मत्ती 3 – NCA & HCV

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

मत्ती 3:1-17

यूहन्ना बतिसमा देवइया डहार तियार करथे

(मरकुस 1:1-8; लूका 3:1-18; यूहन्ना 1:6-8, 15-34)

1ओ दिनमन म यूहन्ना बतिसमा देवइया आईस अऊ यहूदा प्रदेस के सुनसान जगह म ए परचार करे लगिस, 2“पछताप करव, काबरकि स्‍वरग के राज ह लकठा आ गे हवय।” 3ए यूहन्ना ओ मनखे अय, जेकर बारे म यसायाह अगमजानी ए कहे रिहिस:

“सुनसान जगह म एक झन संदेसिया अवाज

देवत रिहिस कि परभू के डहार ला तियार करव,

अऊ ओकर डहार ला सीधा करव।”3:3 यसायाह 40:3

4यूहन्ना ह ऊंट के रोआं ले बने कपड़ा पहिरे अऊ अपन कनिहां म चमड़ा के बने पट्टा बांधय। ओह फांफा अऊ जंगली मंधरस खावय। 5यरूसलेम, अऊ जम्मो यहूदिया प्रदेस अऊ यरदन नदी के जम्मो छेत्र के मनखेमन ओकर करा आईन, 6अऊ अपन-अपन पाप ला मानके, ओमन यरदन नदी म यूहन्ना ले बतिसमा लीन।

7जब यूहन्ना बतिसमा देवइया ह देखिस कि अब्‍बड़ फरीसी अऊ सदूकी मन ओकर करा बतिसमा लेय बर आवत हवंय, त ओह ओमन ला कहिस, “हे करैत सांप के लइकामन हो! तुमन ला कोन ह चेता दीस कि तुमन परमेसर के अवइया कोरोध ले भागव? 8बने काम करे के दुवारा दिखावव कि तुमन पाप ले पछतावा करे हवव। 9अऊ अपन मन म ए बात झन सोचव कि तुमन अब्राहम के संतान अव। मेंह तुमन ला बतावत हंव कि ए पथरामन ले परमेसर ह अब्राहम बर संतान बना सकथे। 10टंगिया ला पहिले ही रूखमन के जरी ऊपर रखे जा चुके हवय। हर ओ रूख जऊन ह बने फर नइं देवय, काटे अऊ आगी म झोंके जाही।

11जऊन मन अपन पाप ले पछताप करथें, मेंह ओमन ला पानी ले बतिसमा देथंव। पर मोर बाद, एक झन आही, जऊन ह मोर ले जादा सक्तिसाली ए। मेंह ओकर पनही ला उठाय के लइक घलो नो हंव। ओह तुमन ला पबितर आतमा अऊ आगी ले बतिसमा दिही। 12ओकर सुपा ह ओकर हांथ म हवय अऊ ओह अपन कोठार ला पूरापूरी साफ करही, अऊ अपन गहूं ला कोठी म कुढ़ोही। पर ओह भूंसा ला ओ आगी म बारही, जऊन ह कभू नइं बुथावय।”

यीसू के बतिसमा

(मरकुस 1:9-11; लूका 3:21-22; यूहन्ना 1:31-34)

13तब यीसू ह गलील प्रदेस ले यरदन नदी करा यूहन्ना ले बतिसमा ले बर आईस। 14पर यूहन्ना ह ए कहिके ओला रोके के कोसिस करिस, “मोला तोर ले बतिसमा लेय के जरूरत हवय, अऊ तेंह मोर करा आय हवस?”

15पर यीसू ह ओला ए जबाब दीस, “अभी तो अइसने होवन दे; काबरकि जम्मो धरमीपन ला पूरा करे बर अइसने करई, हमर बर उचित ए।” तब यूहन्ना ह यीसू के बात ला मान लीस।

16अऊ बतिसमा लेय के बाद यीसू ह तुरते पानी ले बाहिर निकरिस। ओहीच समय अकास ह खुल गीस, अऊ ओह परमेसर के आतमा ला पंड़की के सहीं अपन ऊपर उतरत देखिस। 17अऊ अकास ले ए अवाज आईस, “एह मोर मयारू बेटा अय, जेकर ले मेंह अब्‍बड़ खुस हवंव।”

Hindi Contemporary Version

मत्तियाह 3:1-17

बपतिस्मा देनेवाले योहन का उपदेश

1कालांतर में यहूदिया प्रदेश के बंजर भूमि में बपतिस्मा देनेवाला योहन आकर यह प्रचार करने लगे, 2“मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग-राज्य पास आ गया है.” 3यह वही हैं जिनके विषय में भविष्यवक्ता यशायाह ने अपने अभिलेख में इस प्रकार संकेत दिया है:

“वह आवाज, जो बंजर भूमि में पुकार-पुकारकर कह रही है,

‘प्रभु का रास्ता सीधा करो,

उनका मार्ग सरल बनाओ.’ ”3:3 यशा 40:3

4बपतिस्मा देनेवाले योहन का परिधान ऊंट के रोम से निर्मित वस्त्र और उसके ऊपर चमड़े का कमरबंध था,3:4 2 राजा 1:8 और उनका भोजन था टिड्डियां तथा जंगलीमधु. 5येरूशलेम नगर, सारे यहूदिया प्रदेश और यरदन नदी के नज़दीकी क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग उनके पास आने लगे. 6पापों को मानने के बाद योहन उन्हें यरदन नदी में बपतिस्मा दिया करते थे.

7जब योहन ने देखा कि अनेक फ़रीसी3:7 फ़रीसी यहूदियों के एक संप्रदाय था, जो कानून-व्यवस्था के सख्त पालन में विश्वास करता था और सदूकी3:7 सदूकी यहूदी धर्म के एक संप्रदाय था जो अज्ञेयवादी थे, जो मृत्यु के बाद जीवन, स्वर्गदूत आदि में विश्वास नहीं करते थे बपतिस्मा लेने आ रहे हैं, उन्होंने उनकी उल्लाहना करते हुए कहा, “विषैले सांपों की संतान! समीप आ रहे क्रोध से भागने की चेतावनी तुम्हें किसने दे दी? 8सच्चे मन फिराने का प्रमाण दो 9और ऐसा मत सोचो कि आप कह सकते हैं, ‘हम तो अब्राहाम की संतान हैं!’ क्योंकि मैं तुम्हें बताता हूं कि परमेश्वर में इन पत्थरों तक से अब्राहाम की संतान पैदा करने का सामर्थ्य है. 10कुल्हाड़ी पहले ही वृक्षों की जड़ पर रखी हुई है. हर एक पेड़, जो उत्तम फल नहीं फलता, काटा जाता और आग में झोंक दिया जाता है.

11“मैं तो तुम्हें पश्चाताप के लिए पानी से बपतिस्मा दे रहा हूं किंतु वह, जो मेरे बाद आ रहे हैं, मुझसे अधिक शक्तिशाली हैं. मैं तो इस योग्य भी नहीं कि उनकी जूतियां उठाऊं. वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग में बपतिस्मा देंगे. 12सूप उनके हाथ में है. वह अपने खलिहान को अच्छी तरह साफ़ करेंगे, गेहूं को भंडार में इकट्ठा करेंगे और भूसी को कभी न बुझनेवाली आग में भस्म कर देंगे.”

मसीह येशु का बपतिस्मा

13येशु गलील प्रदेश से यरदन नदी पर योहन के पास आए कि उनके द्वारा बपतिस्मा3:13 बपतिस्मा जल-संस्कार, एक व्यक्ति को पानी में डुबोने की धार्मिक विधि लें 14किंतु योहन ने इसका इनकार करते हुए कहा, “आवश्यक तो यह है कि मैं आपसे बपतिस्मा लूं. यहां तो आप मुझसे बपतिस्मा लेने आए हैं!”

15मसीह येशु ने इसके उत्तर में कहा, “इस समय तो यही होने दो. हम दोनों के लिए परमेश्वर द्वारा निर्धारित धार्मिकता इसी रीति से पूरी करना सही है.” इस पर योहन सहमत हो गए.

16बपतिस्मा के बाद जैसे ही मसीह येशु जल में से बाहर आए, उनके लिए स्वर्ग खोल दिया गया और योहन ने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर के समान उतरते हुए तथा येशु पर ठहरते देखा. 17उसी समय स्वर्ग से यह शब्द सुना गया, “यह मेरा पुत्र है—मेरा परम प्रिय—जिससे मैं पूरी तरह प्रसन्‍न हूं.”