निर्गमन 7 – HCV & CCB

Hindi Contemporary Version

निर्गमन 7:1-25

1यह सुनकर याहवेह ने मोशेह से कहा, “अब देखना कि मैं तुम्हें कैसे फ़रोह के सामने ईश्वर-समान बना देता हूं. और तुम्हारा भाई अहरोन तुम्हारा प्रवक्ता होगा. 2जो जो बात मैं तुम्हें बताऊंगा, वह सब बात तुम अहरोन से कहना और अहरोन वही सब फ़रोह से कह देगा, तब फ़रोह इस्राएलियों को अपने देश से जाने देगा. 3लेकिन मैं फ़रोह के मन को कठोर बना दूंगा, ताकि मैं मिस्र देश में और ज्यादा चिन्ह और अद्भुत काम कर सकूं. 4फिर भी फ़रोह उन सब बातों पर ध्यान नहीं देगा. तब मैं मिस्र देश को बड़ा कष्ट और दंड दूंगा और मिस्र से इस्राएल के लोगों को बाहर निकालूंगा. 5मिस्र के लोग यह जान जाएंगे कि मैं ही याहवेह हूं, जिसने मिस्र देश पर अपना हाथ बढ़ाया है और मैंने ही इस्राएलियों को उसके बीच से निकाला है.”

6तब मोशेह एवं अहरोन ने ऐसा ही किया—जैसा याहवेह ने उनसे कहा था. 7जब मोशेह और अहरोन फ़रोह के पास गए, तब मोशेह की उम्र अस्सी वर्ष तथा अहरोन की तेरासी वर्ष थी.

अहरोन की लाठी के काम

8तब याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को यह आदेश दिया, 9“जब फ़रोह तुमसे चमत्कार दिखाने को कहे, तब तुम अहरोन से कहना, ‘अपनी लाठी फ़रोह के सामने डाल दे, ताकि वह सांप बन जाए.’ ”

10इसलिये मोशेह तथा अहरोन फ़रोह के पास गए और ठीक वही किया, जो याहवेह ने कहा था. अहरोन ने अपनी लाठी फ़रोह एवं उसके सेवकों के सामने डाल दी और वह सांप बन गई. 11यह देख फ़रोह ने भी पंडितों तथा ओझों को बुलवाया और मिस्र देश के जादूगरों ने भी वैसा ही किया. 12उन सबने अपनी-अपनी लाठी फेंकी जो सांप बन गईं. पर अहरोन की लाठी ने उन सभी की लाठियों को निगल लिया. 13इससे फ़रोह का मन और कठोर हो गया और उसने उनकी बात नहीं मानी, जैसा ही याहवेह ने कहा था.

जल का रक्त में बदलना

14तब याहवेह ने मोशेह से कहा, “फ़रोह का मन बहुत कठोर हो गया है, वह लोगों को जाने नहीं देगा. 15सुबह जब फ़रोह नदी की ओर जाएगा, तब तुम नदी पर उनसे मिलना और तुम्हारे हाथ में वही लाठी रखना, जो सांप बन गई थी. 16तुम फ़रोह से यह कहना ‘याहवेह ने, जो इब्रियों के परमेश्वर हैं, मुझे तुमको यह कहने के लिए भेजा है कि मेरे लोगों को जाने दो कि वे निर्जन प्रदेश में जाकर मेरी आराधना कर सकें; लेकिन अभी तक तुमने यह बात नहीं मानी है. 17याहवेह ने यह कहा है कि तुम जान जाओगे कि मैं ही याहवेह हूं, तुम देखना कि नदी के जल पर मैं इस लाठी से, जो मेरे हाथ में है, मारूंगा और पानी खून बन जाएगा. 18और उसमें सब मछलियां मर जायेंगी और नदी से बदबू आएगी और मिस्र के लोग नील नदी से पानी नहीं पी पायेंगे.’ ”

19फिर याहवेह ने मोशेह से कहा, “अहरोन से यह कहो: ‘अपनी लाठी मिस्र देश की नदियों, नालों, तालाबों और जल-कुं‍डों की ओर बढ़ाए ताकि सारा पानी लहू बन जाये—चाहे पानी बर्तन में हो या पत्थर के पात्र में.’ ”

20मोशेह तथा अहरोन ने वैसा ही किया, जैसा याहवेह ने उनसे कहा. उन्होंने लाठी उठाई और नील नदी के जल पर मारा. फ़रोह एवं उसके सेवक यह सब देख रहे थे. एकदम नील नदी का पूरा पानी लहू बन गया. 21नील नदी में जो मछलियां थी, मर गईं. नदी में इतनी दुर्गंध थी कि मिस्र के लोग नील नदी का पानी नहीं पी सकते थे. पूरे मिस्र देश में रक्त फैल गया.

22अपने तंत्र मंत्र से मिस्र के जादूगरों ने भी यही कर दिखाया; तौभी फ़रोह का मन और कठोर हो गया और उसने उनकी बात नहीं मानी. 23फ़रोह पर इन सब बातों का कोई असर नहीं हुआ और वह अपने घर चला गया. 24मिस्र के लोग पीने के पानी के लिए नील नदी के पास गड्ढे खोदने लगे, क्योंकि नील नदी का पानी पीने योग्य नहीं रहा था.

मेंढक की विपत्ति

25याहवेह द्वारा नील नदी के पानी को लहू बनाए सात दिन हो चुके थे.

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

出埃及记 7:1-25

亚伦和摩西面见法老

1耶和华对摩西说:“我要使你在法老面前像上帝一样,你哥哥亚伦是你的发言人。 2你要传达我吩咐你的一切话,你哥哥亚伦要求法老让以色列人离开他的国家。 3可是,我要使法老的心刚硬,虽然我在埃及行许多神迹奇事, 4他仍无动于衷。那时,我必伸手重重地惩罚埃及,然后领我大队的以色列子民离开埃及5我伸手攻击他们,把以色列人带出埃及之时,埃及人就会知道我是耶和华。” 6摩西亚伦便遵命而行。 7他们去见法老的时候,摩西八十岁,亚伦八十三岁。

8耶和华对摩西亚伦说: 9“倘若法老要你们行神迹给他看,你就吩咐亚伦把手杖扔在法老面前,使杖变作蛇。”

10摩西亚伦照耶和华的吩咐来到法老面前。亚伦把手杖扔在法老和他的臣仆面前,杖就变作蛇。 11法老召智者和巫师前来,这些人是埃及的术士,他们也用邪术如法炮制。 12各人将自己的手杖扔在地上,杖就变作蛇,但亚伦的杖吞噬了他们的杖。 13法老却仍然硬着心,不肯听从摩西亚伦,正如耶和华所言。

水变血之灾

14耶和华对摩西说:“法老非常顽固,不肯放百姓走。 15明天早晨,法老会去尼罗河边,你去河边见他,要拿着曾变成蛇的手杖。 16你要对他说,‘希伯来人的上帝耶和华差遣我来告诉你,要让祂的子民到旷野去事奉祂,但到如今你还是不肯。 17所以祂说要用手杖击打尼罗河水,使河水变成血,好叫你知道祂是耶和华。 18河里的鱼会死,河水会发臭,埃及人不能再喝尼罗河的水。’”

19耶和华对摩西说:“你告诉亚伦,让他向埃及境内的各江河、溪流、池塘伸杖,使水变成血。埃及境内,包括木头和石头器皿中将到处是血。” 20摩西亚伦就按着耶和华所吩咐的去做,亚伦在法老和他的众臣仆面前举杖击打尼罗河水,河水都变成了血。 21河里的鱼都死了,河水臭得不能饮用。埃及遍地都是血。 22可是,埃及的巫师用邪术同样使水变成血。法老仍然硬着心,不肯听从摩西亚伦的话,正如耶和华所言。 23法老若无其事地转身回宫去了。 24因为河水不能饮用,埃及人就在尼罗河两岸掘井取水饮用。

25耶和华击打河水后,七天过去了。