پسران هارون
1زمانی كه خداوند در كوه سينا با موسی صحبت كرد، 2هارون چهار پسر به نامهای ناداب (پسر ارشد)، ابيهو، العازار و ايتامار داشت.
3هر چهار نفر ايشان برای خدمت كاهنی انتخاب و تقديس3:3 «تقديس» يعنی جدا کردن، اختصاص دادن و مقدس ساختن. شدند تا در خيمهٔ عبادت خدمت كنند. 4ولی ناداب و ابيهو به علت استفاده از آتش غير مجاز در حضور خداوند، در صحرای سينا مردند و چون فرزندی نداشتند، فقط العازار و ايتامار باقی ماندند تا پدرشان هارون را در خدمت كاهنی ياری كنند.
لاويان برای خدمت به كاهنان تعيين میشوند
5پس خداوند به موسی فرمود: 6«قبيلهٔ لاوی را فرا خوان و ايشان را به عنوان دستياران هارون نزد او حاضر كن. 7-9ايشان بايد از دستورات او پيروی نموده، به جای تمام قوم اسرائيل خدمات مقدس خيمهٔ عبادت را انجام دهند، زيرا ايشان به نمايندگی همهٔ بنیاسرائيل تعيين شدهاند تا زير نظر هارون خدمت كنند. مسئوليت نگهداری خيمهٔ عبادت و تمام اسباب و اثاثيه آن بر عهدهٔ ايشان است. 10ولی فقط هارون و پسرانش بايد وظايف كاهنی را انجام دهند؛ هر کس ديگری كه بخواهد اين كار را انجام دهد بايد كشته شود.»
11-12خداوند به موسی فرمود: «من لاویان را به جای تمام پسران ارشد قوم اسرائيل پذيرفتهام. لاویان از آن من هستند. 13اينها به عوض تمام پسران ارشد بنیاسرائيل وقف من شدهاند. از روزی كه پسران ارشد مصریها را كشتم، نخستزادههای بنیاسرائيل را، چه انسان و چه حيوان، از آن خود ساختم، پس آنها به من تعلق دارند. من خداوند هستم.»
تعداد و وظايف لاويان
14-15باز خداوند در صحرای سينا موسی را خطاب كرده فرمود: «قبيلهٔ لاوی را برحسب طايفه و خاندان سرشماری كن. پسران را از يک ماهه به بالا بشمار.» 16-24پس موسی ايشان را شمرد:
25-30وظيفهٔ اين دو طايفهٔ لاوی مراقبت از خيمهٔ عبادت بود، يعنی مراقبت از پوششهای آن، پردهٔ در ورودی خيمه، پردههای ديوار حياطی كه اطراف خيمه و قربانگاه است، پردهٔ در ورودی حياط و همهٔ طنابها و همچنين انجام كارهای مربوط به آنها.
31-35وظيفهٔ اين چهار طايفهٔ لاوی عبارت بود از: مراقبت از صندوق عهد خداوند، ميز نان مقدس، چراغدان، قربانگاهها، لوازم مختلفی كه در خيمهٔ عبادت به کار میرفت، پردهٔ حايل بين قدس و قدسالاقداس، و انجام كارهای مربوط به آنها. (العازار پسر هارون، رئيس رهبران لاویان بود و بر كار خدمتگزاران قدس نظارت میكرد.)
36-37وظيفهٔ اين دو طايفه عبارت بود از: مراقبت از چوببست خيمهٔ عبادت، پشتبندها، ستونها، پايههای ستونها، و تمام لوازم بر پا سازی آن و انجام كارهای مربوط به آنها، و همچنين مواظبت از ستونهای گرداگرد حياط و پايهها و ميخها و طنابها.
38خيمهٔ موسی و هارون و پسرانش میبايست در سمت شرقی خيمهٔ عبادت، يعنی جلو آن و رو به آفتاب بر پا شود. ايشان به جای قوم اسرائيل وظيفهٔ مراقبت از خيمهٔ عبادت را بر عهده داشتند. (هر كس كه كاهن يا لاوی نبود و وارد خيمهٔ عبادت میگرديد كشته میشد.)
39پس تعداد همهٔ پسران و مردان لاوی كه موسی و هارون طبق دستور خداوند ايشان را شمردند، از يک ماهه به بالا ۲۲ هزار نفر بود.
40سپس خداوند به موسی فرمود: «حالا تمام پسران ارشد بنیاسرائيل را از يک ماهه به بالا بشمار و نام هر يک از آنها را ثبت كن. 41لاویان به عوض پسران ارشد بنیاسرائيل به من كه خداوند هستم تعلق دارند، و حيوانات لاویان هم به جای نخستزادههای حيوانات تمام قوم اسرائيل از آن من هستند.»
42پس موسی همانطور كه خداوند به او دستور داده بود، پسران ارشد بنیاسرائيل را شمرد 43و تعداد كل پسران ارشد از يک ماهه به بالا ۲۲,۲۷۳ نفر بود.
44خداوند به موسی فرمود: 45«حال لاویان را به عوض پسران ارشد قوم اسرائيل و حيوانات ايشان را به جای نخستزادههای حيوانات بنیاسرائيل به من بده. آری، من خداوند هستم و لاویان از آن من میباشند. 46به منظور بازخريد ۲۷۳ نفر از پسران ارشد اسرائيل كه اضافه بر تعداد لاویان هستند 47-48برای هر نفر پنج مثقال نقره بگير و به هارون و پسرانش بده.»
49پس موسی مبلغ بازخريد ۲۷۳ پسر ارشدی را كه اضافه بر تعداد لاویان بودند دريافت كرد. (بقيه پسران ارشد از پرداخت مبلغ بازخريد معاف بودند، چون لاویان به عوض ايشان وقف خداوند شده بودند.) 50كل مبلغ بازخريد معادل ۱,۳۶۵ مثقال نقره بود. 51موسی طبق دستور خداوند، آن را به هارون و پسرانش تحويل داد.
लेवियों से अपेक्षित कार्य
1जब याहवेह ने मोशेह से सीनायी पर्वत पर बातें की, तब मोशेह तथा अहरोन की पीढ़ियां इस प्रकार थीं:
2अहरोन के पुत्रों के नाम: जेठा पुत्र नादाब फिर अबीहू, एलिएज़र तथा इथामार. 3अहरोन के ये पुत्र अभिषिक्त पुरोहित थे. इन्हें अहरोन ने ही पुरोहित होने के लिए अभिषिक्त किया था. 4इनमें नादाब तथा अबीहू की मृत्यु उस परिस्थिति में याहवेह के ही सामने हो गई थी, जब उन्होंने सीनायी के निर्जन प्रदेश के रास्ते याहवेह को भेंट चढ़ाई, किंतु उन्होंने अपवित्र आग का उपयोग किया. ये दोनों निस्संतान थे. इस कारण एलिएज़र तथा इथामार ही अपने पिता अहरोन के जीवनकाल में पुरोहित का काम करते रहे.
5फिर याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, 6“लेवी गोत्र को बुलाकर उन्हें अहरोन की उपस्थिति में ले जाओ ताकि वे पुरोहित अहरोन की सहायता के लिए तैयार रहें. 7वे मिलनवाले तंबू के सामने उपस्थित रहते हुए अहरोन तथा सारे इस्राएल के लिए अपनी सेवा किया करें, जिससे यह उनके लिए साक्षी के तंबू की सेवा हो. 8इस्राएलियों से ज़िम्मेदारियों को निभाने के अलावा वे मिलनवाले तंबू की वस्तुओं का ध्यान रखेंगे, यह उनकी साक्षी के तंबू संबंधित सेवा होगी. 9इस प्रबंध के अंतर्गत तुम सारे लेवियों को अहरोन तथा उनके पुत्रों के अधीन कर दोगे, वे सारे इस्राएल में से उन्हें सौंप दिए गए हैं. 10इस प्रकार तुम अहरोन तथा उसके पुत्रों को नियुक्त कर दोगे, कि वे पुरोहित के रूप में सेवा करते रहें, किंतु जो भी साधारण व्यक्ति साक्षी के तंबू के निकट आ जाए, उसे प्राण-दंड दे दिया जाए.”
11याहवेह ने मोशेह को यह आदेश भी दिया, 12“अब यह देखो, मैंने लेवी को, सारे इस्राएल में से प्रत्येक पहलौठे के स्थान पर, अर्थात् उस संतान के स्थान पर, जो गर्भ का प्रथम फल होता है, अलग कर लिया है, कि लेवी सिर्फ मेरे होकर रहें. 13क्योंकि सभी पहलौठे मेरे हैं. जिस दिन मैंने मिस्र देश में सारे पहिलौठों को मारा, मैंने इस्राएल के घराने में से सभी पहिलौठों को अपने लिए अलग कर लिया था; मनुष्यों एवं पशुओं, दोनों में से. वे मेरे रहेंगे. मैं याहवेह हूं.”
14इसके बाद याहवेह ने सीनायी के निर्जन प्रदेश में मोशेह को यह आज्ञा दी, 15“तुम लेवी के वंश की, उनके गोत्र तथा उनके परिवारों के अनुसार, गिनती करोगे; हर एक नर बालक की जिसकी आयु एक महीने से अधिक है.” 16इसलिये मोशेह ने उन्हें जैसी आज्ञा दी थी, याहवेह की आज्ञा के अनुसार उनकी गिनती की.
17उनके नामों के अनुसार लेवी के पुत्र इस प्रकार थे:
गेरशोन, कोहाथ, तथा मेरारी.
18परिवारों के अनुसार गेरशोन के पुत्र:
लिबनी तथा शिमेई.
19परिवारों के अनुसार कोहाथ के पुत्र:
अमराम, इज़हार, हेब्रोन तथा उज्ज़िएल.
20परिवारों के अनुसार मेरारी के पुत्र:
माहली तथा मूशी ये ही हैं.
लेवियों के परिवार उनके पितरों के घरानों के अनुसार.
21गेरशोन से लिबनियों तथा शिमेईयों के परिवारों का गोत्र निकला और ये गेरशोनियों का परिवार कहलाए.
22जब एक माह से ऊपर की अवस्था के नर गिने गए; उनकी संख्या 7,500 थी.
23गेरशोनियों के परिवारों के लिए यह तय किया गया कि वे साक्षी के तंबू के पीछे पश्चिम दिशा में अपने शिविर डाला करेंगे.
24गेरशोनियों के घराने का प्रधान था लाएल का पुत्र एलियासाफ़.
25गेरशोन-वंशजों के लिए मिलनवाले तंबू के संबंध में निर्धारित कार्य था साक्षी के तंबू का आंगन, उसके आवरण तथा मिलनवाले तंबू के द्वार का पर्दा, 26आंगन के पर्दे, उस आंगन के द्वार का पर्दा, जो वेदी एवं साक्षी के तंबू के चारों ओर है, उसकी डोरियां, जो इनसे संबंधित विधियों के अनुसार प्रयोग की जाती हैं.
27कोहाथ से अमरामियों का, इज़हारियों का, हेब्रोनियों का तथा उज्जिएलियों के परिवारों का कुल निकला; ये ही कोहाथियों के परिवार थे.
28जब एक महीने से अधिक आयु के हर एक पुरुष की गिनती की गई, तो संख्या 8,600 पाई गई.
ये पवित्र स्थान से संबंधित कार्य किया करते थे.
29इनके शिविर डालने के लिए ठहराया हुआ स्थान साक्षी के तंबू का दक्षिणी इलाका था.
30कोहाथियों के गोत्रों के परिवारों का प्रधान था उज्ज़िएल का पुत्र एलिज़ाफ़ान.
31इनके लिए ठहराई हुई ज़िम्मेदारी थी: वाचा का संदूक, मेज़, दीवट, वेदियां, उन्हीं के द्वारा उपयोग किए जानेवाले पवित्र स्थान के सारे बर्तन, पर्दे तथा उनसे संबंधित सारी सेवाएं.
32लेवियों का प्रमुख प्रधान था पुरोहित अहरोन का पुत्र एलिएज़र. इसे ही पवित्र स्थान से संबंधित सारी सेवाओं की देखभाल करनी होती थी.
33मेरारी से माहलियों तथा मुशियों के परिवारों का कुल निकला, जो मेरारी के परिवार कहलाए.
34जब एक महीने से ऊपर की आयु के पुरुष गिने गए; उनकी संख्या 6,200 थी.
35मेरारी के कुल के परिवारों का प्रधान था अबीहाइल का पुत्र ज़ूरिएल.
इनके शिविर के लिए ठहराया हुआ स्थान साक्षी के तंबू के उत्तर में था.
36मेरारी के वंशजों के लिए ठहराया हुआ कार्य यह था: साक्षी के तंबू के चौखट, उसकी छड़ें, उसके खंभे, उसके आधारपात्र, उसका सारा सामान तथा इन सबसे संबंधित सारे कार्य, 37तथा आंगन के आस-पास के खंभे तथा उनके आधारपात्र, उनकी खूंटियां तथा उनकी डोरियां.
38वे, जिन्हें सूर्योदय की दिशा, साक्षी के तंबू के पूर्व में मिलनवाले तंबू के सामने शिविर डालने के लिए नियुक्त किया गया था, वे मोशेह एवं अहरोन तथा उनके पुत्र हैं. वे पवित्र स्थान से संबंधित कार्यों की रखवाली करेंगे,
जो इस्राएल के प्रति उनका कर्तव्य होगा.
किंतु यदि कोई साधारण व्यक्ति पवित्र स्थान के निकट आए, तो उसको मार दिया जायेगा.
39याहवेह द्वारा मोशेह एवं अहरोन को दी गई आज्ञा के अंतर्गत, जो गिनती उनके परिवारों के अनुसार की गई थी, हर एक महीने से ऊपर की आयु के पुरुष की गिनती से प्राप्त कुल संख्या थी 22,000.
40इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, “इस्राएल में एक महीने से अधिक आयु के हर एक पुरुष की गिनती करो तथा उनके नामों की सूची बनाओ. 41इस्राएल के घराने के पहिलौठों के तथा इस्राएल के पशुओं के पहिलौठों के स्थान पर तुम मेरे लिए लेवियों को अलग कर लोगे. मैं ही वह याहवेह हूं.”
42इसलिये मोशेह ने इस्राएल के घराने के सभी पहिलौंठों की गिनती की, जैसा कि उन्हें याहवेह की ओर से आज्ञा दी गई थी. 43ये सभी एक महीने से अधिक आयु के पुरुष थे, जिनकी गिनती नामों एवं संख्या के आधार पर की गई. इनकी संख्या कुल 22,273 हुई.
44इसके बाद याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी, 45“इस्राएल के घराने के सभी पहिलौठों के स्थान पर, लेवियों एवं उनके पशुओं को अलग कर लो. लेवी मेरे होंगे. मैं ही वह याहवेह हूं. 46इस्राएल के घराने के 273 पहिलौठों की छुड़ौती के लिए, जो लेवियों की संख्या से अधिक हैं, 47तुम प्रति व्यक्ति पांच शेकेल लोगे; तथा ये शेकेल पवित्र स्थान के मानक शेकेल होंगे एक शेकेल में बीस गेराह. 48तुम यह छुड़ौती की राशि अहरोन तथा उसके पुत्रों को सौंप दोगे.”
49इसलिये मोशेह ने उन व्यक्तियों से, जो लेवियों की संख्या के अलावा थे, वह छुड़ौती की राशि इकट्ठी कर ली, उनके अलावा, जो लेवियों की संख्या के अलावा थे. 50इस्राएल के पहिलौठों से उन्होंने पवित्र स्थान के मानक शेकेल में धनराशि इकट्ठी कर ली, जो 1,365 शेकेल थी. 51यह राशि मोशेह ने अहरोन एवं उसके पुत्रों को, याहवेह के आदेश के अनुसार, जैसा आदेश उन्होंने मोशेह को दिया था, सौंप दी.