歴代誌Ⅰ 12 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

歴代誌Ⅰ 12:1-40

12

1サウルから身を隠し、ツィケラグにいたダビデのもとに馳せ参じた勇士たちは次のとおりです。 2彼らはみな、右手も左手も同じように使うことができ、弓と石投げの名手で、サウル王と同じくベニヤミン族の出身でした。

3-7彼らの長はギブア出身のシェマアの子アヒエゼルで、その他の者は次のとおり。アヒエゼルの兄弟ヨアシュ、アズマベテの子のエジエルとペレテ、ベラカ、アナトテ出身のエフー、三十人の勇士よりも評判の高かったギブオン出身のイシュマヤ、エレミヤ、ヤハジエル、ヨハナン、ゲデラ出身のエホザバデ、エルウザイ、エリモテ、ベアルヤ、シェマルヤ、ハリフ出身のシェファテヤ、エルカナ、イシヤ、アザルエル、ヨエゼル、ヤショブアム。以上はコラ人です。それにゲドル出身のエロハムの子のヨエラとゼバデヤ。

8-13ガド族で評判の勇士たちも、荒野にいるダビデのもとに集まりました。彼らは盾と槍の名手で、「かもしかのように足が速く、しかもライオンのような顔をした人々」でした。その長はエゼル。第二はオバデヤ。第三はエリアブ。第四はミシュマナ。第五はエレミヤ。第六はアタイ。第七はエリエル。第八はヨハナン。第九はエルザバデ。第十はエレミヤ。第十一はマクバナイ。

14彼らは軍の将校で、いちばん弱い者でも普通の兵士百人に匹敵し、強い者ともなると千人にも匹敵しました。 15彼らはヨルダン川の水があふれる時に川を渡って、両岸の低地を占領したことがあります。

16ほかに、ベニヤミンとユダの各部族からも、ダビデのもとへ集まった人々があります。 17ダビデは彼らを迎えに出て言いました。「私を助けに来てくれたのなら、私たちはこれから友人だ。しかし、もし罪のない私を敵に売り渡すために来たのなら、父祖の神が報復してくださるように。」

18その時、聖霊が彼らに臨み、三十人の勇士の一人アマサイが答えました。

「ダビデ様。私たちは味方です。

エッサイの子よ。私たちは家来になります。

あなたと、あなたを助けるすべての者に平安がありますように。

神が共におられるからです。」

ダビデは彼らを味方に加え、隊長に取り立てました。

19ダビデがペリシテ人とともにサウル王との戦いに出て行った時、マナセ族出身の幾人かも、イスラエル軍を離れてダビデのもとにやって来ました。ところが、いざ戦いという時になって、ペリシテ人の将軍たちは、ダビデの部隊が戦闘に加わることを拒んだのです。激論の末、ペリシテ人はダビデの部隊を送り返しました。ダビデとその部下がサウル王に寝返って、自分たちを窮地に陥れるのではないかと恐れたのでした。

20ダビデがツィケラグへの道を進んでいた時、彼を頼って来たマナセ部族の人々は、次のとおりです。アデナフ、エホザバデ、エディアエル、ミカエル、エホザバデ、エリフ、ツィルタイ。みなマナセ部隊の将校でした。 21彼らはすぐれた勇士ばかりで、ダビデを助けてツィケラグでアマレクの略奪隊と戦いました。

22ほとんど毎日のように人々が集まって来たので、ダビデの軍隊は神の陣営のように強大になりました。 23ヘブロンでダビデのもとに集まった人々はみな、主のことばどおり、ダビデがサウルに代わって王になることを願っていました。その数は次のとおりです。

24-37ユダ族から、盾と槍で武装した兵士六千八百人。

シメオン族から、すぐれた勇士七千百人。

レビ人から四千六百人。

アロンの子孫である祭司から、エホヤダと勇気ある若者ツァドクに率いられた三千七百人。ツァドクとその一族の二十二人は、戦う祭司団の将校でした。

サウルの属していたベニヤミン族から三千人。この部族の大多数は、サウルについていました。

エフライム族から、各氏族での名門の勇士二万八百人。

マナセの半部族から、ダビデを王とするために集まった一万八千人。

イッサカル族から、部族の指導者が二百人。彼らはみな時代の流れに通じ、イスラエルの進むべき最善の道を知っていました。

ゼブルン族から、訓練された勇士五万人。彼らは完全に武装し、心からダビデに仕えました。

ナフタリ族から、千人の将校と、盾と槍で武装した兵士三万七千人。

ダン族から、戦いの備えをした兵士二万八千六百人。

アシェル族から、訓練された兵士四万人。

ルベンとガドの各部族、それにマナセの半部族が住んでいたヨルダン川の東側から、あらゆる種類の武器を備えた兵士十二万人。

38これらの戦士たちは、ダビデをイスラエルの王にする目的で、ヘブロンに集結しました。実のところ、イスラエルの民のすべてが、ダビデが新しい王になることを望んでいたのです。 39すでに迎えの準備がされていて、彼らは三日間ダビデとともに宴を張り、飲み食いしました。 40近くから来た者も、イッサカル、ゼブルン、ナフタリのように遠くから来た者も、ろば、らくだ、らば、牛などで食物を運んで来ました。小麦粉、干しいちじくの菓子、干しぶどう、ぶどう酒、油、牛、羊などが、この祝宴のために山ほど運ばれてきました。国中が喜びにわきかえっていました。

Hindi Contemporary Version

1 इतिहास 12:1-40

शूरवीर दावीद के साथ

1ज़िकलाग में दावीद के समर्थक ये वे व्यक्ति हैं जिन्होंने ज़िकलाग में दावीद की शरण ली थी, जब उन पर कीश के पुत्र शाऊल द्वारा रोक लगा दी गई थी. (ये सभी उन वीर योद्धाओं में से थे, जिन्होंने युद्ध में दावीद की बड़ी सहायता की थी. 2ये धनुर्धारी सैनिक थे, जो धनुष चलाने में निपुण होने के साथ साथ दाएं अथवा बाएं दोनों हाथों से गोफन में पत्थर रखकर छोड़ सकते थे. ये बिन्यामिन प्रदेश से शाऊल के रिश्तेदार थे):

3इनका प्रधान था अहीएज़र इसके बाद योआश ये दोनों ही गिबियाथवासी शेमाआ के पुत्र थे और अज़मावेथ के पुत्र,

येत्सिएल और पेलेत,

बेराका, अनाथोथी येहू, 4गिबियोनवासियों का इशमाइया, जो उन तीस में शामिल एक वीर था और वह उन तीसों का प्रधान था.

येरेमियाह, याहाज़िएल, योहानन, गेदेराह का योज़ाबाद, 5एलुत्साई, येरीमोथ, बालियाह, शेमारियाहू, हारुफ़ी शेपाथियाह;

6एलकाना, इश्शियाह, अज़रेल योएत्सर, और यासोबअम. ये सभी कोराह के वंशज थे;

7और गेदोर के येरोहाम के पुत्र योएलाह और ज़ेबादिया.

8जब दावीद बंजर भूमि के गढ़नगर में थे, गाद प्रदेश से उनके पास बलवान और अनुभवी सैनिक जा पहुंचे. ये भाले और ढाल के कौशल में निपुण थे. इनका मुखमंडल सिंहों के मुंह के समान था, जो ऐसी तेजी से दौड़ते थे जैसे पहाड़ों पर दौड़ती हिरणी.

9प्रधान था एज़र,

दूसरा ओबदिया, तीसरा एलियाब,

10मिशमन्‍नाह चौथा, येरेमियाह पांचवा,

11अत्तई छठा, एलिएल सातवां,

12योहानन आठवां, एलज़ाबाद नौवां,

13येरेमियाह दसवां, मकबन्‍नाई ग्यारहवां.

14गाद के वंशजों में से ये सेना के अधिकारी थे; इनमें निपुणता में सबसे छोटा भी उनके एक सौ के समान था और सबसे बड़ा एक हज़ार के बराबर. 15ये ही वे हैं, जिन्होंने पहले महीने में यरदन नदी को उस स्थिति में पार किया था, जब नदी का पानी दोनों तटों से उमड़ कर बह रहा था. उन्होंने घाटियों के निवासियों को भगाकर पूर्व और पश्चिम दोनों दिशाओं में भगा दिया.

16इसके बाद बिन्यामिन और यहूदाह के वंशज दावीद से भेंट करने गढ़ में आए. 17दावीद उनसे भेंट करने बाहर आ गए. दावीद ने कहा, “यदि आप मित्र-भाव में मेरी सहायता के उद्देश्य से मुझसे मिलने आए हैं, मेरा हृदय आपसे जुड़ जाएगा; मगर यदि यह मुझे मेरे शत्रुओं के हाथों में सौंपने की योजना है, इसलिये कि मेरे हाथों ने कुछ भी गलत नहीं किया है, हमारे पूर्वजों के परमेश्वर ही इस पर दृष्टि करके निर्णय करें.”

18इसी समय पवित्रात्मा आमासाई पर जो उन तीस पर प्रधान था, उतरे और आमासाई यह कहने लगा,

“दावीद, हम आपके हैं!

यिशै के पुत्र, हम आपके साथ हैं!

शांति, आप पर शांति बनी रहे,

शांति आपके सहायकों पर बनी रहे, निःसंदेह,

आपके परमेश्वर आपकी सहायता करते हैं.”

यह सुन दावीद ने उन्हें स्वीकार कर लिया और उन्हें सैनिकों का प्रधान बना दिया.

19दावीद जब शाऊल के विरुद्ध फिलिस्तीनियों के साथ युद्ध के लिए तैयार हो ही रहे थे कि कुछ मनश्शेहवासी भी दावीद के साथ हो गए. (फिर भी दावीद फिलिस्तीनियों के साथ युद्ध पर नहीं गए, क्योंकि फिलिस्तीनियों के अधिकारियों ने आपस में विचार-विमर्श किया और दावीद को इस शक के साथ लौटा दिया, “हमारे सिरों को कटवा कर वह अपने स्वामी शाऊल के पास लौट जाएगा.”) 20दावीद जब वहां से ज़िकलाग को गए, मनश्शेहवासी अदनाह, योज़ाबाद, येदिआएल, मिखाएल, योज़ाबाद, एलिहू और ज़िल्लेथाइ दावीद की ओर आ गए थे. ये सभी हज़ारों के मुखिया मनश्शेह प्रदेश के थे. 21इन सभी ने छापामारों से दावीद को सुरक्षा दिलाई थी, क्योंकि ये सभी बहुत ही वीर और सेना के प्रधान भी थे. 22लोगों का दावीद के पास आने का काम चलता रहा और देखते ही देखते परमेश्वर की सेना के समान एक बड़ी सेना तैयार हो गई.

दावीद के साथ दूसरे भी शामिल

23हज़ारों सेना की टुकड़ियों की गिनती इस प्रकार है. ये सब दावीद के पास हेब्रोन में आए थे, कि उन्हें शाऊल का शासन सौंप दें, जैसी कि याहवेह का कहा गया वचन था:

24ढाल और भालाधारी यहूदिया के हज़ार सैनिकों की गिनती 6,800 थी;

25शिमओन से वीर योद्धा 7,100;

26लेवी से 4,600, 27अहरोन से शासक यहोयादा और उसके साथ 3,700 सैनिक. 28सादोक एक वीर योद्धा था, उसी के परिवार से बाईस सेनापति पैदा हुए थे.

29इस समय तक बिन्यामिन से, शाऊल के संबंधी 3,000 थे, क्योंकि अब तक शाऊल के प्रति विश्वासयोग्य थे;

30एफ्राईम से अपने पिता के वंश से प्रख्यात योद्धा 20,800;

31मनश्शेह के आधे गोत्र से 18,000; इन्हें साफ़-साफ़ कह दिया गया था कि वे आकर दावीद का राजाभिषेक करें.

32इस्साखार से 200 प्रधान थे, जिनके सभी संबंधियों पर उनका अधिकार था;

33ये वे थे, जिन्हें यह अहसास था कि इस्राएल के लिए कब क्या करना सबसे सही होगा. ज़ेबुलून से 50,000 वीर योद्धा थे; इनके पास युद्ध के सभी प्रकार के हथियार थे. ये दावीद के प्रति पूरी तरह समर्पित थे, वे चंचल न थे.

34नफताली से 37,000 सैनिक थे, जिन पर 1,000 सेनापति थे;

35लड़ाई के लिए तैयार दान गोत्र से 28,600;

36आशेर गोत्र से 40,000 युद्ध के लिए तैयार अनुभवी सैनिक;

37यरदन नदी के दूसरी ओर से, रियूबेन के गोत्र, गाद के गोत्र और मनश्शेह के आधे गोत्र से और गाद वंश गोत्र को दी गई भूमि के भाग से 1,20,000 सैनिक, जो युद्ध के लिए सभी प्रकार के हथियारों से सजे थे.

38ये सभी, जो वीर योद्धा थे, जो युद्ध व्यूह बनाने में निपुण थे.

दावीद को पूरे इस्राएल पर राजा बनाने की मंशा को लेकर हेब्रोन आए और सारा इस्राएल भी चाहते थे की दावीद अपना राजा बनें. 39वहां वे दावीद के साथ तीन दिन रहे. वहां उनकी भोजन की पूरी व्यवस्था थी क्योंकि यह प्रबंध उनके लिए उनके भाइयों द्वारा किया गया था. 40इनके अलावा दूर-दूर से उनके संबंधी—इस्साखार, ज़ेबुलून और नफताली प्रदेशों से अपने गधों, ऊंटों, खच्चरों और बैलों पर लादकर भोजन सामग्री, बड़ी मात्रा में आटे से बने भोजन पदार्थ, अंजीर की टिक्कियां, किशमिश के गुच्छे, अंगूर का रस, तेल ले आए, साथ ही बैल और भेड़ें भी, क्योंकि इस्राएल में आनंद छा चुका था.