尼希米记 13 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

尼希米记 13:1-31

与外族人隔离

1那天,有人给民众宣读摩西律法书时,发现书上说亚扪人和摩押人永不可加入上帝的会众。 2因为他们没有用食物和水接待以色列人,还雇巴兰咒诅他们,但我们的上帝将咒诅变为祝福。 3以色列人听到律法书上的话,便逐出所有外族人。

尼希米的改革

4这事之前,被委派负责上帝殿库房的以利亚实祭司因与多比雅是亲戚, 5就为多比雅预备了一个大房间,这房间从前用来存放素祭、乳香、器皿,还有按律法给利未人、歌乐手、殿门守卫的十分之一五谷、新酒和新油,以及给祭司的举祭。 6这一切发生的时候,我不在耶路撒冷,因为我已在巴比伦亚达薛西三十二年回到王那里。过了一段日子,我向王请假离开。 7我返回耶路撒冷后,才得知以利亚实在上帝殿的院内为多比雅预备房间的恶事。 8我非常愤怒,把多比雅所有的物品扔出房间, 9下令洁净那些房间,然后搬回上帝殿内的器皿、素祭和乳香。

10我发现利未人没有得到应得之份,以致当值的利未人和歌乐手都跑回自己的田地。 11我斥责众首领说:“为何忽略上帝的殿?”然后,我招聚利未人,叫他们各归各职。 12犹大人都把他们的五谷、新酒和新油的十分之一送进库房。 13我派示利米雅祭司、律法教师撒督利未毗大雅管理库房,并派撒刻的儿子、玛他尼的孙子哈难做他们的助手。这些人忠诚可靠,他们负责把物品分配给他们的弟兄。 14我的上帝啊,求你因这事而记念我,不要涂抹我为上帝的殿和其中的敬拜礼仪所做的善事。

15那些日子,我在犹大看见有人在安息日榨酒,用驴驮运禾捆,又在安息日把酒、葡萄、无花果和各样出产带进耶路撒冷。我就在他们卖食物的那天警告他们。 16一些住在耶路撒冷泰尔人运来鱼和各样货物,在安息日卖给耶路撒冷犹大人。 17我斥责犹大的贵族说:“你们为何做这恶事干犯安息日? 18你们的祖先难道不是犯了这样的罪,以致我们的上帝使一切灾祸临到我们和这城吗?如今你们干犯安息日,使上帝的愤怒越发临到以色列。”

19我下令在安息日之前夜幕来临时关上耶路撒冷城门,一直到安息日完毕才打开。我又派我的一些仆人把守城门,不准在安息日带货物进城。 20有一两次,商人和贩卖各样货物的曾在耶路撒冷城外住宿。 21我警告他们说:“你们为什么在城墙外面住宿呢?若再这样,我必拘捕你们。”从此,他们就不再在安息日来了。 22我吩咐利未人洁净自己,然后来看守城门,尊安息日为圣日。我的上帝啊,求你因此而眷顾我,按你丰盛的慈爱怜悯我。

23那些日子,我见犹大人娶了亚实突亚扪摩押的女子为妻。 24他们半数的子女说亚实突话或其他外族人的话,不懂得犹大话。 25我就斥责他们,咒诅他们,打了他们其中一些人,又扯他们的头发,要他们奉上帝的名起誓不再让自己的子女与外族人通婚,自己也不娶外族女子。 26我说:“这岂不是以色列所罗门所犯的罪吗?众国中没有王可与他相比,他的上帝爱他,立他做全以色列的王。然而,连他也被外族女子引入罪中。 27我怎能听凭你们行这大恶,因娶外族女子而背叛我们的上帝呢?” 28以利亚实大祭司之子耶何耶大有个儿子娶了和伦参巴拉的女儿,我就把他赶了出去。 29我的上帝啊,求你记住他们,因为他们玷污了祭司的职分,违背了你与祭司和利未人所立的约。

30这样,我清除了他们当中的一切外族之物,并指定祭司和利未人的职分,使他们各尽其职, 31又让民众定期供应木柴和初熟的物产。

我的上帝啊,求你眷顾我,施恩于我。

Hindi Contemporary Version

नेहेमियाह 13:1-31

नेहेमियाह का अंतिम सुधार

1उस दिन सभा के लिए मोशेह की पुस्तक ऊंची आवाज में पढ़ी गई. इस पुस्तक में यह लिखा हुआ पाया गया कि परमेश्वर की सभा में न तो किसी अम्मोनी के और न किसी मोआबी के प्रवेश की आज्ञा है, 2क्योंकि उन्होंने इस्राएल के लिए भोजन और पानी का इंतजाम करने की बजाय उन पर शाप देने के लक्ष्य से बिलआम को पैसे दिए थे. मगर हमारे परमेश्वर ने शाप को आशीर्वाद में बदल दिया. 3इसलिये जब उन्होंने उस व्यवस्था को सुना, उन्होंने सभी विदेशियों को इस्राएल में से बाहर कर दिया.

4इसके पहले, पुरोहित एलियाशिब, जिसे हमारे परमेश्वर के भवन के कमरों का अधिकारी चुना गया था, वास्तव में तोबियाह का रिश्तेदार था. 5उसने तोबियाह के लिए एक बड़े कमरे को बना रखा था, जहां इसके पहले अन्‍नबलि, लोबान, तरह-तरह के बर्तन और लेवियों, गायकों, द्वारपालों और पुरोहितों के लिए इकट्ठा दानों के ठहराए गए अन्‍न, अंगूर के रस और तेल का दसवां भाग जमा किया जाता था.

6मगर ऐसा हुआ कि इस समय में मैं येरूशलेम में था ही नहीं, क्योंकि बाबेल के राजा, अर्तहषस्ता के समय के बत्तीसवें साल में मैं राजा से मिलने गया हुआ था, मगर यहां कुछ समय रहने के बाद मैंने राजा की आज्ञा ली 7और येरूशलेम आ गया. मुझे उस बुराई के बारे में पता चला, जो एलियाशिब ने तोबियाह के लिए किया—उसने परमेश्वर के भवन के आंगन में तोबियाह के लिए एक कमरा तैयार किया था. 8इससे मैं बहुत नाराज़ हुआ; तब मैंने तोबियाह का सारा सामान उस कमरे के बाहर फेंक दिया. 9तब मेरे आदेश पर वे कमरे शुद्ध किए गए. मैंने परमेश्वर के भवन के बर्तन, अन्‍नबलि और लोबान दोबारा उस कमरे में रखाव दिए.

10तब मुझे यह भी पता चला कि लेवियों के लिए ठहराया हुआ भाग उन्हें दिया ही नहीं गया था, फलस्वरूप तरह-तरह की सेवाओं के लिए चुने गए लेवी और गायक सेवा का काम छोड़कर जा चुके थे-अपने-अपने खेतों में खेती करने. 11इसलिये मैंने अधिकारियों को फटकार लगाई, “परमेश्वर का भवन क्यों छोड़ दिया गया है?” तब मैंने उन सबको वापस बुलाकर उन्हें सेवा के काम पर दोबारा नियुक्त कर दिया.

12तब सारे यहूदिया के लोगों ने भंडार में अनाज, अंगूर का रस और तेल का दसवां भाग रखवा दिया. 13तब मैंने पुरोहित शेलेमियाह को, शासक सादोक को और लेवियों में से पेदाइयाह को भंडारों का अधिकारी ठहरा दिया. उनके अलावा मैंने, मत्तनियाह के पोते ज़क्‍कूर के पुत्र हनान को चुना, क्योंकि ये सभी विश्वासयोग्य पाए गए. इनकी जवाबदारी थी अपने रिश्तेदारों में सामग्री बांटना.

14मेरे परमेश्वर, इस काम के लिए आप मुझे याद रखें. सच्चाई से किए गए मेरे कामों को, जो मैंने परमेश्वर के भवन और इसकी सेवा में किए हैं, आप मिटा न दीजिए.

15उन्हीं दिनों में मेरे सामने यह भी आया कि यहूदिया में कुछ व्यक्ति ऐसे थे, जो शब्बाथ पर अंगूर रौंद रहे थे, कुछ अनाज के बोरे नगर में ला रहे थे, कुछ इन्हें गधों पर लाद रहे थे, सभी प्रकार का सामान शब्बाथ पर येरूशलेम में लाया जा रहा था, वैसे ही अंगूर का रस, अंगूर, अंजीर और सभी प्रकार के बोझ. इसलिये मैंने शब्बाथ पर भोजन बेचने पर उन्हें डांटा. 16येरूशलेम में कुछ सोरवासी भी रहने लगे थे, जो मछली और सब प्रकार का बिकने वाला सामान वहां से बिक्री कर रहे थे. वे यह सब यहूदाह के वंशजों को शब्बाथ पर बेच रहे थे; हां, येरूशलेम ही में! 17तब मैंने यहूदिया के रईसों को फटकार लगाई. मैंने उनसे कहा, “आप लोग शब्बाथ को अपवित्र कर यह कैसी बुराई कर रहे हैं? 18क्या आपके पूर्वजों ने यह नहीं किया था, जिसके फलस्वरूप हमारे परमेश्वर ने हम पर और इस नगर पर यह सारी विपत्ति ड़ाल दी है? यह होने पर भी आप लोग शब्बाथ को अपवित्र करके इस्राएल पर परमेश्वर के क्रोध को बढ़ा रहे हैं.”

19तब यह हुआ कि शब्बाथ शुरू होने के ठीक पहले, जब येरूशलेम के फाटकों पर अंधेरा छा ही रहा था, मैंने आदेश दिया कि फाटक बंद कर दिए जाएं और वे शब्बाथ खत्म होने के पहले बिलकुल न खोले जाएं. इसके बाद मैंने अपने ही कुछ सेवकों को फाटकों पर ठहरा दिया कि शब्बाथ पर किसी भी बोझ को अंदर न आने दिया जाए. 20एक या दो मौके ही ऐसे गए होंगे, जब विभिन्‍न प्रकार के व्यापारियों और बेचने वालों ने येरूशलेम के बाहर रात बिताई थी. 21तब मैंने उन्हें इस प्रकार चेतावनी दी, “क्यों आप लोग शहरपनाह के पास रात बिताते हैं? यदि आप दोबारा यह करते पाए जाएंगे, तो मुझे आप पर ताकत का इस्तेमाल करना पड़ेगा.” इस चेतावनी के बाद वे शब्बाथ पर येरूशलेम कभी नहीं आए. 22तब मैंने लेवियों को आदेश दिया कि शब्बाथ को पवित्र करने के उद्देश्य से वे अपने आपको शुद्ध कर द्वारपाल के समान आया करें.

मेरे परमेश्वर, इस भले काम के लिए भी आप मुझे याद रखिए और अपनी बड़ी करुणा के अनुसार मुझ पर अपनी दया हमेशा बनाए रखिए.

23उन्हीं दिनों में मेरा ध्यान इस सच्चाई की ओर भी गया, कि यहूदियों ने अशदोद, अम्मोन और मोआब की स्त्रियों से विवाह किया हुआ था. 24उनकी संतान के विषय में सच्चाई यह है कि उनकी संतान के आधे लोग अशदोद की भाषा बोलते है, उनमें से कोई भी यहूदिया की भाषा में बातचीत कर ही नहीं सकता, बल्कि वे सिर्फ अपने ही लोगों की भाषा का इस्तेमाल करते हैं. 25इसलिये मैंने उनसे बहस की, उन्हें धिक्कारा, उनमें से कुछ पर तो मैंने हाथ भी छोड़ दिया और कुछ के बाल नोचे. तब मैंने उन्हें परमेश्वर की शपथ दी, “तुम उनके पुत्रों को अपनी पुत्रियां विवाह के लिए नहीं दोगे और न उनकी पुत्रियां को अपने पुत्रों के लिए या खुद अपने विवाह के लिए लोगे. 26क्या इस्राएल के राजा शलोमोन ने इन्हीं विषयों में पाप नहीं किया था? इतना होने पर भी अनेकों देशों में उनके समान राजा कोई न था. उन पर उनके परमेश्वर का प्रेम स्थिर था और परमेश्वर ने उन्हें सारे इस्राएल पर राजा ठहराया दिया; फिर भी, उन विदेशी स्त्रियों ने उन्हें तक पाप करने के लिए फेर दिया था. 27तब क्या यह सही होगा कि हम आपसे सहमत होकर यह बड़ी बुराई करें और विदेशी स्त्रियों से विवाह करने के द्वारा अपने परमेश्वर के विरुद्ध विश्वासघात करें?”

28यहां तक कि महापुरोहित एलियाशिब के पुत्रों में से एक योइयादा, होरोनी के सनबल्लत का दामाद था. मैंने उसे वहां से निकाल दिया.

29मेरे परमेश्वर, आप इन्हें याद रखिए, क्योंकि इन्होंने पुरोहित के पद को और पुरोहित की और लेवियों की वाचा को अशुद्ध किया है.

30इस प्रकार मैंने उन्हें उन सभी से शुद्ध कर दिया, जो कुछ विदेशी था. मैंने पुरोहितों और लेवियों के लिए उनके कामों को ठहरा भी दिया-हर एक के लिए निश्चित काम. 31मैंने ठहराए गए अवसरों के लिए लकड़ी और पहले फलों को देने का भी प्रबंध कर दिया.

मेरे परमेश्वर, मेरी भलाई के लिए मुझे याद रखिये!