إرميا 47 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

إرميا 47:1-7

رسالة بخصوص فلسطين

1هَذِهِ هِيَ النُّبُوءَةُ الَّتِي أَوْحَى بِها الرَّبُّ إِلَى إِرْمِيَا عَنِ الْفِلِسْطِينِيِّينَ قَبْلَ أَنْ يُهَاجِمَ فِرْعَوْنُ غَزَّةَ. 2هَذَا مَا يُعْلِنُهُ الرَّبُّ: «هَا هِيَ مِيَاهٌ تَطْغَى مِنَ الشِّمَالِ، فَتُصْبِحُ سَيْلاً جَارِفاً، فَتَغْمُرُ الأَرْضَ وَمَنْ عَلَيْهَا، الْمَدِينَةَ والسَّاكِنِينَ فِيهَا. فَيَسْتَغِيثُ النَّاسُ وَيُوَلْوِلُ كُلُّ أَهْلِ الْبِلادِ، 3مِنْ صَوْتِ وَقْعِ حَوَافِرِ خَيْلِهِ، وَمِنْ جَلَبَةِ مَرْكَبَاتِهِ، وَمِنْ صَرِيرِ عَجَلاتِهَا، فَلا يَلْتَفِتُ الآبَاءُ إِلَى الأَبْنَاءِ مِنْ فَرْطِ مَا يَعْتَرِيهِمْ مِنْ وَهْنٍ. 4رُعْباً مِنَ الْيَوْمِ الْمُقْبِلِ لإِبَادَةِ الْفِلِسْطِينِيِّينَ، ولاِسْتِئْصَالِ صُورَ وَصِيدُونَ وَكُلَّ مُعِينٍ بَاقٍ، لأَنَّ الرَّبَّ يُدَمِّرُ الْفِلِسْطِينِيِّينَ بَقِيَّةَ جَزِيرَةِ كَفْتُورَ. 5قَدْ أَصْبَحَتْ غَزَّةُ جَرْدَاءَ، وَسَادَ أَشْقَلُونَ صَمْتُ الْمَوْتِ. يَا بَقِيَّةَ الْعَنَاقِيِّينَ، إِلَى مَتَى تَظَلُّونَ تُجَرِّحُونَ أَنْفُسَكُمْ حُزْناً؟ 6يَا سَيْفَ الرَّبِّ، مَتَى تَسْتَكِينُ؟ اسْتَقِرَّ فِي غِمْدِكَ وَاهْدَأْ وَاسْتَرِحْ. 7كَيْفَ يُمْكِنُ لَهُ أَنْ يَسْتَكِينَ، وَقَدْ أَصْدَرَ الرَّبُّ لَهُ أَمْرَهُ لِيَضْرِبَ أَشْقَلُونَ وَمُدُنَ سَاحِلِ الْبَحْرِ، هُنَاكَ وَاعَدَهُ الرَّبُّ عَلَى اللِّقَاءِ».

Hindi Contemporary Version

येरेमियाह 47:1-7

फिलिस्तिया से संबंधित नबूवत

1इसके पूर्व कि फ़रोह अज्जाह को पराजित करता, भविष्यद्वक्ता येरेमियाह को फिलिस्तीनियों से संबंधित यह संदेश प्राप्‍त हुआ:

2यह याहवेह का संदेश है:

“यह देखना कि उत्तर से जल स्तर ऊंचा होने लगेगा;

और यह बढ़कर प्रचंड प्रवाह में परिवर्तित हो जाएगा.

यह संपूर्ण भूमि को आच्छादित कर लेगा वह सब भी जो भूमि के ऊपर है,

नगर को तथा नगरवासियों को भी.

पुरुष चिल्लायेंगे;

तथा देश का हर एक निवासी विलाप करेगा.

3घोड़ों की टापों की ध्वनि के कारण,

उसके रथों की आवाज सुनकर,

उनके पहियों की गड़गड़ाहट के कारण.

पिता मुड़कर अपने बालकों को देखेंगे;

क्योंकि उनके हाथ ढीले हो चुके हैं.

4यह इसलिये कि सारे फिलिस्तीनियों के विनाश का

तथा सोर और सीदोन में

हर एक शेष रह गए सहायक को

नष्ट करने का दिन आया है.

स्वयं याहवेह ही फिलिस्तीनियों तथा काफ़तोर के तटवर्ती

क्षेत्रों के बचे हुए लोगों को नष्ट करने के लिए तैयार हैं.

5अज्जाह को सिर मुंडाना पड़ा है;

अश्कलोन नष्ट किया जा चुका है.

उनकी घाटी के बचे हुए लोगो,

तुम कब तक अपनी देह को घायल करते रहोगे?

6“ ‘आह, याहवेह की तलवार,

और कब तक प्रतीक्षा की जाए तुम्हारे शांत होने की?

अब तो अपनी म्यान में जा बैठो;

विश्राम करो और चुपचाप रहो.’

7यह शांत रह भी कैसे सकती है

जब इसे आदेश ही याहवेह ने दिया है,

उसे अश्कलोन तथा समुद्रतट के

क्षेत्रों के विरुद्ध ही नियत किया गया है?”