दरसन 21 – New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) NCA

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

दरसन 21:1-27

नवां यरूसलेम

1तब मेंह एक “नवां अकास अऊ एक नवां धरती”21:1 यसायाह 65:17 देखेंव। पहिली अकास अऊ पहिली धरती दूनों लोप हो गे रिहिन, अऊ कोनो समुंदर घलो नइं रिहिस। 2अऊ मेंह पबितर सहर नवां यरूसलेम ला परमेसर के इहां ले स्‍वरग ले उतरत देखेंव। ओह अपन घरवाला खातिर दुल्हिन के सहीं सुघर सजे रहय। 3अऊ मेंह सिंघासन ले ऊंचहा अवाज म, ए कहत सुनेंव, “देखव! अब परमेसर के निवास मनखेमन के बीच हवय, अऊ ओह ओमन के संग रहिही। ओमन ओकर मनखे होहीं, अऊ परमेसर ह खुद ओमन के संग रहिही। 4ओह ओमन के आंखी के जम्मो आंसू ला पोंछही। उहां न मिरतू होही, न कोनो सोक मनाही या रोही, अऊ न ही कोनो ला कोनो किसम के पीरा होही, काबरकि पुराना बातमन खतम हो गे हवंय।”

5जऊन ह सिंघासन म बिराजे रिहिस ओह कहिस, “मेंह हर एक चीज ला नवां बनावत हवंव।” तब ओह कहिस, “एला लिख ले, काबरकि ए बात ह बिसवास लइक अऊ सत ए।”

6ओह मोला कहिस, “एह पूरा होईस। मेंह अलफा अऊ ओमेगा, आदि अऊ अंत अंव। जऊन ह पियासा हवय, ओला मेंह जिनगी के पानी के सोता म ले मुफत म पीये बर दूहूं। 7जऊन ह जय पाही, ओला ए जम्मो चीज मिलही, अऊ मेंह ओकर परमेसर होहूं, अऊ ओह मोर बेटा होही। 8पर डरपोक, अबिसवासी, दुस्‍ट, हतियारा, छिनारी करइया, जादू-टोनहा करइया, मूरती पूजा करइया अऊ जम्मो लबरामन ओ कुन्‍ड म जगह पाहीं, जऊन ह आगी अऊ गंधक ले धधकत हवय। एह दूसरा मिरतू ए।”

9तब ओ सात स्वरगदूतमन, जेमन करा सात ठन आखिरी महामारी ले भरे सात ठन कटोरा रहय, ओम ले एक झन मोर करा आईस अऊ कहिस, “आ, मेंह तोला दुल्हिन याने कि मेढ़ा-पीला के घरवाली ला देखाहूं।” 10ओ स्‍वरगदूत ह आतमा के सामरथ ले मोला एक बड़े अऊ ऊंच पहाड़ ऊपर ले गीस, अऊ ओ पबितर सहर – यरूसलेम ला देखाईस, जऊन ह स्‍वरग ले परमेसर के इहां ले उतरत रहय। 11ओह परमेसर के महिमा ले चमकत रहय अऊ ओकर चमक ह एक बहुंत महंगा पथरा – मनी सहीं एकदम साफ रहय। 12ओकर चारों कोति एक बड़े अऊ ऊंच दिवाल रहय। दिवाल म बारह ठन कपाट रहय अऊ ए कपाटमन म बारह झन स्‍वरगदूत ठाढ़े रहंय। ए कपाटमन म इसरायल के बारह गोत्र के नांव लिखाय रहय – हर कपाट म एक नांव। 13पूरब म तीन, उत्तर म तीन, दक्खिन म तीन अऊ पछिम म तीन कपाट रिहिन। 14सहर के दिवाल के बारह ठन नींव के पथरा रहय अऊ ओमन म मेढ़ा-पीला के बारह प्रेरितमन के नांव लिखाय रहय – हर पथरा म एक नांव।

15जऊन स्‍वरगदूत ह मोर ले गोठियावत रिहिस, ओकर करा सहर, ओकर कपाट अऊ दिवाल ला नापे बर नापे के सोन के एक छड़ रहय। 16ओ सहर ह चौखट्टा आकार म बसे रिहिस। ओकर लम्‍बई ह ओकर चौड़ई के बरोबर रहय। स्‍वरगदूत ह सहर ला सोन के छड़ म नापिस, त ओह करीब दू हजार दू सौ चालीस किलोमीटर निकरिस। ओकर लम्‍बई, चौड़ई अऊ ऊंचई बरोबर रिहिस। 17ओह सहर के दिवाल ला घलो नापिस। स्‍वरगदूत ह मनखे के नाप के हिसाब म नापिस, अऊ सहर के दिवाल के ऊंचई ह करीब 65 मीटर निकरिस। 18सहर के दिवाल ह मनी के बने रिहिस अऊ सहर ह चोखा सोना के बने रिहिस, जऊन ह कांच सहीं सुध रिहिस। 19सहर के दिवाल के नींव ह जम्मो किसम के कीमती पथरा ले सजे रहय। पहिली नींव ह मनी के रिहिस, दूसरा ह नीलम, तीसरा ह सुलेमानी, चौथा ह पन्ना, 20पांचवां ह गोमेदक, छठवां ह मानिक्‍य, सातवां ह पीतमनी, आठवां ह फिरोजा, नौवां ह पुखराज, दसवां ह लहसनिये, गियारहवां ह नगीना अऊ बारहवां ह नीलमनी के बने रिहिस। 21बारह कपाटमन बारह मोतीमन ले बने रिहिन। एक-एक कपाट ह एक-एक मोती के बने रिहिस। सहर के गली ह आर-पार दिखइया साफ कांच सहीं चोखा सोना के बने रिहिस।

22मेंह सहर म कोनो मंदिर नइं देखेंव, काबरकि सर्वसक्तिमान परभू परमेसर अऊ मेढ़ा-पीला एकर मंदिर अंय। 23अऊ सहर ला सूरज या चंदा के अंजोर के जरूरत नइं रिहिस, काबरकि परमेसर के महिमा ओला अंजोर देवत रिहिस अऊ मेढ़ा-पीला ओकर दीया रिहिस। 24संसार के मनखेमन ओकर अंजोर म रेंगही अऊ संसार के राजामन ओम अपन सोभा लानहीं। 25ओ सहर के कपाटमन कभू बंद नइं होही, अऊ उहां कभू रात नइं होही। 26जम्मो देस के महिमा अऊ आदर ओम लाने जाही। 27कोनो असुध चीज कभू ओ सहर म घुसरे नइं पाही अऊ न ही ओ मनखे, जऊन ह लज्‍जा के काम करथे या धोखा देवइया काम करथे; पर सिरिप ओमन घुसरे पाहीं, जेमन के नांव मेढ़ा-पीला के जिनगी के किताब म लिखाय हवय।