मत्ती 11 – NCA & PCB

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

मत्ती 11:1-30

यीसू अऊ यूहन्ना बतिसमा देवइया

(लूका 7:18-35)

1अपन बारह चेलामन ला ए हुकूम देय के बाद, यीसू ह उहां ले चल दीस। ओह गलील प्रदेस के सहरमन म सिकछा दे बर अऊ परचार करे बर गीस।

2जब यूहन्ना ह जेल म मसीह के काम के चरचा ला सुनिस, त ओह अपन चेलामन ला ओकर करा ए पुछे बर पठोईस, 3“का तेंह ओ अस, जऊन ह अवइया रिहिस या फेर हमन कोनो दूसर के बाट जोहन।”

4यीसू ह ओमन ला ए जबाब दीस, “तुमन जावव, अऊ जऊन बात तुमन सुनत अऊ देखत हवव, ओला यूहन्ना ला बतावव – 5अंधरामन देखथें, खोरवामन रेंगथें, कोढ़ीमन सुध करे जावथें, भैंरा मनखेमन सुनथें, मुरदामन जी उठथें, अऊ गरीबमन ला सुघर संदेस के परचार करे जाथे।11:5 यसायाह 61:1; लूका 4:18-19 6धइन ए ओह जऊन ह मोर ऊपर संदेह नइं करय।”

7जब यूहन्ना के चेलामन जावत रिहिन, त यीसू ह मनखेमन ला यूहन्ना के बारे म कहन लगिस, “जब तुमन सुनसान जगह म यूहन्ना करा गेव, त तुमन का देखे के आसा करत रहेव? का हवा म डोलत बड़े घांस के पौधा ला? 8यदि नइं! त फेर तुमन का देखे बर गे रहेव? का सुघर कपड़ा पहिरे एक मनखे ला देखे बर? जऊन मन सुघर कपड़ा पहिरथें, ओमन राजा के महल म रहिथें। 9त तुमन का देखे बर गे रहेव? एक अगमजानी ला देखे बर? हव, मेंह तुमन ला कहथंव कि तुमन एक अगमजानी ले घलो बड़े मनखे ला देखेव। 10यूहन्ना ह ओहीच मनखे अय, जेकर बारे म परमेसर के बचन म लिखे हवय; ‘मेंह अपन संदेसिया ला तोर आघू पठोहूं, जऊन ह तोर आघू तोर रसता ला तियार करही।’11:10 मलाकी 3:1

11मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि अभी तक जऊन मनखेमन संसार म जनमे हवंय, ओमन म कोनो घलो यूहन्ना बतिसमा देवइया ले बड़े नो हय। पर जऊन ह स्‍वरग के राज म सबले छोटे अय, ओह यूहन्ना ले घलो बड़े अय। 12यूहन्ना बतिसमा देवइया के समय ले अभी तक स्‍वरग के राज ऊपर सतावा होय हवय अऊ सतानेवालामन ताकत के दुवारा एला अपन अधिकार म कर लेथें। 13काबरकि जम्मो अगमजानी अऊ मूसा के कानून यूहन्ना के समय तक अगमबानी करत रिहिन। 14अऊ यदि तुमन ए बात ला मानत हव, त जान लेवव कि ओह एलियाह अय, जऊन ह अवइया रिहिस। 15जेकर कान हवय, ओह सुन ले।

16मेंह ए पीढ़ी के मनखेमन के तुलना काकर ले करंव? ओमन बजार म बईठे लइकामन सहीं अंय, जऊन मन अपन दूसर संगीमन ला पुकारके कहिथंय:

17‘हमन तुम्‍हर बर बांसुरी बजाएन,

पर तुमन नइं नाचेव;

हमन रोयेन-पीटेन,

पर तुमन ला दुःख नइं होईस।’

18काबरकि यूहन्ना आईस, पर ओह सधारन मनखे सहीं, न खावय न पीयय, त मनखेमन कहिथें, ‘ओला भूत धरे हवय।’ 19मनखे के बेटा ह आईस अऊ ओह सधारन मनखे सहीं खाथे अऊ पीथे, त मनखेमन कहिथें, ‘देखव, ओह पेटहा अऊ पियक्‍कड़ अय! ओह लगान लेवइया अधिकारी अऊ पापी मन के संगवारी अय।’ पर बुद्धि ह अपन काम के दुवारा सही ठहरथे।”

पछताप नइं करइया सहरमन ला धिक्‍कार

(लूका 10:13-15)

20तब यीसू ह ओ सहरमन ला धिक्‍कारे लगिस, जिहां ओह सबले जादा चमतकार करे रिहिस, पर ओ सहरमन पछताप नइं करिन। 21यीसू ह कहिस, “धिक्‍कार ए तोला, खुराजीन! धिक्‍कार ए तोला, बैतसैदा। जऊन चमतकार के काम तुमन म करे गीस, यदि ओ काम सूर अऊ सैदा सहर म करे गे होतिस, त ओमन बहुंत पहिली टाट के कपड़ा ओढ़के अऊ राख म बईठके पछताप कर चुके होतिन। 22पर मेंह तुमन ला कहत हंव कि नियाय के दिन म सूर अऊ सैदा के दसा ह तुम्‍हर दसा ले कहूं जादा सहे के लइक होही। 23अऊ तें कफरनहूम! का तेंह अकास तक ऊंचा उठाय जाबे! नइं! तेंह खाल्‍हे पाताल लोक ला चले जाबे। काबरकि जऊन चमतकार के काम तोर म करे गीस, यदि ओ काम सदोम सहर म करे गे होतिस, त ओ सहर ह आज तक ले बने रहितिस। 24पर मेंह तोला कहत हंव कि नियाय के दिन म सदोम सहर के दसा ह तोर दसा ले कहूं जादा सहे के लइक होही।”

थके-हारे मनखेमन बर बिसराम

(लूका 10:21-22)

25ओतकीच बेरा यीसू ह कहिस, “हे ददा! स्‍वरग अऊ धरती के परभू! मेंह तोर इस्तुति करत हंव, काबरकि तेंह ए बात ला बुद्धिमान अऊ गियानी मनखेमन ले छिपाय रखय, पर एला छोटे लइकामन ऊपर उजागर करय। 26हव! ददा ए बात तोला बने लगिस।

27मोर ददा ह मोला जम्मो चीज ला सऊंप दे हवय। ददा के छोंड़ अऊ कोनो बेटा ला नइं जानंय, अऊ ददा ला कोनो नइं जानंय, सिरिप बेटा ह जानथे अऊ ओमन घलो जानथें, जऊन मन करा बेटा ह ओला उजागर करे चाहथे।

28हे जम्मो थके मांदे अऊ बोझ ले दबे मनखेमन, मोर करा आवव, मेंह तुमन ला बिसराम दूहूं। 29मोर जुआंड़ी ला अपन ऊपर रखव अऊ मोर ले सिखव, काबरकि मेंह सुभाव म दयालु अऊ नम्र अंव, अऊ तुमन अपन आतमा म बिसराम पाहू। 30काबरकि मोर जुआंड़ी ह सहज अऊ मोर बोझा ह हरू हवय।”

Persian Contemporary Bible

متی‌ٰ 11:1-30

سؤال يحيی از عيسی

1پس از آنكه عيسی اين احكام را به شاگردانش داد، از آنجا به شهرهای مجاور به راه افتاد تا در آنجا نيز مردم را تعليم دهد و موعظه كند.

2وقتی يحيی‌ٰ در زندان خبر معجزه‌های عيسی را شنيد، دو نفر از شاگردان خود را نزد او فرستاد تا از او بپرسند: 3«آيا تو همان مسيح موعود هستی، يا هنوز بايد منتظر آمدن او باشيم؟»

4عيسی در جواب ايشان فرمود: «نزد يحيی بازگرديد و آنچه ديديد و شنيديد، برای او بيان كنيد كه 5چگونه نابينايان بينا می‌شوند، لنگان راه می‌روند، جذامی‌ها شفا می‌يابند، ناشنوایان شنوا می‌گردند، مرده‌ها زنده می‌شوند و فقرا پيغام نجاتبخش خدا را می‌شنوند. 6سپس به او بگوييد: خوشا به حال كسی كه به من شک نكند.»

7وقتی شاگردان يحيی رفتند، عيسی دربارهٔ يحيی با مردم سخن گفت و فرمود: «آن مرد كه برای ديدنش به بيابان يهوديه رفته بوديد، كه بود؟ آيا مردی بود سست چون علف، كه از هر وزش بادی می‌لرزيد؟ 8آيا مردی بود با لباسهای گرانبها؟ كسانی كه لباسهای گرانبها می‌پوشند در قصرها زندگی می‌كنند، نه در بيابان. 9آيا رفته بوديد پيامبری را ببينيد؟ بلی، به شما می‌گويم كه يحيی از يک پيامبر نيز بزرگتر است. 10او همان كسی است كه كتاب آسمانی درباره‌اش می‌فرمايد: من رسول خود را پيش از تو می‌فرستم تا راه را برايت باز كند.

11«مطمئن باشيد در جهان تا به حال كسی بزرگتر از يحيی نبوده است؛ با وجود اين، كوچكترين شخص در ملكوت خدا از او بزرگتر است. 12از وقتی كه يحيی به موعظه كردن و غُسل تعميد دادن شروع كرد تا به حال، ملكوت خداوندی رو به گسترش است و مردان زورآور آن را مورد هجوم قرار می‌دهند. 13تمام نوشته‌های تورات و پيامبران پيش از يحيی، از چيزهايی خبر می‌دادند كه می‌بايست بعداً اتفاق بيفتد. 14اگر بتوانيد حقيقت را قبول كنيد، بايد بگويم كه يحيی همان الياس نبی است كه كتاب آسمانی می‌گويد می‌بايست بيايد. 15گوشهايتان را خوب باز كنيد و به آنچه می‌گويم توجه كنيد.

16«و اما به اين مردم چه بگويم؟ مانند كودكانی هستند كه در كوچه‌ها به هنگام بازی، با بی‌حوصلگی به همبازيهای خود می‌گويند: 17”نه به ساز ما می‌رقصيد، و نه به نوحهٔ ما گريه می‌كنيد.“ 18زيرا دربارهٔ يحيی كه لب به شراب نمی‌زد و اغلب روزه‌دار بود، می‌گوييد: ”ديوانه است.“ 19اما به من كه می‌خورم و می‌نوشم ايراد می‌گيريد كه پرخور و ميگسار و همنشين بدكاران و گناهكاران است. اگر عاقل بوديد چنين نمی‌گفتيد و می‌فهميديد چرا او چنان می‌كرد و من چنين.»

سزای بی‌ايمانی

20آنگاه عيسی شروع كرد به توبيخ مردم شهرهايی كه بيشتر معجزاتش را در آنجا انجام داده بود، ولی ايشان به سوی خدا بازگشت نكرده بودند. او فرمود:

21«وای بر تو ای خورزين و وای بر تو ای بيت‌صيدا! اگر معجزه‌هايی كه من در كوچه و بازار شما انجام دادم، در صور و صيدون فاسد انجام می‌دادم، اهالی آنجا مدتها قبل، از روی خجالت و پشيمانی پلاس‌پوش و خاكسترنشين می‌شدند و توبه می‌كردند. 22مطمئن باشيد عاقبتِ صور و صيدون در روز قيامت خيلی بهتر از شما خواهد بود. 23ای كَفَرناحوم كه سر به آسمان كشيده‌ای، عاقبت به جهنم سرنگون خواهی شد چون اگر معجزاتی كه من در تو كردم، در سدوم می‌كردم، آن شهر تا به حال باقی مانده بود. 24مطمئن باش عاقبتِ سدوم در روز قيامت بهتر از تو خواهد بود.»

«بياييد نزد من»

25در اين هنگام عيسی دعا كرد: «ای پدر، مالک آسمان و زمين، شكرت می‌كنم كه حقيقت را از كسانی كه خود را دانا می‌پندارند پنهان ساختی و آن را به كسانی كه همچون كودكانْ ساده‌دلند، آشكار نمودی. 26بلی ای پدر، خواست تو چنين بود.

27«پدر آسمانی همه چيز را به دست من سپرده است. فقط پدر آسمانی است كه پسرش را می‌شناسد و همينطور پدر آسمانی را فقط پسرش می‌شناسد و كسانی كه پسر بخواهد او را به ايشان بشناساند. 28ای تمام كسانی كه زير يوغ سنگين زحمت می‌كشيد، نزد من آييد و من به شما آرامش خواهم داد. 29‏-30يوغ مرا به دوش بكشيد و بگذاريد من شما را تعليم دهم، چون من مهربان و فروتن هستم، و به جانهای شما راحتی خواهم بخشيد. زيرا باری كه من بر دوش شما می‌گذارم، سبک است.»