दरसन 8 – New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) NCA

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

दरसन 8:1-13

सातवां मुहर अऊ सोन के धूपदान

1जब मेढ़ा-पीला ह सातवां मुहर ला टोरिस, त करीब आधा घंटा तक स्‍वरग म सन्नाटा छा गीस। 2तब मेंह ओ सात स्वरगदूतमन ला देखेंव जऊन मन परमेसर के आघू म ठाढ़े रहिथें। ओमन ला सात ठन तुरही दिये गीस।

3तब एक आने स्‍वरगदूत, जऊन ह सोन के धूपदान धरे रहय, आईस अऊ बेदी करा ठाढ़ हो गीस। ओला अब्‍बड़ अकन धूप दिये गीस कि ओह ओला जम्मो पबितर मनखेमन के पराथना के संग सिंघासन के आघू म सोन के बेदी ऊपर चघावय। 4अऊ स्‍वरगदूत के हांथ ले धूप के धुआं ह पबितर मनखेमन के पराथना के संग ऊपर उठिस अऊ परमेसर के आघू म हबरिस। 5तब स्‍वरगदूत ह धूपदान ला लीस अऊ ओला बेदी के आगी ले भरिस अऊ ओला धरती ऊपर फटिक दीस, त बादर के गरजन, अवाज, बिजली के कड़क अऊ भुइंडोल होईस।

तुरहीमन

6तब ओ सात स्‍वरगदूत, जेमन करा सात ठन तुरही रिहिस, अपन-अपन तुरही ला फूंके के तियारी करिन।

7पहिली स्‍वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकिस, त लहू म मिले करा अऊ आगी आईस अऊ एला धरती ऊपर डारे गीस। एम एक तिहाई धरती ह जर गीस; एक तिहाई रूखमन जर गीन अऊ जम्मो हरिहर कांदी घलो जर गीस।

8दूसरा स्‍वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकिस, त आगी म जरत एक बड़े पहाड़ सहीं चीज ला समुंदर म फटिके गीस; 9अऊ एक तिहाई पानी ह लहू हो गीस, समुंदर के एक तिहाई जीयत परानीमन मर गीन अऊ एक तिहाई पानी जहाजमन नास हो गीन।

10तब तीसरा स्‍वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकिस, त मसाल के सहीं बरत एक बड़े तारा ह अकास ले एक तिहाई नदीमन ऊपर अऊ पानी के सोता ऊपर गिरिस। 11ओ तारा के नांव नागदऊना ए। अऊ धरती के एक तिहाई पानी ह करू हो गीस, अऊ ओ करू पानी ला पीके कतको मनखेमन मर गीन8:11 “नागदऊना” एक पौधा ए। एकर पान के रस ह करू रहिथे।

12तब चौथा स्‍वरगदूत ह अपन तुरही ला फूंकिस, त एक तिहाई सूरज अऊ एक तिहाई चंदा अऊ एक तिहाई तारामन ऊपर बिपत पड़िस, जेकर ले ओमन के एक तिहाई भाग ह अंधियार हो गीस अऊ दिन के एक तिहाई भाग म अंजोर नइं होईस अऊ रात के एक तिहाई भाग म घलो अंजोर नइं होईस।

13तब मेंह देखेंव अऊ सुनेंव कि ऊंच अकास म उड़त एक गिधवा ह ऊंचहा अवाज म ए कहत रहय, “बाकि बचे तीन स्वरगदूतमन जऊन तुरही फूंकइया हवंय, ओकर कारन धरती के रहइयामन ऊपर हाय! हाय! हाय!”