प्रेरितमन के काम 13 – NCA & HCV

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

प्रेरितमन के काम 13:1-52

बरनबास अऊ साऊल के पठोय जवई

1अंताकिया के कलीसिया म कुछू अगमजानी अऊ गुरू मन रहंय, जेमन के नांव रिहिस – बरनबास, सिमोन जऊन ला नीगर कहे जाथे, कुरेन के रहइया लूकियुस, मनाहेम (जऊन ह हेरोदेस राजपाल के संग पले बढ़े रिहिस), अऊ साऊल। 2जब ओमन उपास अऊ परभू के अराधना करत रहंय, त पबितर आतमा ह कहिस, “मोर बर बरनबास अऊ साऊल ला ओ काम बर अलग करव, जेकर बर मेंह ओमन ला चुने हवंव।” 3तब ओमन उपास अऊ पराथना करिन, अऊ बरनबास अऊ साऊल ऊपर अपन हांथ रखके ओमन ला बिदा करिन।

कुपरूस दीप म बरनबास अऊ साऊल परचार करथें

4पबितर आतमा के पठोय बरनबास अऊ साऊल सिलूकिया म गीन अऊ उहां ले ओमन पानी जहाज म चघके साइप्रस दीप चल दीन। 5जब ओमन सलमीस सहर म हबरिन, त उहां परमेसर के बचन ला यहूदीमन के सभा घर म सुनाईन। यूहन्ना ह ओमन के संग म एक सहायक के रूप म रहय।

6ओ जम्मो दीप म ले होवत ओमन पाफुस सहर आईन। उहां ओमन ला बार-यीसू नांव के एक यहूदी टोनहा अऊ लबरा अगमजानी मिलिस। 7ओह दीप के राजपाल सिरगियुस पौलुस के सेवक रिहिस। सिरगियुस ह एक बुद्धिमान मनखे रहय। ओह बरनबास अऊ साऊल ला अपन करा बलाईस काबरकि ओह परमेसर के बचन सुने चाहत रिहिस। 8पर बार-यीसू जऊन ला यूनानी भासा म इलीमास टोनहा कहे जावय, ओमन के बिरोध करिस अऊ राजपाल सिरगियुस ला बिसवास करे ले रोके के कोसिस करिस। 9तब साऊल जेकर नांव पौलुस घलो अय, पबितर आतमा ले भरके इलीमास ला एकटक देखिस अऊ कहिस, 10“तेंह सैतान के संतान अस अऊ जम्मो बने चीज के बईरी अस। तेंह जम्मो किसम के कपट अऊ धोखा ले भरे हवस। का तेंह परभू के सीधा रसता ला टेढ़ा करे बर कभू नइं छोड़स? 11अब परभू के हांथ ह तोर बिरोध म उठे हवय। तेंह अंधरा हो जाबे अऊ कुछू समय तक सूरज के अंजोर ला नइं देख सकबे।”

तुरते ओकर आंखी म धुंध अऊ अंधियार छा गे, अऊ ओह एती-ओती टमड़े लगिस कि कोनो ओकर हांथ ला धरके ओला ले जावंय। 12जब राजपाल ह ए घटना ला देखिस, त ओह मसीह ऊपर बिसवास करिस, काबरकि ओह परभू के बारे म उपदेस सुनके चकित हो गे रिहिस।

पिसिदिया प्रदेस के अंताकिया म

13पौलुस अऊ ओकर संगीमन पाफुस ले पानी जहाज खोलके पंफूलिया प्रदेस के पिरगा म आईन, जिहां यूहन्ना ओमन ला छोड़के यरूसलेम लहुंट गीस। 14ओमन पिरगा ले आघू बढ़िन अऊ पिसिदिया प्रदेस के अंताकिया सहर म आईन। बिसराम के दिन, ओमन सभा के घर म जाके बईठिन। 15मूसा के कानून के किताब अऊ अगमजानीमन के किताब म ले पढ़े के बाद, सभा घर के अधिकारीमन ओमन करा ए संदेस पठोईन, “हे भाईमन, यदि तुम्‍हर करा मनखेमन बर कोनो उत्साह के संदेस हवय, त सुनावव।”

16तब पौलुस ह ठाढ़ होईस अऊ हांथ ले इसारा करके कहिस, “हे इसरायली अऊ परमेसर के भक्त – आनजात के मनखेमन, मोर सुनव! 17इसरायली मनखेमन के परमेसर ह हमर पुरखामन ला चुनिस अऊ जब ओमन मिसर देस म परदेसी के सहीं रहत रिहिन, त ओमन ला बढ़ाईस अऊ अपन अपार सामरथ ले ओमन ला ओ देस ले बाहिर निकार लानिस। 18अऊ चालीस साल तक निरजन जगह म ओमन के गलत बरताव ला सहते रिहिस। 19ओह कनान देस म सात ठन जात के मनखेमन ला उखान फेंकिस अऊ ओमन के जमीन ला अपन मनखेमन के अधिकार म दे दीस। ए जम्मो काम म लगभग 450 साल लगिस।

20एकर बाद, सामुएल अगमजानी के आवत तक, परमेसर ह ओमन के बीच म नियाय करइया मनखेमन ला ठहराईस। 21तब ओमन अपन बर एक राजा मांगिन। परमेसर ह साऊल ला राजा ठहराईस, जऊन ह बिन्यामीन के गोत्र म ले कीस के बेटा रिहिस। ओह चालीस साल तक राज करिस। 22साऊल ला हटाय के बाद, ओह दाऊद ला ओमन के राजा बनाईस। दाऊद के बारे म परमेसर ह ए गवाही दीस: ‘मोला एक मनखे, यिसै के बेटा दाऊद मोर मन के मुताबिक मिल गे हवय। ओह ओ जम्मो काम करही, जऊन ला मेंह चाहथंव।’

23ओही दाऊद के बंस म ले परमेसर ह अपन परतिगियां के मुताबिक इसरायली मनखेमन बर उद्धार करइया यीसू ला पठोईस। 24यीसू के आय के पहिली यूहन्ना ह जम्मो इसरायली मनखेमन ला मन फिराय अऊ बतिसमा के परचार करिस। 25जब यूहन्ना ह अपन काम पूरा करइया रिहिस, त ओह कहिस, ‘तुमन मोला कोन ए समझत हव? मेंह ओ नो हंव जऊन ला परमेसर ह पठोय के परतिगियां करे हवय। पर मोर बाद, ओह आवत हवय, जेकर गोड़ के पनही घलो खोले के काबिल मेंह नो हंव।’

26हे भाईमन हो! अब्राहम के संतान अऊ परमेसर ले डरइया आनजातमन, हमर करा ए उद्धार के संदेस पठोय गे हवय। 27यरूसलेम के मनखे अऊ ओकर अधिकारीमन यीसू ला नइं चिनहिन अऊ न ही ओमन अगमजानीमन के बचन ला समझिन, जऊन ह हर बिसराम के दिन पढ़े जाथे। एकरसेति ओमन यीसू ला दोसी ठहराके ओ बातमन ला पूरा करिन। 28हालाकि ओमन मार डारे जाय के लइक कोनो दोस ओम नइं पाईन, तभो ले ओमन पीलातुस ले मांग करिन कि ओह मार डारे जावय। 29जब ओमन ओकर बारे म लिखे जम्मो बात ला पूरा कर लीन, तब ओला कुरुस ले उतारके एक कबर म रखिन। 30पर परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस। 31अऊ ओह ओमन ला जऊन मन ओकर संग गलील ले यरूसलेम आय रिहिन, बहुंत दिन तक देखाई देवत रिहिस। ओमन अब हमर मनखेमन के आघू म ओकर गवाह अंय।

32हमन तुमन ला सुघर संदेस सुनावत हवन, जेकर वायदा परमेसर ह हमर पुरखामन ले करे रिहिस। 33परमेसर ह यीसू ला जियाके, ओ वायदा ला अपन संतान (हमर) बर पूरा करिस। जइसने कि भजन दू म लिखे हवय:

‘तेंह मोर बेटा अस;

आज मेंह तोर ददा बन गे हवंव।’13:33 भजन-संहिता 2:7

34परमेसर ह ओला मरे म ले जियाईस ताकि ओह कभू झन सड़य; ए बात ला बचन म अइसने कहे गे हवय:

‘तोला पबितर अऊ अटल आसिस दूहूं, जेकर वायदा मेंह दाऊद ले करे रहेंव।’13:34 यसायाह 55:3

35ओह भजन के एक अऊ जगह म घलो अइसने कहिस:

‘तेंह अपन पबितर जन ला कभू सड़न नइं देबे।’

36दाऊद ह अपन समय म परमेसर के ईछा मुताबिक सेवा करिस अऊ ओह मर गीस। ओला ओकर पुरखामन के संग माटी दिये गीस अऊ ओकर देहें ह सड़ गीस। 37पर जऊन ला परमेसर ह मरे म ले जियाईस, ओह सड़े नइं पाईस।

38एकरसेति हे मोर भाईमन! मेंह चाहत हंव कि तुमन जान लेवव कि यीसू के दुवारा पाप के छेमा के संदेस तुमन ला दिये जावत हवय। 39जऊन बातमन ले तुमन मूसा के कानून के दुवारा निरदोस नइं हो सकत रहेव, ओ जम्मो बातमन ले हर एक झन ओम बिसवास करे के दुवारा निरदोस ठहरथे। 40एकरसेति सचेत रहव कि जऊन बात ला अगमजानीमन कहे हवंय, ओह तुम्‍हर ऊपर झन आ पड़य:

41‘हे निन्दा करइयामन! देखव!

चकित होवव अऊ मिट जावव,

काबरकि मेंह तुम्हरे समय म कुछू करे बर जावत हंव, अइसने काम कि यदि ओकर बारे म कोनो तुमन ला बताही,

तभो ले तुमन बिसवास कभू नइं करहू।’13:41 हबक्कूक 1:5

42जब पौलुस अऊ बरनबास सभा के घर ले निकरके बाहिर जावत रिहिन, त मनखेमन ओमन ले बिनती करिन कि अवइया बिसराम के दिन हमन ला एकर बारे म अऊ बतावव। 43जब सभा ह उसल गीस, त बहुंते यहूदीमन अऊ यहूदी मत म आय भक्तमन पौलुस अऊ बरनबास के पाछू हो लीन। ओ दूनों ओमन ले बात करके ओमन ला उत्साहित करिन कि ओमन परमेसर के मया अऊ दया म बिसवास करते रहंय।

44ओकर आने बिसराम के दिन लगभग जम्मो सहर के मनखेमन परमेसर के बचन सुने बर जुर गीन। 45जब यहूदीमन मनखे के भीड़ ला देखिन, त जलन ले भर उठिन अऊ ओमन पौलुस के बात के बिरोध करके ओकर बेजत्ती करिन।

46तब पौलुस अऊ बरनबास निडर होके ओमन ला कहिन, “हमन के दुवारा पहिली परमेसर के बचन तुमन ला सुनाना जरूरी रिहिस, पर तुमन ओला गरहन नइं करेव अऊ अपनआप ला परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी के काबिल नइं समझेव। एकरसेति, हमन आनजातमन कोति जावत हन। 47काबरकि परभू ह हमन ला ए हुकूम दे हवय,

‘मेंह तोला आनजातमन बर एक अंजोर ठहराय हवंव

ताकि तेंह जम्मो संसार बर उद्धार के रसता बन।’13:47 यसायाह 49:6

48जब आनजातमन एला सुनिन, त ओमन खुस होईन अऊ परभू के बचन के महिमा करिन अऊ जतेक मनखेमन परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी बर चुने गे रिहिन, ओमन बिसवास करिन।

49परभू के बचन ह ओ जम्मो प्रदेस म फइल गीस। 50पर यहूदीमन, बड़े घराना के परमेसर ले डरइया माईलोगन ला अऊ सहर के बड़े मनखेमन ला भड़काईन, अऊ ओमन पौलुस अऊ बरनबास के बिरोध म उपद्रव करवाके ओमन ला अपन प्रदेस ले निकार दीन। 51एकरसेति पौलुस अऊ बरनबास ओमन के बिरोध के रूप म अपन गोड़ के धूर्रा ला झर्रा के इकुनियुम सहर चल दीन। 52अऊ चेलामन आनंद अऊ पबितर आतमा ले भरपूर होवत गीन।

Hindi Contemporary Version

प्रेरितों 13:1-52

1अंतियोख़ नगर की कलीसिया में अनेक भविष्यवक्ता और शिक्षक थे: बारनबास, शिमओन, जिनका उपनाम निगेर भी था, कुरेनी लुकियॉस, मनायेन, (जिसका पालन पोषण राज्य के चौथाई भाग के राजा हेरोदेस के साथ हुआ था) तथा शाऊल. 2जब ये लोग प्रभु की आराधना और उपवास कर रहे थे, पवित्र आत्मा ने उनसे कहा, “बारनबास तथा शाऊल को उस सेवा के लिए समर्पित करो, जिसके लिए मैंने उनको बुलाया है.” 3इसलिये जब वे उपवास और प्रार्थना कर चुके, उन्होंने बारनबास तथा शाऊल पर हाथ रखे और उन्हें इस सेवा के लिए भेज दिया.

सैप्रस में

4पवित्र आत्मा द्वारा भेजे गए वे सेल्युकिया नगर गए तथा वहां से जलमार्ग से सैप्रस गए. 5वहां से सालामिस नगर पहुंचकर उन्होंने यहूदियों के सभागृह में परमेश्वर के संदेश का प्रचार किया. सहायक के रूप में योहन भी उनके साथ थे.

6जब वे सारे द्वीप को घूमकर पाफ़ॉस नगर पहुंचे, जहां उनकी भेंट बार-येशु नामक एक यहूदी व्यक्ति से हुई, जो जादूगर तथा झूठा भविष्यवक्ता था. 7वह राज्यपाल सेरगियॉस पौलॉस का सहयोगी था. सेरगियॉस पौलॉस बुद्धिमान व्यक्ति था. उसने बारनबास तथा शाऊल को बुलवाकर उनसे परमेश्वर के वचन को सुनने की अभिलाषा व्यक्त की 8किंतु जादूगर एलिमॉस—जिसके नाम का ही अर्थ है जादूगर—उनका विरोध करता रहा. उसका प्रयास था राज्यपाल को परमेश्वर के वचन में विश्वास करने से रोकना, 9किंतु शाऊल ने, जिन्हें पौलॉस नाम से भी जाना जाता है, पवित्र आत्मा से भरकर उसे एकटक देखते हुए कहा, 10“हे, सारे छल और कपट से ओत-प्रोत शैतान के कपूत! सारे धर्म के बैरी! क्या तू प्रभु की सच्चाई को भ्रष्‍ट करने के प्रयासों को नहीं छोड़ेगा? 11देख ले, तुझ पर प्रभु का प्रहार हुआ है. तू अंधा हो जाएगा और कुछ समय के लिए सूर्य की रोशनी न देख सकेगा.”

उसी क्षण उस पर धुंधलापन और अंधकार छा गया. वह यहां वहां टटोलने लगा कि कोई हाथ पकड़कर उसकी सहायता करे. 12इस घटना को देख राज्यपाल ने प्रभु में विश्वास किया, क्योंकि प्रभु की शिक्षाओं ने उसे चकित कर दिया था.

पिसिदिया प्रदेश के अंतियोख़ में पौलॉस

13पौलॉस और उनके साथियों ने पाफ़ॉस नगर से समुद्री यात्रा शुरू की और वे पम्फ़ूलिया प्रदेश के पेरगे नगर में जा पहुंचे. योहन उन्हें वहीं छोड़कर येरूशलेम लौट गए. 14तब वे पेरगे से होते हुए पिसिदिया प्रदेश के अंतियोख़ नगर पहुंचे और शब्बाथ पर यहूदी सभागृह में जाकर बैठ गए. 15जब व्यवस्था तथा भविष्यद्वक्ताओं के ग्रंथों का पढ़ना समाप्‍त हो चुका, सभागृह के अधिकारियों ने उनसे कहा, “प्रियजन, यदि आप में से किसी के पास लोगों के प्रोत्साहन के लिए कोई वचन है तो कृपा कर वह उसे यहां प्रस्तुत करे.”

16इस पर पौलॉस ने हाथ से संकेत करते हुए खड़े होकर कहा. “इस्राएली वासियों तथा परमेश्वर के श्रद्धालुओ, सुनो! 17इस्राएल के परमेश्वर ने हमारे पूर्वजों को चुना तथा मिस्र देश में उनके घर की अवधि में उन्हें एक फलवंत राष्ट्र बनाया और प्रभु ही अपने बाहुबल से उन्हें उस देश से बाहर निकाल लाए; 18इसके बाद बंजर भूमि में वह लगभग चालीस वर्ष तक उनके प्रति सहनशील बने रहे 19और उन्होंने कनान देश की सात जातियों को नाश कर उनकी भूमि अपने लोगों को मीरास में दे दी. 20इस सारी प्रक्रिया में लगभग चार सौ पचास वर्ष लगे.

“इसके बाद परमेश्वर उनके लिए भविष्यवक्ता शमुएल के आने तक न्यायाधीश ठहराते रहे. 21फिर इस्राएल ने अपने लिए राजा की विनती की. इसलिये परमेश्वर ने उन्हें बिन्यामिन के वंश से कीश का पुत्र शाऊल दे दिया, जो चालीस वर्ष तक उनका राजा रहा. 22परमेश्वर ने शाऊल को पद से हटाकर उसके स्थान पर दावीद को राजा बनाया जिनके विषय में उन्होंने स्वयं कहा था कि यिशै का पुत्र दावीद मेरे मन के अनुसार व्यक्ति है. वही मेरी सारी इच्छा पूरी करेगा.

23“उन्हीं के वंश से, अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार, परमेश्वर ने इस्राएल के लिए एक उद्धारकर्ता मसीह येशु की उत्पत्ति की. 24मसीह येशु के आने के पहले योहन ने सारी इस्राएली प्रजा में पश्चाताप के बपतिस्मा का प्रचार किया. 25अपनी तय की हुई सेवा का कार्य पूरा करते हुए योहन घोषणा करते रहे, ‘क्या है मेरे विषय में आपका विश्वास? मैं वह नहीं हूं. यह समझ लीजिए: मेरे बाद एक आ रहे हैं. मैं जिनकी जूती का बंध खोलने योग्य तक नहीं हूं.’

26“अब्राहाम की संतान, मेरे प्रियजन तथा आपके बीच, जो परमेश्वर के श्रद्धालु हैं, सुनें कि यही उद्धार का संदेश हमारे लिए भेजा गया है. 27येरूशलेम वासियों तथा उनके शासकों ने न तो मसीह येशु को पहचाना और न ही भविष्यद्वक्ताओं की आवाज को, जिनका पढ़ना हर एक शब्बाथ पर किया जाता है और जिनकी पूर्ति उन्होंने मसीह को दंड देकर की, 28हालांकि उन्हें मार डालने का उनके सामने कोई भी आधार नहीं था—उन्होंने पिलातॉस से उनके मृत्यु दंड की मांग की. 29जब उनके विषय में की गई सारी भविष्यवाणियों को वे लोग पूरा कर चुके, उन्हें क्रूस से उतारकर कब्र की गुफ़ा में रख दिया गया 30किंतु परमेश्वर ने उन्हें मरे हुओं में से जीवित कर दिया. 31अनेक दिन तक वह स्वयं को उनके सामने साक्षात प्रकट करते रहे, जो उनके साथ गलील प्रदेश से येरूशलेम आए हुए थे और जो आज तक इन लोगों के सामने उनके गवाह हैं.

32“हम आपके सामने हमारे पूर्वजों से की गई प्रतिज्ञा का ईश्वरीय सुसमाचार ला रहे हैं 33कि परमेश्वर ने हमारी संतान के लिए मसीह येशु को मरे हुओं में से जीवित कर अपनी इस प्रतिज्ञा को पूरा कर दिया है—जैसा कि भजन संहिता दो में लिखा है:

“ ‘तुम मेरे पुत्र हो;

आज मैं तुम्हारा पिता बन गया हूं.’13:33 स्तोत्र 2:7

34परमेश्वर ने उन्हें कभी न सड़ने के लिए मरे हुओं में से जीवित किया. यह सच्चाई इन शब्दों में बयान की गई है,

“ ‘मैं तुम्हें दावीद की पवित्र तथा अटल आशीषें प्रदान करूंगा.’13:34 यशा 55:3

35एक अन्य भजन में कहा गया है:

“ ‘आप अपने पवित्र जन को सड़ने न देंगे.’13:35 स्तोत्र 16:10

36“दावीद अपने जीवनकाल में परमेश्वर के उद्देश्य को पूरा करके हमेशा के लिए सो गए और अपने पूर्वजों में मिल गए और उनका शरीर सड़ भी गया. 37किंतु वह, जिन्हें परमेश्वर ने मरे हुओं में से जीवित किया, सड़ने नहीं पाया.

38-39“इसलिये प्रियजन, सही यह है कि आप यह समझ लें कि आपके लिए इन्हीं के द्वारा पाप क्षमा की घोषणा की जाती है. इन पापों से मुक्त करके धर्मी घोषित करने में मोशेह की व्यवस्था हमेशा असफल रही है. हर एक, जो विश्वास करता है, वह सभी पापों से मुक्त किया जाता है. 40इसलिये इस विषय में सावधान रहो कि कहीं भविष्यद्वक्ताओं का यह कथन तुम पर लागू न हो जाए:

41“ ‘अरे ओ निंदा करनेवालों!

देखो, चकित हो और मर मिटो!

क्योंकि मैं तुम्हारे सामने कुछ ऐसा करने पर हूं

जिस पर तुम कभी विश्वास न करोगे,

हां, किसी के द्वारा स्पष्ट करने पर भी नहीं.’ ”13:41 हब 1:5

42जब पौलॉस और बारनबास यहूदी सभागृह से बाहर निकल रहे थे, लोगों ने उनसे विनती की कि वे आनेवाले शब्बाथ पर भी इसी विषय पर आगे प्रवचन दें. 43जब सभा समाप्‍त हुई अनेक यहूदी और यहूदी मत में से आए हुए नए विश्वासी पौलॉस तथा बारनबास के साथ हो लिए. पौलॉस तथा बारनबास ने उनसे परमेश्वर के अनुग्रह में स्थिर रहने की विनती की.

44अगले शब्बाथ पर लगभग सारा नगर परमेश्वर का वचन सुनने के लिए उमड़ पड़ा. 45उस बड़ी भीड़ को देख यहूदी जलन से भर गए तथा पौलॉस द्वारा पेश किए गए विचारों का विरोध करते हुए उनकी घोर निंदा करने लगे.

46किंतु पौलॉस तथा बारनबास ने निडरता से कहा: “यह ज़रूरी था कि परमेश्वर का वचन सबसे पहले आपके सामने स्पष्ट किया जाता. अब, जबकि आप लोगों ने इसे नकार दिया है और यह करते हुए स्वयं को अनंत जीवन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है, हम अपना ध्यान अब गैर-यहूदियों की ओर केंद्रित करेंगे, 47क्योंकि हमारे लिए परमेश्वर की आज्ञा है:

“ ‘मैंने तुमको गैर-यहूदियों के लिए एक ज्योति के रूप में चुना है,

कि तुम्हारे द्वारा सारी पृथ्वी पर उद्धार लाया जाए.’ ”13:47 यशा 49:6

48यह सुनकर गैर-यहूदी आनंद में प्रभु के वचन की प्रशंसा करने लगे तथा अनंत जीवन के लिए पहले से ठहराए गए सुननेवालों ने इस पर विश्वास किया.

49सारे क्षेत्र में प्रभु का वचन-संदेश फैलता चला गया. 50किंतु यहूदी अगुओं ने नगर की भली, श्रद्धालु स्त्रियों तथा ऊंचे पद पर बैठे व्यक्तियों को भड़का दिया और पौलॉस और बारनबास के विरुद्ध उपद्रव करवा कर उन्हें अपने क्षेत्र की सीमा से निकाल दिया. 51पौलॉस और बारनबास उनके प्रति विरोध प्रकट करते हुए अपने पैरों की धूलि झाड़ते हुए इकोनियॉन नगर की ओर चले गए. 52प्रभु के शिष्य आनंद और पवित्र आत्मा से भरते चले गए.