एज़्रा 6 – HCV & NAV

Hindi Contemporary Version

एज़्रा 6:1-22

दारयावेश की राजाज्ञा

1तब राजा दारयावेश ने एक राजाज्ञा प्रसारित की और अभिलेखागार में खोज की गई जहां बाबेल में मूल्यवान वस्तुएं संग्रहीत की जाती थी. 2मेदिया प्रदेश के एकबताना गढ़ में एक चर्मपत्र प्राप्‍त हो गया जिसमें लिखी विषय-वस्तु इस प्रकार थी:

स्मारक पत्र:

3राजा कोरेश के शासन के प्रथम वर्ष में राजा कोरेश ने यह राजाज्ञा प्रसारित की:

येरूशलेम में परमेश्वर के भवन को, जहां बलियां अर्पित की जाती हैं, पुनर्निर्मित किया जाए. इसकी नींवों को पूर्ववत ही रखा जाए. इसकी ऊंचाई सत्ताईस मीटर तथा चैड़ाई सत्ताईस मीटर होगी. 4इसके लिए विशालकाय शिलाओं के तीन स्तर तथा एक स्तर काठ का होगा इसके लिए आवश्यक धनराशि राजकीय कोष से प्रदान की जाए. 5इसके अतिरिक्त परमेश्वर के भवन के वे सभी स्वर्ण एवं रजत पात्र जो नबूकदनेज्ज़र द्वारा येरूशलेम भवन से बाबेल लाए गए थे येरूशलेम के इसी भवन में यथास्थान रख दिए जाएं, तुम इन सभी को परमेश्वर के भवन में रख दोगे.

6तब अब नदी के पार के प्रदेश के राज्यपाल तत्तेनाई, शेथर-बोज़नाई तथा तुम्हारे सहकर्मी, नदी के पार के प्रदेशों के अधिकारियों, इस स्थान से दूर रहो! 7परमेश्वर के भवन के कार्य के साथ कोई छेड़-छाड़ न की जाए. यहूदी राज्यपाल तथा यहूदियों के पुरनियों को परमेश्वर के भवन के पुनर्निर्माण का कार्य उसके नियत स्थान पर करने दिया जाए.

8इसके अतिरिक्त मैं एक राजाज्ञा प्रसारित कर रहा हूं कि तुम्हें परमेश्वर के भवन के पुनर्निर्माण में संलग्न यहूदियों के पुरनियों से कैसा व्यवहार करना होगा:

नदी के पार के प्रदेशों से प्राप्‍त कर में से इन लोगों को राजकीय खजाने से बिना रुके या देर किए धन प्रदान किया जाए. 9उनकी गेहूं, नमक, दाखमधु और तेल की आवश्यकता चाहे जितनी भी हो, स्वर्ग के परमेश्वर के लिए होमबलि अर्पण के निमित्त बछड़े, मेढ़े, मेमने, गेहूं, लवण, द्राक्षारस तथा अभिषेक का तेल जैसा कि येरूशलेम के पुरोहितों का आग्रह है, उन्हें प्रतिदिन बिना चूक प्रदान किया जाता रहे. 10कि वे स्वर्ग के परमेश्वर को बलिदान अर्पित करते हुए राजा एवं उसके पुत्रों के जीवन के लिए प्रार्थना कर सकें.

11मैं यह राजाज्ञा भी प्रसारित कर रहा हूं: यदि कोई व्यक्ति इस राजाज्ञा का उल्लंघन करेगा, उसके घर से काठ की बल्ली खींची जाएगी, उसे इस पर मृत्यु दंड दिया जाएगा, तथा इसके कारण उसके आवास को कूड़े का ढेर बना दिया जाएगा. 12वह परमेश्वर, जिन्होंने अपनी प्रतिष्ठा को वहां बनाकर रखा है, ऐसे किसी भी राजा या प्रजा को गिरा दें, जो इस राजाज्ञा को इसलिये टालने का प्रयास करता है कि येरूशलेम में परमेश्वर के इस आवास को नाश किया जा सके. मैं दारयावेश हूं, जिसने यह राजाज्ञा प्रसारित की है.

इसका वस्तुतः पालन पूर्ण सावधानी से किया जाए!

पुनर्निर्माण समापन एवं समर्पण

13उस नदी के पार के प्रदेश के राज्यपाल तत्तेनाई, शेथर-बोज़नाई तथा उनके सहकर्मियों ने पूर्ण सावधानी में इस आदेश का पालन किया, जैसा जैसा राजा दारयावेश का आदेश था. 14यहूदियों के पुरनियों ने भविष्यद्वक्ता हाग्गय तथा इद्दो के पुत्र ज़करयाह की भविष्यवाणी के अनुरूप यह निर्माण पूरा करने में सफलता हासिल की. इस निर्माण का पूर्ण होना इस्राएल के परमेश्वर के आदेश तथा फारस के राजा कोरेश, दारयावेश तथा अर्तहषस्ता की राजाज्ञा के अनुसार हुआ. 15भवन पुनर्निर्माण का यह कार्य अदर माह की तीसरी तिथि पर पूर्ण हुआ. यह राजा दारयावेश के शासन का छठा वर्ष था.

16इस्राएल वंशज, पुरोहित, लेवी तथा शेष रहनेवालों ने बड़े ही आनंदपूर्वक परमेश्वर के भवन के अर्पण के उत्सव को मनाया. 17परमेश्वर के इस भवन के अर्पण-उत्सव में उन्होंने 100 बछड़े, 200 मेढ़े, 400 मेमने अर्पित किए तथा इस्राएल के निमित्त पापबलि करके 12 बकरे इस्राएल के बारह गोत्रों के अनुसार अर्पित किए. 18तब उन्होंने अपने-अपने विभागों के लिए पुरोहित तथा क्रम के अनुसार लेवी भी येरूशलेम में परमेश्वर की सेवा के लिए नियुक्त कर दिए—जैसा कि मोशेह लिखित विधान में निर्दिष्ट है.

फ़सह उत्सव

19वे जो रहनेवाले थे, उन्होंने प्रथम माह के चौदहवें दिन फ़सह उत्सव को मनाया. 20क्योंकि पुरोहितों एवं लेवियों ने साथ ही अपने को पवित्र कर लिया था. वे सभी अब संस्कार के अनुसार शुद्ध किए गये थे. तब उन्होंने सभी रहनेवालों के लिए फ़सह मेमना वध किया सहपुरोहितों के लिए तथा स्वयं अपने लिए. 21इस्राएल वंशज, जो निर्वासन से लौट आए थे तथा वे सभी, जिन्होंने स्वयं को उस देश की अशुद्धताओं से अलग कर लिया था, उनके साथ हो गए थे, कि वे याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की खोज करें; इन्होंने फ़सह के भोज का सेवन किया. 22तब उन्होंने बड़े ही आनंदपूर्वक सात दिन खमीर रहित रोटी का उत्सव भी मनाया, याहवेह ने उन्हें आनंदित किया था. याहवेह ने ही अश्शूर के राजा का हृदय उनकी ओर फेर दिया था कि वह उन्हें, इस्राएल के परमेश्वर के भवन के कार्य के लिए सहायता करें.

New Arabic Version

عزرا 6:1-22

مرسوم داريوس

1عِنْدَئِذٍ أَصْدَرَ دَارِيُوسُ الْمَلِكُ مَرْسُوماً بِالْبَحْثِ فِي دَارِ الْمَحْفُوظَاتِ فِي بَابِلَ، حَيْثُ تُحْفَظُ الْوَثَائِقُ، 2فَعَثَرُوا فِي قَصْرِ أَحْمَثَا، عَاصِمَةِ إِقْلِيمِ مَادِي، عَلَى مَرْسُومٍ هَذَا نَصُّهُ: «مُذَكِّرَةٌ. 3أَصْدَرَ الْمَلِكُ كُورَشُ فِي السَّنَةِ الأُولَى لِحُكْمِهِ مَرْسُوماً بِشَأْنِ هَيْكَلِ اللهِ فِي أُورُشَلِيمَ، جَاءَ فِيهِ: لِيُعَدْ بِنَاءُ الْهَيْكَلِ الَّذِي يُقَرِّبُونَ فِيهِ الذَّبَائِحَ، وَلْتُرْسَ أُسُسُهُ بِحَيْثُ يَكُونُ ارْتِفَاعُهُ سِتِّينَ ذِرَاعاً (نَحْوَ ثَلاثِينَ مِتْراً) وَعَرْضُهُ سِتِّينَ ذِرَاعاً 4عَلَى أَنْ يَتَكَوَّنَ مِنْ ثَلاثَةِ صُفُوفٍ مِنْ حِجَارَةٍ عَظِيمَةٍ، وَصَفٍّ رَابِعٍ مِنْ خَشَبٍ جَدِيدٍ. وَتَتَكَفَّلُ خَزِينَةُ الْمَلِكِ بِنَفَقَةِ الْبِنَاءِ. 5كَمَا يَتَحَتَّمُ رَدُّ آنِيَةِ هَيْكَلِ اللهِ الذَّهَبِيَّةِ وَالْفِضِّيَّةِ الَّتِي غَنِمَهَا نَبُوخَذْنَصَّرُ مِنْ هَيْكَلِ أُورُشَلِيمَ وَنَقَلَهَا إِلَى بَابِلَ، إِلَى مَوْضِعِهَا فِي هَيْكَلِ اللهِ فِي أُورُشَلِيمَ.

6وَالآنَ يَا تَتْنَايُ وَالِي عَبْرِ النَّهْرِ وَشَتَرْبُوزْنَايُ وَسَائِرَ رِفَاقِكُمَا الأَفَرْسَكِيِّينَ الْمُقِيمِينَ فِي عَبْرِ النَّهْرِ: ابْتَعِدُوا مِنْ هُنَاكَ. 7لَا تَتَدَخَّلُوا فِي سَيْرِ عَمَلِ بِنَاءِ هَيْكَلِ اللهِ هَذَا؛ وَلْيُتَابِعْ وَالِي الْيَهُودِ وَشُيُوخُهُمْ بِنَاءَهُ فِي ذَاتِ مَوْقِعِهِ السَّابِقِ. 8وَقَدْ صَدَرَ مِنِّي أَمْرٌ بِمَا تَصْنَعُونَ مَعَ شُيُوخِ الْيَهُودِ هَؤُلاءِ بِصَدَدِ بِنَاءِ هَيْكَلِ اللهِ: عَلَيْكُمْ أَنْ تَدْفَعُوا عَاجِلاً لِهَؤُلاءِ نَفَقَاتِ الْبِنَاءِ مِنْ مَالِ الْمَلِكِ مِنَ الْجِزْيَةِ الَّتِي تُجْبَى مِنْ عَبْرِ النَّهْرِ، لِئَلّا يَتَعَطَّلُوا عَنِ الْعَمَلِ. 9وَكَذَلِكَ مَا يَحْتَاجُونَ إِلَيْهِ مِنَ الثِّيرَانِ وَالْكِبَاشِ وَالْخِرَافِ لِتَكُونَ قَرَابِينَ لإِلَهِ السَّمَاءِ. وَقَدِّمُوا لَهُمْ حِنْطَةً وَمِلْحاً وَخَمْراً وَزَيْتاً بِمُوْجِبِ طَلَبِ كَهَنَةِ أُورُشَلِيمَ كُلَّ يَوْمٍ بِيَوْمِهِ مِنْ غَيْرِ مُمَاطَلَةٍ، 10لِيُوَاظِبُوا عَلَى تَقْرِيبِ ذَبَائِحِ سُرُورٍ لإِلَهِ السَّمَاءِ، وَيُثَابِرُوا عَلَى الصَّلاةِ مِنْ أَجْلِ حَيَاةِ الْمَلِكِ وَأَبْنَائِهِ. 11وَقَدْ أَمَرْتُ أَنَّ كُلَّ إِنْسَانٍ يُغَيِّرُ مِنْ هَذَا الْمَرْسُومِ تُسْحَبُ خَشَبَةٌ مِنْ بَيْتِهِ تَصْلِبُونَهُ عَلَيْهَا مُعَلَّقاً، وَيَتَحَوَّلُ بَيْتُهُ إِلَى كَوْمَةٍ مِنَ الأَطْلالِ جَزَاءَ جَرِيمَتِهِ. 12وَلْيُهْلِكِ اللهُ، الَّذِي وَضَعَ اسْمَهُ هُنَاكَ، كُلَّ مَلِكٍ أَوْ شَعْبٍ يَسْعَى لِتَغْيِيرِ هَذَا الْمَرْسُومِ، أَوْ لِهَدْمِ هَيْكَلِ اللهِ الَّذِي فِي أُورُشَلِيمَ. أَنَا دَارِيُوسُ قَدْ أَمَرْتُ فَلْيُجْرَ تَنْفِيذُ هَذَا الْمَرْسُومِ عَلَى الْفَوْرِ».

إكمال بناء الهيكل وتدشينه

13حِينَئِذٍ أَسْرَعَ تَتْنَايُ وَالِي عَبْرِ النَّهْرِ، وَشَتَرْبُوزْنَايُ وَرِفَاقُهُمَا بِتَنْفِيذِ أَمْرِ الْمَلِكِ دَارِيُوسَ بِدِقَّةٍ. 14وَهَكَذَا تَابَعَ شُيُوخُ الْيَهُودِ الْبِنَاءَ بِنَجَاحٍ، تَتْمِيماً لِنُبُوءَةِ حَجَّيِ النَّبِيِّ وَزَكَرِيَّا بْنِ عِدُّو، فَاسْتَكْمَلُوا الْبِنَاءَ حَسَبَ أَمْرِ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ وَأَمْرِ كُورَشَ وَدَارِيُوسَ وَأَرْتَحْشَشْتَا مُلُوكِ فَارِسَ. 15وَتَمَّ بِنَاءُ الْهَيْكَلِ فِي الْيَوْمِ الثَّالِثِ مِنْ شَهْرِ آذَارَ، فِي السَّنَةِ السَّادِسَةِ مِنْ مُلْكِ دَارِيُوسَ الْمَلِكِ. 16وَدَشَّنَ كَهَنَةُ بَنِي إِسْرَائِيلَ وَاللاوِيُّونَ وَبَقِيَّةُ الْمَسْبِيِّينَ الْعَائِدِينَ هَيْكَلَ اللهِ بِفَرَحٍ. 17وَقَرَّبُوا احْتِفَالاً بِتَدْشِينِ هَيْكَلِ اللهِ: مِئَةَ ثَوْرٍ وَمِئَتَيْ كَبْشٍ وَأَرْبَعَ مِئَةِ خَرُوفٍ؛ وَاثْنَيْ عَشَرَ تَيْسَ مِعْزَى، لِتَكُونَ ذَبِيحَةَ خَطِيئَةٍ عَنْ جَمِيعِ إِسْرَائِيلَ، بِحَسَبِ عَدَدِ أَسْبَاطِهِمْ. 18وَتَوَزَّعَ الْكَهَنَةُ وَاللّاوِيُّونَ حَسَبَ فِرَقِهِمِ الْمُخْتَلِفَةِ لِيَقُومُوا بِخِدْمَةِ الرَّبِّ، كَمَا هُوَ مَنْصُوصٌ عَلَيْهِ فِي شَرِيعَةِ مُوسَى.

الفصح

19وَاحْتَفَلَ الْعَائِدُونَ مِنَ السَّبْيِ بِالْفِصْحِ فِي الْيَوْمِ الرَّابِعَ عَشَرَ مِنَ الشَّهْرِ الأَوَّلِ، 20إِذْ كَانَ الْكَهَنَةُ وَاللّاوِيُّونَ قَدْ تَطَهَّرُوا جَمِيعاً، فَذَبَحُوا حُمْلانَ الْفِصْحِ لِجَمِيعِ الْمَسْبِيِّينَ الْعَائِدِينَ وَلإِخْوَتِهِمِ الْكَهَنَةِ وَلأَنْفُسِهِمْ. 21وَأَكَلَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ الرَّاجِعُونَ مِنَ السَّبْيِ الْفِصْحَ، مَعَ سَائِرِ الَّذِينَ انْفَصَلُوا عَنْ مُمَارَسَةِ رَجَاسَاتِ أُمَمِ الأَرْضِ. وَجَاءُوا لِيَعْبُدُوا الرَّبَّ إِلَهَ إِسْرَائِيلَ. 22وَاحْتَفَلُوا بِعِيدِ الْفَطِيرِ سَبْعَةَ أَيَّامٍ بِفَرَحٍ، لأَنَّ الرَّبَّ مَلأَهُمْ بِالْغِبْطَةِ، إِذْ جَعَلَ قَلْبَ مَلِكِ أَشُّورَ يَمِيلُ نَحْوَهُمْ، فَشَدَّ أَزْرَهُمْ لِمُتَابَعَةِ الْعَمَلِ فِي بِنَاءِ هَيْكَلِ اللهِ إِلَهِ إِسْرَائِيلَ.