लबरा गुरूमन अऊ ओमन के बिनास
1पर मनखेमन के बीच म लबरा अगमजानीमन घलो रिहिन अऊ ओही किसम ले तुम्हर बीच म लबरा गुरूमन होहीं। ओमन गुपत रूप ले बिनासकारी लबारी सिकछा ला तुम्हर बीच म लानहीं, अऊ त अऊ ओमन सर्वसक्तिमान परभू के इनकार करहीं, जऊन ह ओमन ला बिसोय हवय अऊ ए किसम ले ओमन अपन ऊपर अचानक बिनास लानहीं। 2बहुंते झन ओमन के खराप जिनगी के नकल करहीं, अऊ ओमन के कारन, सत के रसता के अनादर होही। 3अपन लालच म, ए गुरूमन अपन खुद के बनाय कथा-कहानी के दुवारा तुम्हर ले फायदा उठाहीं। ओमन के दंड के फैसला बहुंत पहिली हो चुके हवय, अऊ ओमन के बिनास निस्चय होही।
4जब परमेसर ह ओ स्वरगदूतमन ला नइं छोंड़िस, जऊन मन पाप करे रिहिन, पर ओमन ला अंधियार के बंधना म रखके नरक पठो दीस, ताकि ओमन नियाय बर उहां बंदी रहंय। 5जब परमेसर ह पहिली जुग के संसार ला नइं छोंड़िस, जब ओह जल-परलय ले भक्तिहीन मनखेमन ला नास करिस, पर ओह धरमीपन के परचारक – नूह अऊ सात झन आने मनखेमन ला बचाईस। 6अऊ जब सजा के रूप म, परमेसर ह सदोम अऊ अमोरा सहरमन ला जलाके राख कर दीस, अऊ एला एक नमूना के रूप म रखिस – ए देखाय बर कि भक्तिहीन मनखेमन के का होवइया हवय; 7अऊ जब ओह धरमी मनखे लूत ला बचाईस, जऊन ह दुस्ट मनखेमन के खराप चाल-चलन के कारन बहुंत दुःखी रिहिस 8(काबरकि ओ धरमी जन ह ओमन के बीच म रहत रिहिस अऊ ओमन के कुकरम ला देखके अऊ सुनके दिन ब दिन, अपन मन म पीरा के अनुभव करत रिहिस) – 9जब अइसने बात ए, तब परभू ह जानथे कि धरमी मनखेमन ला परिछा म ले कइसने निकारथें अऊ अधरमीमन ला कइसने सजा देवत नियाय के दिन बर रखथें। 10एह खास करके, ओमन बर सही ए, जऊन मन अपन पापमय सुभाव के खराप ईछा के मुताबिक चलथें अऊ अधिकारीमन ला तुछ समझथें।
ए मनखेमन हिम्मती अऊ ढीठ अंय अऊ ओमन महिमामय जीवमन के बदनामी करे बर नइं डरंय; 11जबकि स्वरगदूत, जऊन मन जादा बलवान अऊ सक्तिसाली अंय, परभू के आघू म अइसने जीवमन के बिरोध म बदनामी के दोस नइं लगावंय। 12पर ए मनखेमन ओ बात के बदनामी करथें, जेला एमन समझंय नइं। एमन जंगली पसुमन सहीं बिगर बुद्धि के जीव अंय, जऊन मन कि सिरिप पकड़े जाय बर अऊ नास होय बर जनमे हवंय, अऊ ओमन पसु के सहीं नास घलो होहीं।
13जऊन हानि एमन करे हवंय, ओकर परतिफल एमन ला मिलही। दिन-मंझनियां म खा-पीके मौज करई, एमन ला बने लगथे। एमन कलंकित अऊ दूसित अंय अऊ जब एमन तुम्हर संग जेवनार करथें, त अपन खुसी म मौज-मस्ती करथें। 14एमन के आंखीमन छिनारीपन ले भरे हवय; एमन पाप करई कभू बंद नइं करंय; एमन चंचल मनखेमन ला बहका लेथें; लालच म एमन ला महारथ हासिल हवय; एमन परमेसर दुवारा सरापित अंय। 15एमन सही रसता ला छोंड़ दे हवंय अऊ भटकके एमन बओर के बेटा – बिलाम के रसता म हो ले हवंय; जऊन ह गलत काम के बनी ला पसंद करिस। 16पर ओला ओकर गलत काम बर एक गदही ह दबकारिस। गदही जऊन ह एक पसु अय अऊ गोठियाय नइं सकय, पर ओ गदही ह मनखे के अवाज म गोठियाईस अऊ ओ अगमजानी के बईहापन ला रोकिस।
17ए मनखेमन बिगर पानी के सोत सहीं अंय; एमन गरेर ले उड़ाय गय बादर अंय। घोर अंधियार ह एमन बर रखे गे हवय। 18काबरकि एमन जुछा अऊ घमंड ले भरे बात करथें अऊ अपन पापी सुभाव के छिनारी ईछा के दुवारा ओ मनखेमन ला फंसाथें, जऊन मन गलत काम करइयामन के संगति ला छोंड़के आय हवंय। 19एमन ओमन ले सुतंतरता के वायदा करथें, जबकि एमन खुद भ्रस्ट जिनगी के गुलाम अंय, काबरकि जऊन चीज ह मनखे ऊपर काबू पा लेथे, मनखे ह ओ चीज के गुलाम हो जाथे। 20कहूं ओमन हमर परभू अऊ उद्धार करइया यीसू मसीह ला जाने के दुवारा संसार के असुधता ले बच गे हवंय, पर ओमन फेर ओम फंसके ओकर बस म हो जाथें, त ओमन के दसा ह आखिरी म, ओमन के सुरू के दसा ले घलो अऊ खराप हो जाही। 21ओमन बर बने होतिस कि ओमन धरमीपन के रसता ला नइं जाने रहितिन, एकर बदले कि ओला जाने के बाद, पबितर हुकूम के पालन नइं करना, जऊन ह ओमन ला दिये गे रिहिस। 22ओमन बर ए कहावत सही बईठथे: “कुकुर ह अपन उछरे चीज ला खाय बर फेर लहुंटथे,”2:22 नीति 26:11 अऊ “नहलाय-धूलाय माई सुरा ह चिखला माते बर फेर चले जाथे।”
معلمين دروغين و عاقبت كار آنان
1اما در آن روزگاران، انبيای دروغين نيز بودند، همانطور كه در ميان شما نيز معلمين دروغين پيدا خواهند شد كه با نيرنگ، دروغهايی دربارهٔ خدا بيان خواهند كرد و حتی با سَرور خود، مسيح كه ايشان را با خون خود خريده است، سر به مخالفت برخواهند داشت. اما ناگهان سرنوشتی هولناک دچار آنها خواهد شد. 2عدهای بسيار، تعاليم مضر و خلاف اخلاق ايشان را پيروی خواهند كرد و به سبب همين افراد، راه مسيح مورد اهانت و تمسخر قرار خواهد گرفت.
3اين معلمنماها از روی طمع، با هرگونه سخنان نادرست خواهند كوشيد پول شما را به چنگ بياورند. اما خدا از مدتها پيش ايشان را محكوم فرموده؛ پس نابودیشان نزديک است. 4خدا حتی از سر تقصير فرشتگانی كه گناه كردند نگذشت، بلكه ايشان را در ظلمت جهنم محبوس فرمود تا زمان داوری فرا رسد. 5همچنين، در روزگاران گذشته، پيش از طوفان، بر هيچكس ترحم نفرمود، جز بر نوح كه راه راست خدا را اعلام میكرد، و بر خانوادهٔ او كه هفت نفر بودند. در آن زمان، خدا همهٔ مردم خدانشناس دنيا را با طوفانی عالمگير به کلی نابود ساخت. 6مدتها پس از آن، خدا شهرهای «سدوم» و «عموره» را به تلی از خاكستر تبديل نمود و از صفحهٔ روزگار محو ساخت، تا در آينده درسی باشد برای تمام خدانشناسان و بیدينان.
7-8اما در همان زمان، خدا «لوط» را از سدوم نجات داد، زيرا او مرد درستكاری بود و از رفتار و سخنان قبيح و هرزه و گناهآلودی كه هر روز از ساكنان شهر میديد و میشنيد، رنج میبرد و به تنگ میآمد. 9به همين ترتيب خدا میتواند من و شما را نيز از وسوسههای اطرافمان رهايی بخشد و به مجازات مردم خدانشناس ادامه دهد تا سرانجام روز داوری فرا برسد. 10مجازات خدا خصوصاً بر كسانی سخت خواهد بود كه به دنبال خواستههای ناپاک و جسمانی خود میروند و تابع هيچ قدرتی نيستند. اينان چنان گستاخ هستند كه حتی موجودات آسمانی را نيز به باد تمسخر میگيرند؛ 11در حالی که فرشتگان آسمانی كه در حضور خدا هستند و صاحب قدرت و قوتی بسيار برتر از اين معلمنماها میباشند، هرگز به اين موجودات توهين نمیكنند.
12اين معلمين دروغين و فريبكار، مانند حيوانات وحشی كه برای شكار و كشته شدن آفريده شدهاند، فقط بر اساس غريزهٔ خود عمل میكنند، و هر كاری را كه غريزهشان حكم میكند، انجام میدهند. اينان، هر چه را كه نمیفهمند مسخره میكنند، غافل از اينكه روزی مانند همان حيوانات نابود خواهند شد.
13بلی، مزد اين معلمنماها همين است، زيرا روزهای عمر خود را به خوشگذرانیهای گناهآلود میگذرانند. وجود ايشان در ميان شما باعث ننگ و رسوايی است؛ خود را درستكار نشان میدهند تا در ضيافتهای كليسايی شما داخل شوند. 14به هر زنی با نظر ناپاک نگاه میكنند و از زناكاری هرگز سير نمیشوند؛ زنان بیاراده را به نيرنگ به دام میاندازند؛ ايشان خود را طمعكار بار آوردهاند و زير لعنت و محكوميت خدا قرار دارند. 15از راه راست خارج شده، مانند «بلعام» پسر «بعور» گمراه شدهاند. بلعام پولی را كه از انجام ناراستی به دست میآورد، دوست میداشت؛ 16اما وقتی الاغ او به زبان انسان به حرف آمد و او را سرزنش و توبيخ كرد، از رفتار نادرست خود دست كشيد.
17اين اشخاص همچون چشمههای خشكيده، نفعی به كسی نمیرسانند، و مانند ابرهايی كه به هر سو رانده میشوند، ناپايدارند و تاريكی ابدی جهنم انتظارشان را میكشد. 18ايشان به گناهان و اعمال ناپاک خود میبالند، و آنان را كه تازه از چنين زندگی گناهآلودی نجات يافتهاند، با استفاده از فريب شهوت، باز به دام گناه میكشانند، 19و میگويند: «كسی كه نجات يافته، آزاد است هر كاری میخواهد بكند و هيچ كار او گناه به حساب نخواهد آمد.» در حالی که خودشان نيز آزاد نيستند بلكه اسير شهوات میباشند، زيرا انسانی كه تحت تسلط چيزی است، اسير آن میباشد.
20هرگاه كسی با شناخت خداوند و نجات دهندهمان عيسی مسيح، از ناپاكیهای اين دنيا رهايی يابد، ولی بعد از آن، بار ديگر اسير آن آلودگیها گردد، وضعش بدتر از سابق میشود. 21اگر چيزی دربارهٔ مسيح نمیدانست، برايش بهتر بود از اينكه مسيح را بشناسد و سپس به احكام مقدسی كه به او سپرده شده است، پشت پا بزند. 22آن مَثَل قديمی چه خوب میگويد كه «سگ به قی خود باز میگردد و خوک شسته شده، بار ديگر در لجن میغلتد.» اين مثل دربارهٔ اين اشخاص صدق میكند.