创世记 46 – CCB & HCV

Chinese Contemporary Bible (Simplified)

创世记 46:1-34

以色列全家下埃及

1以色列带着他所有的一切来到别示巴,向他父亲以撒的上帝献祭。 2晚上,上帝在异象中对他说:“雅各雅各!”他说:“我在这里。” 3上帝说:“我是上帝,是你父亲的上帝,不要害怕下到埃及,因为我要使你在那里成为大族。 4我必跟你一起下到埃及,也必带领你回来,约瑟必为你送终。”

5于是,雅各别示巴启程。以色列的儿子们带着父亲和妻儿,乘坐法老送来的车, 6带着在迦南获得的牲畜和财物前往埃及。这样,雅各带着他所有的子孙, 7就是他的儿子、孙子、女儿和孙女一起去了埃及

8以下是去埃及以色列人,即雅各和他后代的名字。

雅各的长子是吕便9吕便的儿子是哈诺法路希斯伦迦米10西缅的儿子是耶姆利雅悯阿辖雅斤琐辖迦南女子生的扫罗11利未的儿子是革顺哥辖米拉利12犹大的儿子是俄南示拉法勒斯谢拉俄南死在了迦南法勒斯的儿子是希斯伦哈姆勒13以萨迦的儿子是陀拉普瓦约伯伸仑14西布伦的儿子是西烈以伦雅利15这些都是利亚巴旦·亚雅各生的儿孙,加上女儿底娜共有三十三人。

16迦得的儿子是洗非芸哈基书尼以斯本以利亚罗底亚列利17亚设的儿子是音拿亦施瓦亦施韦比利亚和他们的妹妹西拉比利亚的儿子是希别玛结18这些是悉帕雅各生的儿孙,共有十六人,悉帕拉班给女儿利亚的婢女。

19雅各的妻子拉结生的儿子是约瑟便雅悯20约瑟埃及生的儿子是玛拿西以法莲,他们的母亲是城祭司波提非拉的女儿亚西纳21便雅悯的儿子是比拉比结亚实别基拉乃幔以希罗实姆平户平亚勒22这些是拉结雅各生的儿孙,共有十四人。

23的儿子是户伸24拿弗他利的儿子是雅薛沽尼耶色示冷25这些是辟拉雅各生的儿孙,共有七人,辟拉拉班给女儿拉结的婢女。

26雅各一同到埃及去的儿孙共有六十六人,他的儿媳妇除外。 27加上约瑟埃及生的两个儿子,雅各一家来到埃及的共有七十人。

28雅各犹大先去见约瑟,请他派人引路到歌珊去。他们来到歌珊29约瑟备好车前去迎接父亲以色列。父子重逢,约瑟抱住父亲哭了很久。 30以色列约瑟说:“我现在看到你还活着,就是死也安心了。”

31约瑟对他的弟兄们和其他家人说:“我要去告诉法老,你们已经从迦南来到我这里。 32你们是牧人,以畜牧为业,已经把羊群、牛群和所有的一切都带来了。 33等法老召见你们,问你们以什么为业, 34你们要说,‘仆人们跟我们的祖先一样,从小以畜牧为业。’这样,你们就可以住在歌珊,因为埃及人厌恶牧羊的。”

Hindi Contemporary Version

उत्पत्ति 46:1-34

याकोब की मिस्र यात्रा

1इस्राएल46:1 यानी याकोब अपनी पूरी संपत्ति लेकर वहां से रवाना हुए. जब वे बेअरशेबा पहुंचे, उन्होंने अपने पिता यित्सहाक के परमेश्वर को बलि चढ़ाई.

2उस रात परमेश्वर ने इस्राएल को दर्शन में कहा “हे, याकोब! याकोब!”

उसने कहा, “कहिये, क्या आज्ञा है?”

3उन्होंने कहा, “मैं परमेश्वर, तुम्हारे पिता का परमेश्वर हूं; मिस्र जाने से मत डरो, तुम वहां जाओ और मैं वहां तुमसे एक बड़ी जाति बनाऊंगा. 4मिस्र तक मैं तुम्हारे साथ साथ चलूंगा और निश्चयतः मैं ही तुम्हें वहां से लौटा भी लाऊंगा. तुम्हारी मृत्यु के समय योसेफ़ तुम्हारे पास होगा.”

5तब इस्राएल के पुत्रों ने अपने पिता याकोब, अपने-अपने बालकों एवं अपनी-अपनी पत्नियों को उस गाड़ी में बैठा दिया, जिसे फ़रोह ने भेजी थी. 6इन्होंने अपने साथ अपने पशु एवं पूरी संपत्ति ले ली थी, जो कनान देश में उन्होंने अर्जित थी. याकोब तथा उनके सभी लोग मिस्र देश पहुंच गये. 7याकोब अपने पुत्र तथा उनके पौत्र, उनकी पुत्रियां तथा उनकी पौत्रियां—सभी को अपने साथ मिस्र लेकर आये.

8इस्राएल के पुत्रों के नाम (याकोब तथा उनके पुत्र) जो मिस्र देश में आए थे:

रियूबेन, याकोब का बड़ा बेटा.

9रियूबेन के पुत्र:

हनोख, पल्लू, हेज़रोन तथा कारमी.

10शिमओन के पुत्र:

येमुएल, यामिन, ओहद, याकिन, ज़ोहार, तथा एक कनानी स्त्री से पैदा शाऊल.

11लेवी के पुत्र:

गेरशोन, कोहाथ तथा मेरारी.

12यहूदाह के पुत्र:

एर, ओनान, शेलाह, पेरेज़ तथा ज़ेराह (किंतु एर तथा ओनान की मृत्यु कनान देश में ही हो चुकी थी).

पेरेज़ के पुत्र:

हेज़रोन एवं हामुल.

13इस्साखार के पुत्र:

तोला, पुव्वाह, याशूब तथा शिम्रोन.

14ज़ेबुलून के पुत्र:

सेरेद, एलोन तथा याहलील.

15ये सभी लियाह के पुत्र थे जो याकोब से पद्दन-अराम में पैदा हुए थे; इनके अतिरिक्त उनकी एक पुत्री दीनाह भी थी. उनके पुत्र-पुत्रियों की संख्या तैंतीस थी.

16गाद के पुत्र:

ज़िफिओन, हग्गी, शूनी, एज़बोन, एरी, अरोदी तथा अरेली.

17आशेर के पुत्र:

इमनाह, इशवाह, इशवी, बेरियाह तथा उनकी बहन सेराह.

बेरियाह के पुत्र:

हेबेर तथा मालखिएल.

18ये सभी ज़िलपाह से जन्मे पुत्र हैं. ज़िलपाह लाबान द्वारा अपनी पुत्री लियाह को दी गईं दासी थी. उससे याकोब के सोलह जन पैदा हुए थे.

19याकोब की पत्नी राहेल:

योसेफ़ तथा बिन्यामिन जन्मे.

20मिस्र देश में योसेफ़ के दो पुत्र मनश्शेह तथा एफ्राईम जन्मे. ये सभी योसेफ़ की पत्नी असेनाथ से जन्मे थे जो ओन46:20 ओन अर्थात् हेलिओपॉलीस के पुरोहित पोतिफेरा की पुत्री थी.

21बिन्यामिन के पुत्र:

बेला, बेकेर, अशबेल, गेरा, नामान, एही, रोश, मुप्पिम, हुप्पिम तथा अर्द.

22ये राहेल द्वारा याकोब के पुत्र हैं, जो चौदह व्यक्ति थे.

23दान का पुत्र:

हुषीम.

24नफताली के पुत्र:

यहसेल, गूनी, येसेर तथा शिल्लेम.

25ये सभी अपनी पुत्री राहेल को लाबान द्वारा दी गईं दासी बिलहाह से जन्मे याकोब के पुत्र थे. ये सभी कुल सात व्यक्ति थे.

26याकोब के परिवार के लोग जो मिस्र देश में आ गए थे—जो उनके वंश में जन्मे थे. इनमें याकोब की बहुएं गिनी गयी नहीं थीं. ये सभी छियासठ व्यक्ति थे 27योसेफ़ के पुत्र, जो मिस्र देश में जन्मे हुए थे वह दो थे. याकोब के पूरे परिवार के लोग जो मिस्र देश में आये थे, वे कुल सत्तर थे.

28याकोब ने यहूदाह को पहले योसेफ़ के पास गोशेन के लिए मार्गदर्शन पाने के लिए भेजा. जब यहूदाह गोशेन प्रदेश में पहुंच गया, 29तब योसेफ़ ने अपना रथ तैयार करवाया कि वह अपने पिता इस्राएल से भेंट करने गोशेन पहुंच जाएं. जैसे ही उनके पिता उनके पास आये, वह उनके गले लगकर बहुत देर तक रोते रहे.

30फिर इस्राएल ने योसेफ़ से कहा, “अब मैं शांतिपूर्वक अपने प्राण त्याग सकता हूं, क्योंकि मैंने तुम्हें देख लिया है, कि तुम जीवित हो.”

31योसेफ़ ने अपने भाइयों तथा अपने पिता के सभी लोगों से कहा, “मैं जाकर फ़रोह को बताता हूं, ‘कनान देश से मेरे भाई तथा मेरे पिता का परिवार यहां पहुंच चुका है. 32वे सभी चरवाहे हैं; और पशु पालते हैं. वे अपने साथ पशु, भेड़-बकरी तथा अपनी पूरी संपत्ति लेकर आए हैं.’ 33योसेफ़ ने अपने पिता एवं भाइयों से कहा कि अगर फ़रोह आप लोगों से पूछे, ‘आप लोग क्या करते हैं?’ 34तो कहना कि हम चरवाहे हैं, और ‘हमारे पूर्वज यही काम करते थे.’ इससे आपके लिए गोशेन में रहना आसान हो जाएगा. क्योंकि मिस्र के लोग चरवाहों से नफ़रत करते हैं.”