पुरोहित ने उनसे कहा, “आप लोग यह क्या कर रहे हैं?”

19उन्होंने उससे कहा, “चुप रहो! अपना हाथ अपने मुंह पर रखो. हमारे साथ चलकर हमारे लिए पिता और पुरोहित बन जाओ. तुम्हारे लिए क्या अच्छा है; एक ही व्यक्ति के परिवार के लिए पुरोहित बने रहना या इस्राएल के एक गोत्र और परिवार के लिए पुरोहित होकर रहना?” 20पुरोहित ने प्रसन्‍न हृदय से खोदी हुई मूर्तियां, एफ़ोद और गृहदेवता की मूर्तियां अपने साथ लीं और उन लोगों के साथ चल दिया. 21वे लौट गए. उनके बालक, उनके पशु और उनकी सारी मूल्यवान वस्तुएं उनके आगे-आगे जा रही थी.

22जब वे मीकाह के घर से कुछ दूर जा चुके थे, मीकाह के पड़ोसी इकट्‍ठे हुए और वे दान वंशजों के समूह के पास जा पहुंचे. 23उन्होंने दान वंशजों को पुकारा, जिन्होंने मुड़कर मीकाह से पूछा, “क्या हो गया है आपको, जो आप इस तरह इकट्ठा हो गए हैं?”

24मीकाह ने उत्तर दिया, “आपने मेरे द्वारा बनाए देवता और मेरे पुरोहित को ले लिया है, और आप इन्हें लेकर चले जा रहे हैं, तो मेरे लिए क्या बचा है? फिर आप यह कैसे पूछ सकते हैं, ‘क्या हो गया हैं?’ ”

25दान वंशजों ने उनसे कहा, “सही यह होगा कि आपकी आवाज हमारे बीच सुनी ही न जाए, नहीं तो हमारे क्रोधी स्वभाव के लोग आप पर हमला कर देंगे और आप अपने प्राणों से हाथ धो बैठेंगे, तथा आपके परिवार के लोग भी मारे जाएंगे.” 26यह कहकर दान वंशजों का समूह आगे बढ़ गया. यहां जब मीकाह ने यह देखा कि दान वंशज उनसे कहीं अधिक शक्तिशाली हैं, वह अपने घर लौट गया.

27मीकाह द्वारा बनी हुई वस्तुएं तथा मीकाह के पुरोहित को साथ लिए हुए दान वंशज लायीश नामक स्थान पर पहुंचे. यहां के निवासी कोमल स्वभाव के थे, जिन्होंने इन पर कोई भी शक नहीं किया. दान वंशजों ने उन्हें तलवार से मारकर, उनके नगर में आग लगाकर उसे भस्म कर दिया. 28उनकी रक्षा के लिए वहां कोई नहीं आया, क्योंकि यह नगर सीदोन से दूर बसा हुआ नगर था.

इनका किसी से भी लेनदेन न था. यह घाटी में बसा हुआ नगर था, जो बेथ-रीहोब के पास था. 29दान वंशजों ने नगर का नाम अपने मूल पुरुष के नाम पर दान रखा, जो इस्राएल के पुत्र थे. इसके पहले इस नगर का नाम लायीश था. 30इसके बाद दान वंशजों ने अपने लिए खोदी हुई मूर्ति बना ली. मनश्शेह का पौत्र, गेरशोम का पुत्र योनातन तथा उसके पुत्र दान वंशजों के लिए पुरोहित बन गए तथा इस्राएल के बंधुआई में जाने तक इसी पद पर रहते हुए सेवा करते रहे. 31उन्होंने मीकाह की खोदी हुई मूर्ति को अपने लिए स्थापित कर लिया और यह मूर्ति तब तक रही, जब तक शीलो में परमेश्वर का भवन बना रहा.

Chinese Contemporary Bible 2023 (Traditional)

士師記 18:1-31

米迦和但支派

1那時以色列沒有王。支派的人正在尋找可以居住的地方,因為他們在以色列各支派中還沒有得到屬於自己的土地。 2支派的人從瑣拉以實陶派本族的五名勇士去打探、察看那個地方,並吩咐說:「你們去察看那個地方。」他們到了以法蓮山區,在米迦家裡借宿。 3他們到了米迦家,聽出那利未青年的口音,就轉身進去問他:「誰帶你來這裡的?你在這裡做什麼?你為什麼在這裡?」 4那青年便把米迦聘他做祭司的事告訴了他們。 5他們說:「請你求問上帝,看看我們是否一路順利。」 6祭司說:「你們安心去吧,耶和華會一路眷顧你們。」

7五人啟程來到拉億,發現當地人像西頓人一樣無憂無慮,生活安寧,毫無防範,繁榮富足。他們離西頓很遠,與外界沒有來往。

8五人回到瑣拉以實陶後,族人問他們:「你們有什麼發現嗎?」 9他們回答說:「我們前去攻取那地方吧!我們已經打探清楚了,那地方非常好。你們還等什麼?要趕快去佔領那地方。 10你們到了那裡,會看見當地的居民毫無防範,那裡地大物博,一無所缺。上帝已經把那地方賜給我們了。」

11支派便從瑣拉以實陶派出六百個帶兵器的人。 12他們來到猶大基列·耶琳的西邊安營。因此,那地方至今仍叫瑪哈尼·但18·12 「瑪哈尼·但」意思是「但的軍營」。13然後,他們去以法蓮山區,來到米迦的家。

14偵察過拉億的五個人對其餘的人說:「你們知道嗎?這家有以弗得、一些家庭神像、一個雕刻的偶像和一個金屬鑄像。想一想我們該怎麼辦。」 15那五個人就進入米迦的家裡,到年輕的利未人房間向他問安, 16隨行的六百人帶著兵器留在門口。 17當時祭司也和那六百個帶兵器的人站在門口。那五個人進去拿走了雕刻的偶像、以弗得、家庭神像及金屬鑄像。 18祭司見那五人進入米迦家拿走雕刻的偶像、以弗得、家庭神像及金屬鑄像,就問他們:「你們在做什麼?」

19他們說:「安靜,別作聲,跟我們來,做我們的師父和祭司吧。做以色列一個支派、一個宗族的祭司難道不比做一家人的祭司更好嗎?」 20祭司聽了非常高興,就帶著以弗得、家庭神像及雕刻的偶像跟隨了他們。 21他們轉身離去,兒女、牲畜和財物在隊伍前面。

22他們離開米迦的家一段路後,米迦召集鄰居趕了上來, 23向他們大喊。支派的人轉身問米迦:「你們召集這麼多人來做什麼?」 24米迦說:「你們帶走了我的神像和祭司,把我洗劫一空,還問我想做什麼!」 25支派的人說:「別再多說了,不然我們當中性情暴躁的人會攻擊你們,使你全家喪命。」 26支派的人繼續趕路。米迦見對方人多勢眾,就回家去了。

27支派的人帶著米迦的神像和他的祭司來到拉億,那裡的人生活安寧,毫無防範。他們用刀殺掉當地的居民,放火燒了城。 28拉億西頓很遠,當地的居民與外界沒有來往,以致孤立無援。這城位於伯·利合附近的山谷中,支派的人重建該城,住在那裡。 29這座城原來叫拉億,他們用祖先以色列的兒子的名字為該城重新命名。 30支派的人把神像豎立起來,又指派摩西的孫子、革舜的兒子約拿單及其子孫做支派的祭司,直到該地遭受擄掠為止。 31上帝的會幕設立在示羅期間,米迦的神像一直豎立在