出エジプト記 27 – JCB & HCV

Japanese Contemporary Bible

出エジプト記 27:1-21

27

祭壇

1アカシヤ材で祭壇を作りなさい。一辺が五キュビト(二・二メートル)の正方形で、高さは三キュビト(一・三二メートル)にする。 2四隅に角をしっかり取りつけ、全体に青銅をかぶせる。 3灰を取るつぼ、十能(灰をすくう道具)、鉢、肉刺し、香炉も、みな青銅で作る。 4青銅の格子を作り、四隅に青銅の環をつける。 5炉の半ばほどの高さの所に棧を作り、そこに格子を取りつける。 6祭壇を移動させるために、青銅をかぶせたアカシヤ材の棒を作る。 7祭壇の両側面に環をつけ、その中に棒を通して運ぶ。 8祭壇は板で作り、中を空洞にする。すべて、わたしが山の上で指示したとおりに作りなさい。

幕屋の周囲の庭

9-10次に幕屋の庭を造る。上等の撚り糸で織った亜麻布で幕を作り、庭を囲む。南側には百キュビト(四十四メートル)にわたって幕を張り、二十個の青銅の土台にはめ込んだ二十本の柱で支える。柱に取りつけた銀のかぎに銀の環をかけ、幕を垂らしなさい。 11北側も同じようにする。青銅の土台に二十本の柱をはめ込み、銀のかぎと環で百キュビトの幕を張る。 12西側は土台十個に柱十本、幕は幅五十キュビト(二十二メートル)とする。 13東側も同じく五十キュビトである。 14-15ただし、中央に入口があり、その両側に十五キュビト(六・六メートル)ずつ幕を張る。三個の土台にはめ込んだ三本の柱が、それを支える。

16庭の入口は幅二十キュビト(八・八メートル)の幕をかける。青と紫と緋色の撚り糸と、撚り糸で織った亜麻布で作った、美しい刺しゅう入りの幕である。幕は、四個の土台にはめ込んだ四本の柱に取りつける。 17庭の回りの柱はすべて銀の環をつけ、銀のかぎを使う。柱は青銅の土台にしっかりはめ込んでおく。 18こうして庭全体は長さ百キュビト、幅五十キュビトになる。周囲の幕は撚り糸で織った亜麻布で、高さ五キュビトの仕切りとなる。

19幕屋での奉仕に使う道具類、それを壁からつるすための釘や庭のくいなど、すべて青銅で作る。

ともしび

20人々に命じて、ともしび用の純粋なオリーブ油を持って来させ、幕屋の中で、絶えずともしびを燃やし続けなければならない。 21アロンとその子らは、この永遠の炎を契約の箱の前にある垂れ幕の外側に置き、昼も夜も消えることがないように、主の前で番をする。これはイスラエルの永遠のおきてである。

Hindi Contemporary Version

निर्गमन 27:1-21

कांस्य-वेदी

1“बबूल की लकड़ी से एक वेदी बनवाना, तथा उसकी ऊंचाई एक मीटर पैंतीस सेंटीमीटर हो, वह वेदी चौकोर हो, सवा दो मीटर लंबी और सवा दो मीटर चौड़ी हो. 2उसके चारों कोनों पर सींग बनवाना, वेदी और सींग एक ही टुकड़े से बने हों और उसमें कांसा लगवाना. 3वेदी से राख उठाने का बर्तन, फावड़े, कटोरे, कांटे और अंगीठियां कांसे से बनवाना. 4वेदी के लिए कांसे की जाली की एक झंझरी बनवाना और जाली के चारों कोनों पर कांसे के चार कड़े बनवाना. 5उसे वेदी के नीचे इस प्रकार लगवाना कि वह वेदी की आधी ऊंचाई तक आए. 6वेदी के लिए डंडे बबूल की लकड़ी के ही बनवाना और उसमें कांसे लगवाना. 7वे डंडे कड़ों में डालें ताकि जब वेदी को उठाएं तब डंडे उसके दोनों ओर हों. 8वेदी को तख्तों से इस प्रकार बनाना कि वह अंदर से खोखली रहे. जैसे तुमको पर्वत पर दिखाया गया था, ठीक वैसी ही बनाना.

आंगन का निर्माण

9“फिर पवित्र स्थान के आंगन को बनवाना. आंगन के दक्षिण हिस्से में बंटी हुई बारिक सनी के कपड़े का पर्दा हो, जिनकी लंबाई पैंतालीस मीटर हो. 10तथा बीस खंभे और कांसे की बीस कुर्सियां बनवाना. खंभों के कुण्डे और पट्टियां चांदी की हों. 11इसी प्रकार उत्तरी हिस्से के लिए भी पैंतालीस मीटर लंबे पर्दे बनवाना. उनके लिए बीस खंभे और कांसे की बीस कुर्सियां बनवाना. मीनारों के कड़े और पट्टियां चांदी की हों.

12“आंगन का पश्चिमी हिस्सा साढ़े बाईस मीटर लंबा हो तथा उसके लिए पर्दे, दस खंभे और दस कुर्सियां बनवाना. 13आंगन का पूर्वी किनारा भी साढ़े बाईस मीटर का हो. 14द्वार के एक तरफ के पर्दे छः मीटर पचहत्तर सेंटीमीटर के हों, और तीन खंभे और तीन कुर्सियां हों, 15दूसरी ओर के पर्दे छः मीटर पचहत्तर सेंटीमीटर के हों, तथा तीन खंभे और तीन कुर्सियां हों.

16“आंगन के द्वार के लिए नौ मीटर लंबा नीले, बैंगनी और लाल रंग का कपड़ा तथा बंटा हुआ मलमल का पर्दा बनवाना उसमें चार खंभे और चार कुर्सियां हों. 17आंगन के चारों ओर के सब खंभे चांदी की पट्टियों से जुड़े हुए हों. उनके कुण्डे चांदी के और उनकी खानें कांसे की हों. 18आंगन की लंबाई पैंतालीस मीटर तथा चौड़ाई साढ़े बाईस मीटर तथा ऊंचाई दो मीटर तीस सेंटीमीटर ऊंचे हों और उनकी कुर्सियां कांसे की हों. 19पवित्र स्थान के उपयोग का सारा सामान, उसकी सब खूंटियां और आंगन की सब खूंटियां कांसे की हों.

दीवट के लिए तेल

20“इस्राएलियों को कहना कि वे दीये के लिए जैतून का निकाला हुआ शुद्ध तेल लायें, जिससे दिया हमेशा जलता रहे, 21जो मिलनवाले तंबू के बीचवाले पर्दे से बाहर जो साक्षी पर्दे के सामने हैं. अहरोन और उसके पुत्र, सुबह से शाम तक, उस दीये को याहवेह के सामने जलता हुआ रखें. यह इस्राएलियों के लिए पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहनेवाला आदेश है.