歴代誌Ⅱ 1 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

歴代誌Ⅱ 1:1-17

1

知恵を求めたソロモン

1主なる神が、ダビデの子ソロモンを偉大な王としたので、彼は押しも押されもしないイスラエルの支配者となりました。

2-3ソロモン王はギブオンの丘に、イスラエルの政界・宗教界の指導者だけでなく、軍の将校や裁判官たちをも召集しました。その丘の上には、主のしもべモーセが荒野を旅している時に造った幕屋(神の天幕)があったのです。 4エルサレムには、ダビデ王が契約の箱をキルヤテ・エアリムから移した時に建てた新しい幕屋がありました。 5-6フルの子ウリの子ベツァルエルが造った青銅の祭壇が、古い幕屋の前に置かれていました。王をはじめ一同は、その祭壇の前に集まりました。王は祭壇に、一千頭の焼き尽くすいけにえをささげました。

7その夜、神が夢の中でソロモンに現れ、「何でも欲しいものを求めてよい。どんな願いでもかなえよう」と語りました。 8彼は答えました。「神様、あなたは父ダビデに多くの恵みを施されました。そして今、あなたは私に王国を授けてくださいました。 9これ以上、求めるものはありません。あなたが父ダビデへの約束を果たし、この私を、海辺の砂のように多い民の王としてくださったのですから。 10どうか、この民を治めるのに必要な知恵と知識を私にお授けください。あなたのものである、この偉大な民を自分の力で治めることのできる者がどこにおりましょう。」

11神はソロモンに言いました。「何よりも民の力になりたいと願っていることがよくわかった。あなたは自分のために財産や名誉、敵への復讐、さらには長寿さえ求めず、わたしの民を正しく導くための知恵と知識を求めた。 12願いどおり、確かにその知恵と知識を与えよう。また、あなたの前にいたどの王も手にしたことのない財産と名誉をも与えよう。全世界で、あなたほど偉大な王は二度と現れないだろう。」

13これを聞いたソロモンは幕屋を離れて丘を下り、エルサレムに帰ってイスラエルを治めました。

14王は戦車一千四百台の大部隊を編成し、戦車を配備した町々を守る騎兵一万二千人を集めました。もちろん、騎兵の一部はエルサレムの王の身辺に配置されました。 15ソロモン王の時代には、エルサレムで金や銀が路上の石のようにふんだんに使われ、高価な杉材がどこにでもある桑の木のように大量に用いられました。 16王は馬の仲買人をエジプトへ送り、大量の馬を卸値で購入しました。 17当時、エジプトでは戦車一台で銀六百シェケル(六・九キログラム)、馬一頭で銀百五十シェケル(一・七キログラム)でした。輸入した戦車や馬の多くは、ヘテ人やシリヤの王に売られました。

Hindi Contemporary Version

2 इतिहास 1:1-17

ज्ञान के लिए शलोमोन की प्रार्थना

1दावीद के पुत्र शलोमोन ने अपने राज्य पर अपने आपको सुरक्षा के साथ मजबूत कर लिया. याहवेह उनके परमेश्वर उनके साथ थे. परमेश्वर ने उन्हें बहुत ही उन्‍नत किया.

2शलोमोन ने सारे इस्राएल, सहस्रपतियों और शतपतियों, न्यायाध्यक्षों, सारे इस्राएल में हर एक अगुओं और पितरों के प्रधानों को बुलाकर उनसे बातचीत की. 3शलोमोन और उनके साथ यह सभा उठकर गिबयोन के ऊंचे स्थान पर गई, क्योंकि याहवेह के सेवक मोशेह द्वारा बंजर भूमि में बनाया गया परमेश्वर का मिलापवाला तंबू वहीं था. 4हां, दावीद किरयथ-यआरीम से परमेश्वर का संदूक उस विशेष स्थान पर ले आए थे, जो उन्होंने इसी के लिए तैयार किया था, क्योंकि इसके लिए दावीद ने येरूशलेम में खास तंबू खड़ा किया था. 5इस समय वह कांसे की वेदी, जिसको उरी के पुत्र, हूर के पोते बसलेल ने बनाया था, याहवेह के मिलनवाले तंबू के सामने ही थी. शलोमोन और सभा ने इससे याहवेह की इच्छा मालूम की. 6शलोमोन कांसे की वेदी के पास याहवेह के सामने आए, जो मिलनवाले तंबू में थी. वहां उस पर उन्होंने एक हज़ार होमबलियां चढ़ाईं.

7उस रात परमेश्वर शलोमोन पर प्रकट हुए और उनसे कहा, “मुझसे जो चाहो, मांग लो.”

8शलोमोन ने परमेश्वर से कहा, “मेरे पिता दावीद के साथ आपका व्यवहार बहुत ही करुणा भरा रहा है. अब आपने मुझे उनके स्थान पर राजा बनाया है. 9अब, याहवेह परमेश्वर, मेरे पिता दावीद से की गई आपकी प्रतिज्ञा पूरी हो गई है, क्योंकि आपने मुझे ऐसे अनगिनत लोगों पर राजा बनाया है, जो भूमि की धूल के समान अनगिनत हैं. 10अब मुझे बुद्धि और ज्ञान दीजिए कि मैं इस प्रजा के सामने आना-जाना कर सकूं, क्योंकि किसमें आपकी इतनी बड़ी प्रजा पर शासन करने की क्षमता है?”

11परमेश्वर ने शलोमोन को उत्तर दिया, “इसलिये कि यही तुम्हारे मन इच्छा रही है और तुमने मुझसे न तो धन-संपत्ति, न वैभव, न कीर्ति न अपने शत्रुओं के प्राण और न अपने लिए लंबी उम्र की विनती की है, मगर तुमने अपने लिए बुद्धि और ज्ञान की विनती की है कि तुम मेरी प्रजा का शासन कर सको, जिस पर मैंने तुम्हें राजा बनाया है. 12बुद्धि और ज्ञान तुम्हें दिए जा चुके हैं. मैं तुम्हें समृद्धि, धन संपदा और सम्मान भी दूंगा, इतना, जितना तुम्हारे पहले किसी भी राजा ने नहीं पाया और न ही तुम्हारे बाद किसी को मिलेगा.”

13शलोमोन गिबयोन में याहवेह की उपस्थिति के मिलनवाले तंबू से येरूशलेम लौट गए. वहां उन्होंने इस्राएल पर शासन करना शुरू किया.

14शलोमोन ने अब तक एक हज़ार चार सौ रथ, बारह हज़ार घुड़सवार इकट्ठा कर लिए थे. इन सबको उसने रथों के लिए बनाए नगरों और येरूशलेम में राजा के लिए ठहराए गए स्थानों पर रखवा दिया था. 15राजा द्वारा येरूशलेम में चांदी और सोना का मूल्य वैसा ही कर दिया गया था, जैसा पत्थरों का होता है और देवदार की लकड़ी का ऐसा जैसे तराई के गूलर के पेड़ों का. 16शलोमोन घोड़ों का आयात मिस्र और कवे1:16 कवे किलिकिया प्रांत हो सकता है से करते थे. राजा के व्यापारी इन्हें दाम देकर कवे से लाया करते थे. 17मिस्र से लाए गए एक रथ की कीमत होती थी चांदी के छः सौ सिक्‍के. इसी प्रकार राजा के व्यापारी इनका निर्यात सभी हित्ती और अरामी राजाओं को कर देते थे.