मरकुस 2 – NCA & JCB

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

मरकुस 2:1-28

यीसू लकवा के मारे मनखे ला चंगा करथे

(मत्ती 9:1-8; लूका 5:17-26)

1कुछू दिन के बाद, यीसू फेर कफरनहूम म आईस, अऊ ए समाचार ह जम्मो नगर म फइल गीस। 2ओ घर जिहां ओह ठहरे रहय, उहां अतका झन झूम गीन कि अऊ एको झन बर ठऊर नइं रहय; इहां तक कि कपाट के बाहिर म घलो ठऊर नइं रिहिस। अऊ यीसू ह ओमन ला परमेसर के बचन सुनाईस। 3उहां, लकवा के मारे एक मनखे ला, चार झन उठाके लानिन। 4भीड़ के मारे ओमन यीसू के लकठा म नइं जा सकिन, एकर खातिर घर के छानी ला, जेकर तरी म यीसू रहय, उघार दीन, अऊ खटिया ला जेम लकवा के मारे ह रहय, यीसू के आघू म उतार दीन। 5यीसू ह ओमन के बिसवास ला देखके लकवा के मारे मनखे ला कहिस, “बेटा! तोर पाप ह छेमा हो गे।”

6तब कानून के कुछू गुरू, जऊन मन उहां बईठे रिहिन, अपन मन म सोचे लगिन, 7“ए मनखे ह काबर अइसने कहत हवय। एह तो परमेसर के निन्दा करत हवय, काबरकि परमेसर के छोंड़ अऊ कोनो पाप ला छेमा नइं कर सकंय।”

8यीसू ह तुरते अपन आतमा म जान डारिस कि ओमन अपन मन म का गुनत रिहिन, अऊ ओह ओमन ला कहिस, “तुमन काबर अपन मन म अइसने गुनत हवव? 9सहज का ए? लकवा के मारे ला ए कहई कि तोर पाप ह छेमा हो गे या फेर ए कहई कि अपन खटिया ला उठा अऊ रेंग। 10मेंह तुमन ला देखाहूं कि मनखे के बेटा ला धरती म पाप छेमा करे के अधिकार हवय।” तब ओह लकवा के मारे ला कहिस, 11“उठ, अपन खटिया ला उठा अऊ घर जा।” 12ओह उठिस अऊ खटिया ला लेके जम्मो मनखे के देखत चले गीस। एला देखके जम्मो झन चकित हो गीन अऊ ए कहिके परमेसर के महिमा करिन कि हमन अइसने कभू नइं देखे रहेंन।

मत्ती (लेवी) के बुलावा

(मत्ती 9:9-13; लूका 5:27-32)

13यीसू ह फेर झील के तीर म गीस, अऊ ओ भीड़ जऊन ह ओकर करा आईस, ओमन ला उपदेस देवन लगिस। 14जब ओह जावत रिहिस, त ओह हलफई के बेटा लेवी ला देखिस, जऊन ह लगान लेवइया चौकी म बईठे रिहिस। यीसू ह ओला कहिस, “मोर पाछू हो ले।” अऊ ओह उठके ओकर पाछू हो लीस।

15जब यीसू ह लेवी के घर म खाना खावत रिहिस, त उहां ओकर अऊ ओकर चेलामन संग कतको लगान लेवइया अऊ पापी मनखे मन घलो खाना खावत रिहिन, काबरकि उहां बहुंत झन ओकर पाछू हो ले रिहिन।

16जब कानून के गुरू, जऊन मन फरीसी रिहिन, यीसू ला पापी अऊ लगान लेवइया मन संग खावत देखिन, त ओमन ओकर चेलामन ले पुछिन, “ओह अइसने मनखेमन संग काबर खावत हवय?”

17यीसू ह एला सुनके ओमन ला कहिस, “भला-चंगा मनखे ला डाक्टर के जरूरत नइं रहय, पर बेमरहा ला रहिथे। मेंह धरमीमन ला सिखोय बर नइं आय हवंव, पर पापीमन ला सिखोय बर आय हवंव, ताकि ओमन मन फिरावंय।”

उपास के बारे बातचीत

(मत्ती 9:14-17; लूका 5:33-39)

18यूहन्ना के चेला अऊ फरीसी मन उपास करत रिहिन। कुछू मनखेमन आके यीसू ले पुछिन, “यूहन्ना के चेला अऊ फरीसीमन के चेलामन उपास रखथें, पर तोर चेलामन काबर उपास नइं रखंय?”

19यीसू ह ओमन ला कहिस, “का दुल्‍हा के संगवारीमन, दुल्‍हा के संग रहत उपास रखथें? जब तक दुल्‍हा ह ओमन के संग हवय, ओमन उपास नइं रखंय। 20पर एक समय अइसने आही, जब दुल्‍हा ह ओमन ले अलग करे जाही, तब ओ दिन ओमन उपास करहीं।

21नवां कपड़ा के खाप जुन्ना कपड़ा म कोनो नइं लगावंय, कहूं कोनो अइसने करथे, त ओ खाप ह जुन्ना कपड़ा ला खींचके अऊ चीर देथे। 22कोनो नवां अंगूर के मंद ला जुन्ना चमड़ा के थैली म नइं रखंय। कहूं कोनो अइसने करथे, त अंगूर के मंद ह थैली ला फोर देथे, अऊ मंद अऊ थैली दूनों बरबाद हो जाथे। एकरे बर नवां अंगूर के मंद ला नवां चमड़ा के थैली म रखथें2:22 ओ समय म मनखेमन अंगूर के मंद ला चमड़ा के थैली म रखंय।।”

बिसराम दिन के परभू

(मत्ती 12:1-8; लूका 6:1-5)

23यीसू ह एक बिसराम के दिन खेत म ले होके जावत रिहिस अऊ ओकर चेलामन रेंगत-रेंगत दाना ला टोरत रिहिन, 24त फरीसीमन ओला कहिन, “देख, एमन अइसने काबर करथें? बिसराम के दिन म अइसने करई कानून के बिरूद्ध अय।”

25यीसू ह ओमन ला कहिस, “का तुमन कभू नइं पढ़ेव कि दाऊद राजा ह का करिस, जब ओ अऊ ओकर संगीमन ला भूख लगिस। 26अबियातार महा पुरोहित के समय म, दाऊद ह परमेसर के घर म गीस, अऊ परमेसर ला भेंट चघाय रोटी ला खाईस अऊ अपन संगवारीमन ला घलो खाय बर दीस, जऊन ला नियम के मुताबिक सिरिप पुरोहितमन खा सकत रिहिन।”

27यीसू ह ओमन ला ए घलो कहिस, “बिसराम दिन ह मनखे बर बनाय गे हवय, न कि मनखे ह बिसराम दिन बर। 28एकरसेति, मनखे के बेटा ह बिसराम दिन के घलो परभू अय।”

Japanese Contemporary Bible

マルコの福音書 2:1-28

2

1数日後、イエスはカペナウムに戻られました。すると、イエス来訪のニュースはたちまち町中に伝わり、 2人々が大ぜい集まって来ました。家は足の踏み場もないほどで、外まで人があふれています。その人たちに、イエスは神の教えを語られました。 3その時、四人の人が、中風(脳出血などによる半身不随、手足のまひ等の症状)の男をかついで運んで来ました。 4しかしあまりの人に、群衆をかき分けて中へ入ることもできません。そこで、屋根にのぼり、穴をあけると、そこから病人を寝床のまま、イエスの前へつり降ろしました。 5必ず治してもらえると、堅く信じて疑わない彼らの信仰をごらんになって、イエスは中風の男に、「あなたの罪は赦されました」と言われました。

6ところが、その場にいた何人かのユダヤ人の宗教的指導者たちの心中は、おだやかではありませんでした。 7「なんだと! 今のは神を汚すことばだ。いったい自分をだれだと思っているのか。罪を赦すなんて、神にしかできないことなのに。」

8イエスはすぐに、彼らが心の中で理屈をこねているのを見抜かれました。「どうして、そう思うのですか。 9-11この人に、『あなたの罪が赦されました』と言うのと、『起きて歩きなさい』と言うのと、どちらがやさしいですか。さあ、メシヤ(ヘブル語で、救い主)のわたしが罪を赦したという証拠を見せてあげましょう。」イエスは中風の男のほうに向き直り、「あなたはもうよくなりました。床をたたんで、家に帰りなさい」と言われました。

12すると男は飛び起き、寝床をかかえ、あっけにとられている見物人を押し分けて、出て行ってしまいました。「こんなことは、見たこともない!」人々は口々に叫び、心から神を賛美しました。

13イエスはまた湖畔に行き、集まって来た群衆にお教えになりました。 14岸辺を歩いておられると、税金取立て所にアルパヨの子レビ(マタイ)が座っていました。「ついて来て、わたしの弟子になりなさい。」イエスの呼びかけに、レビはさっと立ち上がり、あとに従いました。

15その夜、レビはイエスを夕食に招待しました。その席には、取税人仲間や、評判の悪い人たちも多く招かれていました。イエスに従う者には、こういう人々も多かったのです。 16これを見たパリサイ派(特に律法を守ることに熱心なユダヤ教の一派)の律法学者は、弟子たちに詰め寄りました。「おまえたちの先生は、どうして、こんなどうしようもない連中といっしょに食事をするのか。」 17彼らの非難に、イエスはこうお答えになりました。「丈夫な者に医者はいりません。病人こそ医者が必要なのです。わたしは、自分を正しいと思っている人たちのためにではなく、罪人を神に立ち返らせるために来たのです。」

パリサイ人の非難

18バプテスマのヨハネの弟子やパリサイ人たちは、断食のおきてを守っていました。ある時、彼らが来て、「どうして先生のお弟子さんたちは断食しないのですか」と問いただしました。 19イエスは、こうお答えになりました。「花婿の友人は、披露宴の席で、ごちそうに手をつけなかったり、嘆き悲しんだりはしません。 20しかし、やがて花婿が彼らから引き離される日が来ます。その時には断食するのです。 21こう言えばわかるでしょう。水洗いしていない新しい布で、古い着物の継ぎ当てをしてごらんなさい。どうなりますか。当て布は縮んで着物を破り、穴はますます大きくなってしまうでしょう。 22新しいぶどう酒を古い皮袋に入れることもしません。そんなことをしたら、皮袋は張り裂け、ぶどう酒はこぼれ、どちらもだいなしでしょう。新しいぶどう酒には、新しい皮袋が必要なのです。」

23ある安息日(神の定めた休息日)のこと、イエスと弟子たちは麦畑の中を歩いていました。すると、弟子たちが麦の穂を摘んで、食べ始めました。 24これを見たパリサイ人たちは、「お弟子さんたちがあんなことをするなんて! 安息日に刈り入れをするのは違反なのをご存じのはずでしょう」と、イエスに抗議しました。

25-26しかし、イエスはお答えになりました。「アビヤタルが大祭司のころ、ダビデ王とその家来たちが空腹でがまんできなかった時、神殿に入って、祭司以外が食べてはいけない特別のパンを食べたというのを、読んだことがないのですか。それもおきてに反することでしょうか。 27いいですか。安息日は人間のためにつくられたのであって、人間が安息日のためにつくられたのではありません。 28メシヤ(救い主)のわたしには、安息日に何をしてよいかを決める権威もあるのです。」