列王纪下 14 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible 2022 (Simplified)

列王纪下 14:1-29

亚玛谢做犹大王

1约哈斯的儿子以色列约阿施执政第二年,犹大约阿施的儿子亚玛谢登基。 2他二十五岁登基,在耶路撒冷执政二十九年。他母亲叫约耶但,是耶路撒冷人。 3亚玛谢做耶和华视为正的事,虽不如他祖先大卫,但事事效法他父亲约阿施4然而,他没有拆除丘坛,人们仍在那里献祭烧香。 5他巩固王位后,立即处死了杀他父王的臣仆, 6但没有处死他们的孩子,好遵行耶和华在摩西律法书中的吩咐:“不可因孩子犯罪而处死父亲,也不可因父亲犯罪而处死孩子。各人要自负罪责。”14:6 申命记24:16 7亚玛谢曾在盐谷杀了一万以东人,攻占了西拉,把西拉改名为约帖,沿用至今。

8后来,亚玛谢差遣使者对耶户的孙子、约哈斯的儿子、以色列约阿施说:“来,我们战场上见。” 9以色列约阿施派人回复犹大亚玛谢说:“黎巴嫩的蒺藜派使者去对黎巴嫩的香柏树说,‘将你女儿嫁给我儿子吧。’后来黎巴嫩的一只野兽经过,把那蒺藜践踏在脚下。 10你打败了以东人就趾高气扬,还是待在家里庆祝胜利吧,何必惹祸上身,使你和犹大一同灭亡呢?”

11亚玛谢不理会他的劝告。于是,以色列约阿施起兵攻打犹大亚玛谢,两王会战于犹大伯·示麦12犹大人被以色列人打败,兵将都各自逃回家去了。 13以色列约阿施伯·示麦擒获亚哈谢的孙子、约阿施的儿子犹大亚玛谢,然后前往耶路撒冷,拆毁从以法莲门到角门约一百八十米长的耶路撒冷城墙, 14抢走耶和华殿里和王宫库房里的所有金银和器皿,并带着人质返回撒玛利亚15约阿施其他的事和功业,包括他英勇对抗犹大亚玛谢的事迹,都记在《以色列列王史》上。 16约阿施与祖先同眠后,葬在撒玛利亚以色列王陵。他儿子耶罗波安继位。

17约哈斯的儿子以色列约阿施死后,约阿施的儿子犹大亚玛谢又活了十五年。 18亚玛谢其他的事都记在《犹大列王史》上。 19耶路撒冷有人谋反,亚玛谢就逃到拉吉,但叛党派人追到那里杀了他。 20有人用马将他的尸体驮回耶路撒冷,葬在大卫城他的祖坟里。 21犹大民众拥立亚玛谢十六岁的儿子亚撒利雅14:21 “亚撒利雅”即乌西雅。为王。 22亚玛谢与祖先同眠后,亚撒利雅犹大收回了以拉他,并重新修建。

耶罗波安二世

23约阿施的儿子犹大亚玛谢执政第十五年,以色列约阿施的儿子耶罗波安撒玛利亚登基,执政四十一年。 24他做耶和华视为恶的事,没有离开尼八的儿子耶罗波安使以色列人犯的那些罪。 25他收复了从哈马口到死海14:25 “死海”希伯来文是“亚拉巴海”。一带的以色列边境,正如以色列的上帝耶和华借祂仆人迦特希弗亚米太的儿子约拿先知所言。 26因为耶和华看见以色列人,无论自由人还是奴隶都十分痛苦,没有人帮助他们。 27耶和华没有说要从世上抹去以色列的名,因此祂借着约阿施的儿子耶罗波安拯救他们。 28耶罗波安其他的事及一切所为和功业,包括他英勇收复大马士革和一度属犹大国的哈马的事迹,都记在《以色列列王史》上。 29耶罗波安与祖先——以色列的先王们同眠后,他儿子撒迦利雅继位。

Hindi Contemporary Version

2 राजा 14:1-29

यहूदिया पर अमाज़्याह का शासन

1यहोआहाज़ के पुत्र यहोआश के शासन के दूसरे साल में, यहूदिया के राजा योआश का पुत्र अमाज़्याह ने शासन करना शुरू किया. 2जब उसने शासन की बागडोर संभाली उसकी उम्र पच्चीस साल थी. उसने येरूशलेम में उनतीस साल शासन किया. उसकी माता का नाम येहोआद्दीन था. वह येरूशलेमवासी थी. 3उसने वही किया, जो याहवेह की दृष्टि में सही था—फिर भी, अपने पूर्वज दावीद के समान नहीं. उसने हर एक काम में अपने पिता योआश का अनुसरण किया. 4फिर भी, पूजा स्थलों की वेदियां तोड़ी नहीं गई थी. लोग पूजा स्थलों की वेदियों पर धूप जलाते और बलि चढ़ाते रहे.

5उसके हाथों में राज्य मजबूत होते ही उसने अपने सेवकों की हत्या कर डाली, जिन्होंने उसके पिता की हत्या की थी; 6मगर उसने इन हत्यारे सेवकों की संतान का वध नहीं किया; ठीक जैसे याहवेह की आज्ञा के अनुसार मोशेह द्वारा दी गई व्यवस्था में दिया है, “पुत्र के पाप का दंड उसके पिता को न मिले और न पिता के कारण पुत्र मार डाला जाए, जिसने पाप किया हो वही उस पाप के कारण मार डाला जाए.”

7उसने नमक की घाटी में दस हज़ार एदोमियों को मार गिराया. भयंकर युद्ध के द्वारा उसने सेला नगर अपना लिया, और उसे एक नया नाम दिया: योकथएल, जो आज तक प्रचलित है.

8तब अमाज़्याह ने येहू के पोते और यहोआहाज़ के पुत्र, इस्राएल का राजा यहोआश को दूतों द्वारा यह संदेश भेजा: “चलो, हम युद्ध-भूमि में आपस में बल परीक्षण करें.”

9इस्राएल के राजा यहोआश ने यहूदिया के राजा अमाज़्याह को उत्तर भेजा, “लबानोन की एक कंटीली झाड़ी ने लबानोन के केदार को यह संदेश भेजा: ‘अपनी पुत्री को मेरे पुत्र की पत्नी होने के लिए दे दो.’ तब एक जंगली पशु वहां से निकलते हुए कंटीली झाड़ी को कुचलते हुए निकल गया. 10यह सच है कि तुमने एदोम को हराया है और तुम्हारा मन गर्व से ऊंचा हो रहा है. अपने ही पराक्रम में संतुष्ट बने रहो, ऐसा करो: घर में शांति से बैठे रहो! मुसीबत को क्यों बुला रहे हो? तुम्हारा पतन तो होना ही है, साथ ही सारी यहूदिया राज्य का भी!”

11मगर अमाज़्याह ने उसकी एक न सुनी; तब इस्राएल के राजा यहोआश ने हमला कर दिया. दोनों का सामना यहूदिया के बेथ-शेमेश नामक स्थान पर हुआ. 12इस्राएल ने यहूदिया को हरा दिया. सैनिक पीठ दिखाकर अपने-अपने तंबुओं को लौट गए. 13इस्राएल के राजा यहोआश ने अमाज़्याह को, जो अहज़्याह का पोते और यहूदिया के राजा योआश के पुत्र था, बेथ-शेमेश नामक स्थान पर बंदी बना लिया, और उसे लेकर वह येरूशलेम आ गया. वहां उसने एफ्राईम के फाटक से लेकर कोने के द्वारा तक लगभग एक सौ अस्सी मीटर शहरपनाह को गिरा दिया. 14वहां उसे याहवेह के भवन और राज-भंडार में से जितना सोना, चांदी और सारे बर्तन मिले, उन्हें और बन्धकों को लेकर वह शमरिया को लौट गया.

15यहोआश द्वारा किए गए बाकी काम, उसकी वीरता और यहूदिया के राजा अमाज़्याह के साथ उसके युद्ध का ब्यौरा, इस्राएल के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है. 16यहोआश हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिला और उसे शमरिया में इस्राएल के राजाओं के साथ गाड़ दिया. उसके पुत्र यरोबोअम ने उसके स्थान पर शासन किया.

17यहूदिया के राजा योआश का पुत्र अमाज़्याह इस्राएल के राजा यहोआहाज़ के पुत्र यहोआश की मृत्यु के बाद पन्द्रह साल जीवित रहा. 18अमाज़्याह के बाकी के कामों का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.

19येरूशलेम में लोगों ने उसके विरुद्ध षड़्‍यंत्र रचा, तब वह लाकीश को भाग गया; किंतु उन्होंने लाकीश में जाकर उसकी खोज की, और वहीं उसकी हत्या कर दी. 20उन्होंने घोड़ों पर उसका शव येरूशलेम लाकर उसके पूर्वजों के साथ दावीद के नगर में गाड़ दिया.

21यहूदिया की प्रजा ने अज़रियाह को उसके पिता अमाज़्याह के स्थान पर राजा अभिषिक्त किया. उस समय उसकी उम्र सोलह साल ही थी. 22राजा की मृत्यु के बाद उसने एलाथ नगर को दोबारा बसाया और उसे यहूदिया में शामिल कर लिया.

इस्राएल पर यरोबोअम द्वितीय का शासन

23यहूदिया के राजा योआश के पुत्र अमाज़्याह के शासनकाल के पन्द्रहवें साल में इस्राएल के राजा यहोआश के पुत्र यरोबोअम को शमरिया में राजा बनाया गया. उसका शासनकाल एकतालीस साल का था. 24उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत था. वह उन पापों से दूर न हुआ जो नेबाथ के पुत्र यरोबोअम ने इस्राएल को करने के लिए उकसाया था. 25उसने इस्राएल राष्ट्र की सीमा लबो-हामाथ से लेकर अराबाह सागर तक दोबारा स्थापित कर दी. यह याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के उस आदेश के अनुसार था, जो उन्होंने गाथ-हेफ़ेरवासी अमित्ताइ के पुत्र भविष्यद्वक्ता योनाह के द्वारा दिया था.

26याहवेह देख रहे थे कि इस्राएल पर हो रहा अत्याचार बहुत असहनीय था. इससे किसी को छूट नहीं थी; चाहे दास या स्वतंत्र, और इसके लिए इस्राएल का सहायक कोई भी न था. 27याहवेह ने यह कभी नहीं कहा कि वह पृथ्वी पर से इस्राएल का नाम ही मिटा देंगे, तब याहवेह ने यहोआश के पुत्र यरोबोअम के द्वारा उन्हें छुटकारा दिलाया.

28यरोबोअम द्वारा किए गए बाकी कामों और उसकी उपलब्धियों का ब्यौरा, उसकी वीरता, उसकी युद्ध नीति, दमेशेक और हामाथ को यहूदिया से इस्राएल के लिए दोबारा पाने का ब्यौरा, इस्राएल के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है. 29यरोबोअम हमेशा के लिए अपने पूर्वजों, इस्राएल के राजाओं में जा मिला और उसका पुत्र ज़करयाह उसके स्थान पर शासन करने लगा.