मरकुस 15 – NCA & JCB

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

मरकुस 15:1-47

यीसू ह राजपाल पीलातुस के आघू म

(मत्ती 27:1-2, 11-14; लूका 23:1-5; यूहन्ना 18:28-38)

1बड़े बिहनियां मुखिया पुरोहित, अगुवा, नियम के सिखोइया मन अऊ जम्मो महासभा मिलके फैसला करिन। ओमन यीसू ला बांधिन अऊ ओला ले जाके पीलातुस के हांथ म सऊंप दीन।

2पीलातुस ह यीसू ले पुछिस, “का तेंह यहूदीमन के राजा अस?”

यीसू ह कहिस, “हव जी, जइसने कि तेंह कहथस।”

3मुखिया पुरोहितमन ओकर ऊपर बहुंत अकन दोस लगाईन 4पीलातुस ह ओकर ले फेर पुछिस, “का तेंह कोनो जबाब नइं देवस? देख एमन तोर ऊपर कतेक दोस लगावत हवंय।”

5तभो ले यीसू ह कोनो जबाब नइं दीस। एला देखके पीलातुस ह अब्‍बड़ अचम्भो करिस।

यीसू ला मार डारे के हुकूम दिये जाथे

(मत्ती 27:15-26; लूका 23:13-25; यूहन्ना 18:39–19:16)

6ए रिवाज रिहिस कि फसह तिहार के समय म, पीलातुस ह कोनो एक झन कैदी, जऊन ला मनखेमन चाहंय, छोंड़ देवय। 7बरब्‍बा नांव के एक मनखे जेल म आने मन संग रिहिस, जऊन ह सरकार के बिरोध म बलवा करके हतिया करे रिहिस। 8मनखे के भीड़ ह ऊपर आके पीलातुस ले बिनती करिस, “जइसने तेंह हमर खातिर करत आय हवस, वइसने कर।”

9पीलातुस ह कहिस, “का तुमन चाहत हव कि मेंह तुम्‍हर खातिर यहूदीमन के राजा ला छोंड़ देवंव?” 10काबरकि ओह जानत रिहिस कि मुखिया पुरोहितमन यीसू ला जलन के कारन पकड़वाय रिहिन। 11पर मुखिया पुरोहितमन भीड़ ला भड़काईन कि पीलातुस ह यीसू के जगह म बरब्‍बा ला छोंड़ देवय।

12एला सुनके पीलातुस ह ओमन ले पुछिस, “त फेर मेंह ए मनखे के का करंव, जऊन ला तुमन यहूदीमन के राजा कहत हवव।”

13ओमन चिचियाके कहिन, “ओला कुरुस ऊपर चघाके मार डार।”

14पीलातुस ह ओमन ले पुछिस, “काबर? ओह का अपराध करे हवय?”

पर ओमन अऊ चिचियाके कहिन, “ओला कुरुस ऊपर चघाके मार डार।”

15तब भीड़ ला खुस करे बर पीलातुस ह बरब्‍बा ला छोंड़ दीस अऊ यीसू ला कोर्रा म पीटवाके कुरुस ऊपर चघाय बर सऊंप दीस।

सिपाहीमन यीसू के हंसी उड़ाथें

(मत्ती 27:27-31; यूहन्ना 19:2-3)

16सिपाहीमन यीसू ला किला के भीतर अंगना म ले गीन अऊ सिपाहीमन के जम्मो दल ला बलाईन। 17ओमन बैंजनी रंग के कपड़ा ओला पहिराईन अऊ कांटा के मुकुट गुंथके ओकर मुड़ ऊपर रखिन। 18अऊ ओमन ओकर हंसी उड़ाके कहिन, “हे यहूदीमन के राजा।” 19अऊ बार-बार ओमन ओकर मुड़ ला लउठी म मारंय, अऊ ओकर ऊपर थूकंय अऊ माड़ी ला टेकके ओला जोहार करंय। 20जब ओमन ओकर हंसी उड़ा चुकिन, त बैंजनी रंग के कपड़ा ला ओकर ऊपर ले उतारके ओला ओकरेच कपड़ा ला पहिराईन अऊ तब ओमन कुरुस ऊपर चघाय बर ओला बाहिर ले गीन।

यीसू ला कुरुस म चघाय जाथे

(मत्ती 27:32-44; लूका 23:26-43; यूहन्ना 19:17-27)

21सिकन्दर, अऊ रूफुस के ददा सिमोन नांव के कुरेन के रहइया एक मनखे गांव ले आवत रिहिस। ओह ओहीच डहार ले निकरिस। सिपाहीमन ओला जबरन यीसू के कुरुस ला उठाके ले जाय बर कहिन। 22ओमन यीसू ला गुलगुता नांव के ठऊर म लानिन, जेकर मतलब होथे “खोपड़ी के ठऊर”। 23तब ओमन ओला मुर्र म मिले अंगूर के मंद देवन लगिन, पर ओह ओला नइं लीस। 24तब ओमन ओला कुरुस ऊपर चघाईन। अऊ ओकर ओन्ढा बर चिट्ठी डालके फैसला करिन कि कोन ला का मिलही, अऊ ओकर हिसाब ले ओला बांट लीन।

25दिन के करीब 9 बजे के समय होही, जब ओमन यीसू ला कुरुस ऊपर चघाईन। 26अऊ ओकर ऊपर म ए दोस लिखके टांग दीन: “यहूदीमन के राजा”। 27ओमन ओकर संग दू झन डाकूमन ला घलो कुरुस ऊपर चघाईन; एक झन ला ओकर जेवनी कोति अऊ दूसर ला ओकर डेरी कोति। 28तब परमेसर के ओ बचन कि ओह पापीमन के संग गने जाही, पूरा होईस। 29अऊ रसता म अवइया-जवइयामन मुड़ी डोला-डोला के अऊ ठट्ठा करके ए कहंय, “तेंह कहत रहय कि मंदिर ला गिरावव अऊ मेंह तीन दिन म ओला बना दूहूं। 30कुरुस ले उतरके अपन-आप ला बंचा।”

31अइसनेच मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरूमन घलो आपस म ठट्ठा करके कहंय, “एह आने मन ला बंचाईस अऊ अपन-आप ला नइं बंचाय सकत हवय। 32इसरायल के राजा, मसीह! अब कुरुस ले उतर आ कि हमन देखके बिसवास करन।” अऊ जऊन मन ओकर संग कुरुस ऊपर चघाय गे रिहिन, ओमन घलो ओकर ठट्ठा करत रहंय।

यीसू के मिरतू

(मत्ती 27:45-56; लूका 23:44-49; यूहन्ना 19:28-30)

33मंझनियां के बखत जम्मो देस म अंधियार छा गीस अऊ अंधियार ह तीन बजे तक छाय रिहिस। 34तब तीन बजे यीसू ह अब्‍बड़ नरियाके कहिस, “इलोई इलोई लमा सबकतनी?” जेकर मतलब होथे – “हे मोर परमेसर, हे मोर परमेसर, तेंह मोला काबर छोंड़ दे?”15:34 भजन-संहिता 22:1

35जब लकठा म ठाढ़े मनखेमन ले कतको झन एला सुनिन, त ओमन कहिन, “देखव, एह एलियाह अगमजानी ला बलावत हवय।”

36ओम के एक झन दऊड़के गीस अऊ स्‍पंज ला सिरका म बोरिस अऊ ओला एक ठन लउठी म रखके यीसू ला पीये बर दीस अऊ कहिस, “ठहर जावव, हमन देखबो कि एलियाह ह ओला उतारे बर आथे कि नइं।”

37तब यीसू ह अब्‍बड़ जोर से नरियाके अपन परान ला तियाग दीस।

38मंदिर के परदा ह ऊपर ले खाल्‍हे तक चीराके दू बांटा हो गीस15:38 मंदिर म पबितर जगह अऊ महा पबितर जगह के बीच म एक परदा रहय। ए बिसवास रिहिस कि महा पबितर जगह म परमेसर के उपस्थिति धरती म रिहिस। सिरिप महा पुरोहित ला अनुमती रिहिस कि साल म एक बार ओह महा पबितर जगह म परमेसर के मनखेमन के पाप खातिर बलिदान चघाय बर जावय। मंदिर के परदा ह चीरा गीस, एकर मतलब ए अय कि यीसू ह हमर पाप खातिर मर गीस, अऊ अब हर एक बिसवासी ह परमेसर करा सीधा जा सकथे (देखव – इबरानीमन 6:19-20; 9:1-16; 10:19-22)।39सिपाहीमन के अधिकारी ह यीसू के आघू म ठाढ़े रिहिस। जब ओह यीसू ला अइसने गोहार पारके परान तियागत देखिस, त कहिस, “सिरतोन म एह परमेसर के बेटा रिहिस।”

40उहां कुछू माईलोगन घलो दूरिहा ले देखत रहंय। ओम मरियम मगदलिनी, अऊ छोटे याकूब अऊ योसेस के दाई मरियम अऊ सलोमी रिहिन। 41जब यीसू ह गलील म रिहिस, त एमन ओकर पाछू हो ले रिहिन अऊ ओकर सेवा करत रिहिन। अऊ बहुंत माईलोगन रिहिन, जऊन मन ओकर संग यरूसलेम आय रिहिन।

यीसू ला कबर म रखे जाथे

(मत्ती 27:57-61; लूका 23:50-56; यूहन्ना 19:38-42)

42ओह तियारी के दिन रिहिस जऊन ह कि बिसराम दिन के एक दिन आघू आथे। जब संझा होईस, 43त अरमतिया के रहइया यूसुफ ह आईस, जऊन ह कि महासभा के नामी सदस्य रिहिस अऊ खुदे परमेसर के राज के बाट जोहत रिहिस। ओह हिम्मत करके पीलातुस करा गीस अऊ यीसू के लास ला मांगिस। 44पीलातुस ह ए सुनके अचम्भो करिस कि यीसू ह अतेक जल्दी मर गीस अऊ ओह सिपाहीमन के अधिकारी ला बलाके पुछिस, “का यीसू ह मर गीस?” 45जब ओह अधिकारी ले यीसू के मरे के खबर ला जान लीस, त ओकर लास यूसुफ ला देवा दीस। 46तब यूसुफ ह एक बने ओन्ढा बिसोईस अऊ यीसू के लास ला उतारके ओ ओन्ढा म लपेटिस अऊ एक कबर म जऊन ह पथरा म खोदे गे रहय, रखिस, अऊ कबर के मुहूं म एक ठन बड़े पथरा ला टेका दीस। 47मरियम मगदलिनी अऊ योसेस के दाई मरियम देखत रिहिन कि यीसू के लास ला कहां रखे गे हवय।

Japanese Contemporary Bible

マルコの福音書 15:1-47

15

イエスの裁判、十字架の死、埋葬

1朝早く、祭司長と長老、それにユダヤ教の教師たちからなる最高議会の全議員が、次の手はずをあれこれ協議した結果、イエスを縛ったまま、ローマ総督ピラトに引き渡すことに決まりました。

2「おまえはユダヤ人の王なのか」というピラトの尋問に、イエスは、「そのとおりです」とだけお答えになりました。 3そこで祭司長たちは、あることないことをあげつらい、イエスを訴えました。 4これを聞いたピラトは、「どうして何も言わないのか。あんなにまで訴えているのに平気なのか」と尋ねました。 5しかしイエスは、ひとこともお答えになりません。これにはピラトも驚き、あきれてしまいました。

6さてピラトは、毎年、過越の祭りには、人々の願うままにユダヤ人の囚人を一人、釈放してやることにしていました。 7たまたまこの時、暴動で人殺しをし、投獄されていた暴徒たちの中に、バラバという男がいました。 8群衆はピラトの前に押し寄せ、例年どおり囚人を釈放するよう迫りました。 9そこで、ピラトは尋ねました。「『ユダヤ人の王』を釈放してほしいのか。おまえたちが赦してほしいのはこの男か。」 10ピラトがこう言ったのは、イエスが捕らえられたのは、彼の人気をねたむ祭司長たちのでっち上げによるとにらんだからです。

11ところが、祭司長たちも抜かりはありません。たくみに群衆をけしかけ、イエスではなくバラバの釈放を要求させたのです。

12「バラバは釈放するとして、おまえたちが王と呼んでいるあの男はいったいどうするつもりか。」

13「十字架につけろ!」

14「なぜだ。あの男が、いったいどんな悪事を働いたというのだ。」それでも群衆はおさまりません。なおも大声で、「十字架につけろ!」と叫び続けます。 15ピラトは群衆のきげんをそこねたくなかったので、結局、バラバを釈放することにしました。イエスのほうは、先端に鉛のついたむちで打たせてから、十字架につけるために引き渡しました。

16ローマ兵たちはイエスを総督官邸内の兵営に引き立てて行き、全部隊を召集しました。 17その目の前で、イエスに紫色のガウンを着せ、長く鋭いとげのあるいばらで冠を作り、頭にかぶせると、 18「おい、ユダヤ人の王よ」とはやしたて、皮肉たっぷりに敬礼しました。 19それから、頭を葦の棒でたたいたり、つばをかけたり、ひれ伏して拝むまねをしたりして、からかいました。 20こうしてさんざん笑いものにしたあげく、紫色のガウンをはぎとってもとの着物を着せ、いよいよ十字架につけるために引き出しました。 21途中、ちょうど田舎から来合わせていたクレネ人のシモンという男に、むりやりイエスの十字架を背負わせました〔シモンは、アレキサンデルとルポスの父〕。

22兵士たちは、イエスをゴルゴタ〔どくろ〕と呼ばれる場所に連れて行きました。 23そこで、没薬を混ぜたぶどう酒(痛みを和らげる飲み物)を飲ませようとしましたが、イエスはお断りになりました。 24兵士たちは、イエスを十字架につけてしまうと、さっそくくじを引き、その着物を分け合いました。 25イエスが十字架につけられたのは、朝の九時ごろでした。

26イエスの頭上には罪状書きが掲げられ、それには「ユダヤ人の王」と書いてありました。

27その日、二人の強盗も、イエスといっしょに十字架につけられました。二人の十字架はイエスの両側に立てられました。 28こうして、「彼は罪人の一人に数えられた」イザヤ53・12という聖書のことばどおりになったのです。

29-30刑場のそばを通りかかった人たちは、大げさな身ぶりで、「神殿を打ちこわして三日で建て直すんだってなあ。そんなに偉いなら、たった今、十字架から降りて来いよ。自分を救ったらどうなんだ!」と、口ぎたなくイエスをののしりました。 31祭司長やユダヤ人の指導者たちも、同じようにあざけりました。「人を救っても、自分は救えないというわけか。」 32「キリスト様。イスラエルの王様。十字架から降りてみろ。そうしたら信じてやろうじゃないか。」イエスの両側で十字架につけられていた強盗までが、悪口をあびせました。

33さて正午になったころ、あたりが急に暗くなり、一面の闇におおわれました。それが三時間も続きました。 34三時ごろイエスは大声で、「エリ、エリ、レマ、サバクタニ」と叫ばれました。それは、「わが神、わが神。どうしてわたしをお見捨てになったのですか」という意味です。 35近くでその声を聞いた人の中には、預言者エリヤを呼んでいるのだと思った者もいました。 36その時、一人の男がさっと駆け寄り、海綿に酸いぶどう酒を含ませると、それを葦の棒につけて差し出しました。そして、「さあ、エリヤがこの男を降ろしに来るかどうか、とくと見ようじゃないか」と言いました。 37イエスはもう一度大声で叫ぶと、息を引き取られました。

38するとどうでしょう。神殿の幕が、上から下まで真っ二つに裂けたのです。 39十字架のそばに立っていたローマ軍の士官は、イエスの死の有様を見て、「この方はほんとうに神の子だった」と言いました。

40数人の婦人が、遠くから恐る恐るこの様子をながめていました。それは、マグダラのマリヤ、小ヤコブとヨセの母マリヤ、サロメをはじめ、何人かの婦人たちで、 41イエスがガリラヤにおられた時、いつも仕えていた人たちでした。ほかにもたくさんの婦人が、イエスといっしょにエルサレムまで来ていました。

42-43以上の出来事はすべて、安息日の前日に起こったことです。その日の夕方、一人の人がピラトのところへ行き、勇気を奮い起こして、イエスの遺体を引き取りたいと申し出ました。その人はアリマタヤ出身のヨセフといい、ユダヤの最高議会の有力な議員で、神の国が来ることを熱心に待ち望んでいました。

44ピラトは、イエスがもう死んでしまったとは信じられず、ローマ軍の士官を呼びつけ、問いただしました。 45士官が死を確認したので、それならよいと遺体の引き取りを許可しました。

46ヨセフは亜麻布を買って来ると、イエスの遺体を十字架から取り降ろし、布でくるんで、岩をくり抜いた墓の中に納め、入口は石を転がしてふさぎました。 47マグダラのマリヤとヨセの母マリヤとは、イエスが葬られるのをじっと見守っていました。