列王記Ⅱ 1 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

列王記Ⅱ 1:1-18

1

イスラエルの王アハズヤと預言者エリヤ

1アハブ王が死ぬと、モアブの国が独立を宣言し、イスラエルには貢ぎ物を納めないと言いだしました。

2さて、イスラエルの新しい王アハズヤ(アハブの子)は、サマリヤにある宮殿の二階のベランダから落ちて、重傷を負いました。そこで、エクロンにあるバアル・ゼブブの神殿に使者たちを送り、傷が治るかどうか、異教の神に伺いを立てさせようとしました。 3ところが、主の使いが預言者エリヤにこう告げたのです。「さあ、王の使者に会い、次のように言いなさい。『イスラエルには神がいないとでもいうのか。わざわざエクロンの神バアル・ゼブブに、王が治るかどうか伺いを立てるとは。 4-5こんな行いをしたので、王は床を離れることができないまま死ぬ。』」

エリヤのことばを聞いた使者たちは、すぐ王のもとへ引き返しました。

「なぜ、こんなに早く帰って来たのか?」と尋ねる王に、使者は答えました。 6「ある人が来て、すぐ王のもとへ帰り、こう語るようにと告げたのです。『主は、なぜ王がエクロンの神バアル・ゼブブに伺いを立てるのか、そのわけを知ろうとしておられる。イスラエルに神がおられないとでもいうのか。こんなことをしたからには、王は床から離れることはできず、必ず死ぬ』と。」

7アハズヤは、「だれがそんなことを。どんななりをしていたのだ、その者は」と尋ねました。 8使者たちが、「毛衣を着て、太い皮帯を締めていました」と答えると、アハズヤは、「うむ、それで間違いない。あの預言者エリヤだ」と言いました。

9そこで王は、五十人の兵士に隊長をつけて、エリヤの逮捕に向かわせました。彼らは丘の上に座っているエリヤを見つけて声をかけました。「神の人よ、王の命令だ。いっしょに来てもらおう。」

10「もし私が神の人なら、天から火が下って、あなたとあなたの五十人の部下を焼き尽くすはずだ」とエリヤが言ったとたん、天からの火が彼らを直撃し、彼らを一人残らず焼き殺してしまいました。

11王はまた、別の五十人の兵士に隊長をつけ、「神の人よ。すぐ来るようにとの王の命令だ」と彼らに言わせました。

12エリヤは再び、彼らに答えました。「もし私が神の人なら、天から火が下って、あなたとあなたの五十人の部下を焼き尽くすはずだ。」今度も、主の火が彼らを焼き殺してしまいました。

13それでも、王はあきらめません。もう一度、五十人の隊を送り出しました。ところが今度の隊長は、エリヤの前にひざまずいて懇願したのです。「神の人よ。どうか、私どものいのちをお助けください。 14お情けを下さり、前の者たちのように殺さないでください。」 15その時、御使いがエリヤに、「恐れずに、いっしょに行きなさい」と命じたので、エリヤは王に会いに行きました。 16エリヤは、王の前でも臆せずに言いました。「なぜあなたは、ご病気のことで、エクロンの神バアル・ゼブブに伺いを立てようと使者を送ったのですか。イスラエルに神がおられないとでもいうのですか。そんなことをなさったので、あなたは床から離れられないまま死にます。」

17主がエリヤによって予告したとおり、アハズヤは死に、弟ヨラムが王位につきました。アハズヤには世継ぎがなかったからです。それは、ヨシャパテの子でユダの王ヨラムの第二年のことでした。 18アハズヤのその他の業績は、『イスラエル諸王の年代記』に記録されています。

Hindi Contemporary Version

2 राजा 1:1-18

एलियाह द्वारा आहाज़िया की मृत्यु की भविष्यवाणी

1अहाब की मृत्यु के बाद मोआब देश ने इस्राएल के विरुद्ध विद्रोह कर दिया. 2अहज़्याह शमरिया नगर में अपने राजघराने के ऊपरी कमरे की जालीदार खिड़की से नीचे गिर पड़ा और बीमार हो गया. तब उसने दूतों को बुलवाया और उन्हें यह आदेश दिया, “जाओ और बाल-ज़बूब, एक्रोन के देवता से यह मालूम करो, क्या मैं अपनी इस रोगी अवस्था से ठीक हो सकूंगा?”

3मगर याहवेह का दूत तिशबेवासी एलियाह से यह कह चुका था, “उठो, जाकर शमरिया के राजा के दूतों से भेंटकर उनसे कहना, ‘क्या इस्राएल राज्य में परमेश्वर नहीं हैं, कि तुम एक्रोन के देवता, बाल-ज़बूब से पूछताछ करने जा रहे हो?’ 4इसलिये अब याहवेह का संदेश यह है ‘अब तुम अपने बिछौने से, जिस पर तुम इस समय लेटे हुए हो, नीचे कभी न आ सकोगे—तुम्हारी मृत्यु तय है.’ ” यह सुन एलियाह चल पड़े.

5जब दूत राजा के पास लौटे, राजा ने उनसे प्रश्न किया, “तुम लौट क्यों आए हो?”

6उन्होंने उत्तर दिया, “एक व्यक्ति हमसे भेंटकरने आया था, उसी ने हमें आदेश दिया, ‘राजा के पास लौट जाओ, जिसने तुम्हें भेजा है. उससे कहना, “यह याहवेह का संदेश है: क्या इस्राएल राज्य में परमेश्वर नहीं हैं, कि तुम एक्रोन के देवता, बाल-ज़बूब से पूछताछ करने जा रहे हो? इसलिये अब तुम जिस बिछौने पर लेटे हुए हो, उससे नीचे नहीं आओगे—तुम्हारी मृत्यु ज़रूर हो जाएगी!” ’ ”

7राजा ने उनसे पूछा, “किस प्रकार का व्यक्ति था वह, जो तुमसे भेंटकरने आया था, जिसने तुमसे यह सब कहा है?”

8उन्होंने उत्तर दिया, “वह बालों का एक वस्त्र पहिना हुआ था, और वह चमड़े का कमरबंध बांधा हुआ था.”

राजा बोल उठा, “वह तिशबेवासी एलियाह है!”

9राजा ने एक सेना के प्रधान को उसके पचास सैनिकों के साथ एलियाह के पास भेज दिया. सेना के प्रधान ने वहां जाकर देखा कि एलियाह पहाड़ी की चोटी पर बैठे हुए थे. सेना के प्रधान ने एलियाह से कहा, “परमेश्वर के जन, राजा का आदेश है, ‘नीचे उतर आओ.’ ”

10एलियाह ने सेना के प्रधान को उत्तर दिया, “यदि मैं वास्तव में परमेश्वर का जन हूं, तो आकाश से आग बरसे और तुम्हें और तुम्हारे पचासों को खत्म कर जाए.” उनका यह कहना खत्म होते ही आकाश से आग बरसी और सेना के प्रधान और उसके पचासों सैनिकों को चट कर गई.

11राजा ने पचास सैनिकों की दूसरी टुकड़ी को उनके प्रधान के साथ एलियाह के पास भेजी. सेना के प्रधान ने एलियाह से कहा, “परमेश्वर के जन, यह राजा का आदेश है, ‘जल्द ही नीचे उतर आओ.’ ”

12एलियाह ने उसे उत्तर दिया, “यदि मैं सच में परमेश्वर का जन हूं, तो आकाश से आग बरसे और तुम्हें और तुम्हारे पचासों सैनिकों को चट कर जाए.” उसी समय आकाश से आग बरसी और उसे और उसके पचासों सैनिकों को चट कर गई.

13राजा ने पचास सैनिकों की तीसरी टुकड़ी को उनके प्रधान के साथ एलियाह के पास भेजी. जब वह तीसरी पचास सैनिकों की टुकड़ी का प्रधान एलियाह के पास पहुंचा, उसने उनके आगे घुटने टेक दिए और उनसे विनती की, “परमेश्वर के जन, आपकी दृष्टि में मेरा और इन पचास सैनिकों का जीवन कीमती बना रहे. 14आकाश से आग बरसी और मुझसे पहले आए दो सेना प्रधानों और उनके पचास-पचास सैनिकों को चट कर गई; मगर अब आपकी दृष्टि में मेरा जीवन कीमती हो.”

15एलियाह को याहवेह के दूत ने आदेश दिया, “निड़र होकर उसके साथ चले जाओ.” तब एलियाह उठे और उसके साथ राजा के सामने जा पहुंचे.

16उन्होंने राजा को कहा, “याहवेह का संदेश यह है: आपने एक्रोन के देवता, बाल-ज़बूब से पूछताछ करने दूत भेजे थे, क्या इसलिये कि अब इस्राएल देश में कोई परमेश्वर न रहा, जिनसे उनकी इच्छा मालूम की जा सके? इसलिये आप जिस बिछौने पर लेटे हैं, उससे नीचे नहीं उतरेंगे; आपकी मृत्यु ज़रूर ही हो जाएगी!”

17तब याहवेह की भविष्यवाणी के अनुसार, जो उन्होंने एलियाह के द्वारा की थी, अहज़्याह की मृत्यु हुई. इसलिये कि अहज़्याह के कोई पुत्र न था, उसकी जगह पर उसका भाई योराम1:17 योराम इसका दूसरा नाम यहोराम राजा बन गया. यह यहूदिया के राजा यहोशाफ़ात के पुत्र यहोराम के शासनकाल का दूसरा साल था. 18अहज़्याह द्वारा किए गए बाकी कामों का ब्यौरा इस्राएल के राजाओं की इतिहास पुस्तक में दिया गया है.