प्रशासक 12 – HCV & NAV

Hindi Contemporary Version

प्रशासक 12:1-15

यिफ्ताह और एफ्राईम

1तब एफ्राईमवासियों ने सेना इकट्ठा किया. उन्होंने ज़ेफोन जाकर यिफ्ताह से यह कहके झगड़ा किया, “क्या मतलब था आपका हमें अपने साथ लिए बिना अम्मोन वंशजों से युद्ध के लिए जाने का? हम आपके साथ आपके घर में आग लगा देंगे.”

2यिफ्ताह ने उन्हें उत्तर दिया, “अम्मोन वंशजों के साथ मेरा और मेरे साथियों का बड़ा झगड़ा हो गया था. मैंने आपको बुलाया तो था, किंतु आपने आकर मुझे उनसे नहीं छुड़ाया. 3जब मैंने देखा कि मुझे छुड़ाने में आपकी रुचि नहीं है, मैंने अपनी जान हथेली में लेकर अम्मोन वंशजों पर हमला किया, और याहवेह ने उन्हें हमारे वश में कर दिया. आप लोग अब मुझसे झगड़ा करने क्यों आए हैं?”

4इस कारण यिफ्ताह ने गिलआद के सारे सैनिकों को इकट्ठा किया और एफ्राईम से युद्ध करके गिलआद के सैनिकों ने उन्हें हरा दिया, क्योंकि एफ्राईमवासियों ने गिलआद वासियों पर आरोप लगाया था, “तुम गिलआदवासी तो एफ्राईम के भगोड़े हो. तुम तो एफ्राईम तथा मनश्शेह के ही वासी हो.” 5गिलआद वासियों ने एफ्राईम के पास वाले यरदन के घाट अपने वश में कर लिए. जब कभी कोई व्यक्ति एफ्राईम से भागने की कोशिश में कहता था, “मुझे पार जाने दो,” गिलआदवासी उससे प्रश्न करते थे, “क्या तुम एफ्राईमवासी हो?” यदि वह उत्तर देता था, “नहीं,” 6तब गिलआदवासी उसे आदेश देते थे; कहो, “शिब्बोलेथ.” किंतु वह उच्चारण करता था, “सिब्बोलेथ,” क्योंकि उसके लिए इस शब्द का शुद्ध उच्चारण संभव नहीं होता था. यह होने पर गिलआदवासी उसे वहीं पकड़कर यरदन के घाटों में मार दिया करते थे. उस समय इस प्रक्रिया में एफ्राईम के बयालीस हज़ार व्यक्तियों को मार दिया गया.

7यिफ्ताह छः साल तक इस्राएल का शासन करता रहा. इसके बाद गिलआदवासी यिफ्ताह की मृत्यु हो गई. उसे गिलआद के ही एक नगर में गाड़ दिया गया.

इबज़न, एलोन और अबदोन

8यिफ्ताह के बाद बेथलेहेम के इबज़न ने इस्राएल के शासन की जवाबदारी संभाली. 9उसके तीस पुत्र और तीस ही पुत्रियां थी, जिनका विवाह उसने बाहर के गोत्र में किया था. इसी प्रकार उसने अपने पुत्रों का विवाह बाहरी गोत्रों में कर दिया था. उसने इस्राएल का शासन सात सालों तक किया. 10इसके बाद इबज़न की मृत्यु हो गई, और उसे बेथलेहेम में गाड़ दिया गया.

11उसके बाद ज़ेबुलूनवासी एलोन इस्राएल का शासक हुआ. उसने दस साल तक इस्राएल पर शासन किया. 12ज़ेबुलूनवासी एलोन की मृत्यु हुई और उसे ज़ेबुलून देश में अय्जालोन में गाड़ दिया गया.

13उसके बाद पीराथोनवासी हिल्लेल का पुत्र अबदोन इस्राएल का शासक हुआ. 14उसके चालीस पुत्र और तीस पोते थे, जो सत्तर गधों पर आना-जाना करते थे. उसने आठ साल इस्राएल का शासन किया. 15पीराथोनवासी हिल्लेल के पुत्र अबदोन की मृत्यु हो गई. उसे एफ्राईम देश के पिराथोन में अमालेकियों के पहाड़ी इलाके में गाड़ दिया गया.

New Arabic Version

القضاة 12:1-15

يفتاح وأفرايم

1وَجَهَّزَ سِبْطُ أَفْرَايِمَ جَيْشاً، وَتَقَدَّمُوا شِمَالاً نَحْوَ زَفُونَ قَائِلِينَ لِيَفْتَاحَ: «لِمَاذَا انْطَلَقْتَ لِمُحَارَبَةِ الْعَمُّونِيِّينَ مِنْ غَيْرِ أَنْ تَدْعُوَنَا لِلانْضِمَامِ إِلَيْكَ؟ لِنُحْرِقَنَّ عَلَيْكَ بَيْتَكَ بِالنَّارِ». 2فَأَجَابَهُمْ: «كُنْتُ أَنَا وَقَوْمِي فِي خِصَامٍ عَنِيفٍ مَعَ الْعَمُّونِيِّينَ، فَاسْتَنْجَدْتُ بِكُمْ فَلَمْ تُجِيرُونِي. 3وَعِنْدَمَا رَأَيْتُ تَقَاعُسَكُمْ عَنْ إِجَارَتِي جَازَفْتُ بِحَيَاتِي، وَحَارَبْتُ بَنِي عَمُّونَ، فَنَصَرَنِي الرَّبُّ عَلَيْهِمْ. فَلِمَاذَا اجْتَمَعْتُمْ عَلَيَّ الْيَوْمَ لِمُحَارَبَتِي؟»

4وَحَشَدَ يَفْتَاحُ كُلَّ رِجَالِ جِلْعَادَ وَحَارَبَ سِبْطَ أَفْرَايِمَ وَهَزَمَهُمْ، لأَنَّ رِجَالَ أَفْرَايِمَ اسْتَخَفُّوا بِالْجِلْعَادِيِّينَ قَائِلِينَ: «إِنَّهُمْ مَنْبُوذُو أَفْرَايِمَ وَمَنَسَّى». 5فَاسْتَوْلَى الْجِلْعَادِيُّونَ عَلَى مَخَاوِضِ نَهْرِ الأُرْدُنِّ، وَكُلَّمَا قَالَ أَحَدُ رِجَالِ أَفْرَايِمَ الْهَارِبِينَ: «دَعُونِي أَعْبُرُ»، كَانَ رِجَالُ جِلْعَادَ يَسْأَلُونَهُ: «أَأَنْتَ أَفْرَايِمِيٌّ؟» فَإِنْ قَالَ: «لا» 6كَانُوا يَطْلُبُونَ مِنْهُ أَنْ يَقُولَ: «شِبُّولَتْ» فَيَقُولُ: «سِبُّولَتْ» مِنْ غَيْرِ أَنْ يَتَحَفَّظَ فِي لَفْظِهَا لَفْظاً صَحِيحاً، فَيَقْبِضُونَ عَلَيْهِ وَيَذْبَحُونَهُ عَلَى مَخَاوِضِ الأُرْدُنِّ. فَقُتِلَ فِي ذَلِكَ الْوَقْتِ مِنْ أَفْرَايِمَ إِثْنَانِ وَأَرْبَعُونَ أَلْفاً.

إبصان وإيلون وعبدون

7وَظَلَّ يَفْتَاحُ قَاضِياً فِي إِسْرَائِيلَ سِتَّ سَنَواتٍ. وَعِنْدَمَا مَاتَ دُفِنَ فِي إِحْدَى مُدُنِ جِلْعَادَ. 8وَخَلَفَ إِبْصَانُ مِنْ بَيْتِ لَحْمٍ، يَفْتَاحَ قَاضِياً لإِسْرَائِيلَ. 9وَكَانَ لَهُ ثَلاثُونَ ابْناً وَثَلاثُونَ ابْنَةً فَزَوَّجَ بَنَاتِهِ مِنْ غَيْرِ أَبْنَاءِ عَشِيرَتِهِ، كَمَا زَوَّجَ أَبْنَاءَهُ مِنْ غَيْرِ بَنَاتِ عَشِيرَتِهِ، وَاسْتَمَرَّ قَاضِياً لإِسْرَائِيلَ سَبْعَ سَنَواتٍ. 10ثُمَّ مَاتَ إِبْصَانُ وَدُفِنَ فِي بَيْتِ لَحْمٍ.

11وَأَعْقَبَهُ فِي الْقَضَاءِ لإِسْرَائِيلَ إِيلُونُ الزَّبُولُونِيُّ، فَظَلَّ قَاضِياً مُدَّةَ عَشْرِ سَنَوَاتٍ. 12ثُمَّ مَاتَ إِيلُونُ الزَّبُولُونِيُّ فَدُفِنَ فِي إِيَّلُونَ فِي أَرْضِ سِبْطِ زَبُولُونَ.

13وَجَاءَ بَعْدَهُ عَبْدُونُ بْنُ هِلِّيلَ الْفِرْعَتُونِيُّ. 14وَكَانَ لَهُ أَرْبَعُونَ ابْناً وَثَلاثُونَ حَفِيداً يَرْكَبُونَ عَلَى سَبْعِينَ حِمَاراً. هَذَا قَضَى لإِسْرَائِيلَ ثَمَانِيَ سَنَواتٍ. 15ثُمَّ مَاتَ عَبْدُونُ بْنُ هِلِّيلَ الْفِرْعَتُونِيُّ وَدُفِنَ فِي فِرْعَتُونَ فِي أَرْضِ أَفْرَايِمَ فِي جَبَلِ الْعَمَالِقَةِ.