يشوع 11 – NAV & HCV

Ketab El Hayat

يشوع 11:1-23

هزيمة ملوك الشمال

1وَمَا إِنْ سَمِعَ يَابِينُ مَلِكُ حَاصُورَ بِانْتِصَارَاتِ يَشُوعَ حَتَّى بَعَثَ بِدَعْوَاتٍ إِلَى يُوبَابَ مَلِكِ مَادُونَ وَإِلَى مَلِكِ شِمْرُونَ وَإِلَى مَلِكِ أَكْشَافَ، 2وَإِلَى مُلُوكِ الْجَبَلِ شِمَالًا وَمُلُوكِ وَادِي الأُرْدُنِّ جَنُوبِيَّ بُحَيْرَةِ الْجَلِيلِ، وَمُلُوكِ السَّهْلِ وَمُلُوكِ مُرْتَفَعَاتِ دُورٍ غَرْباً، 3وَإِلَى مُلُوكِ الْكَنْعَانِيِّينَ فِي الشَّرْقِ وَالْغَرْبِ، وَالأَمُورِيِّينَ وَالْحِثِّيِّينَ وَالْفِرِزِّيِّينَ وَالْيَبُوسِيِّينَ فِي إِقْلِيمِ الْجَبَلِ، وَالْحِوِّيِّينَ الْمُقِيمِينَ عَلَى سَفْحِ جَبَلِ حَرْمُونَ فِي أَرْضِ الْمِصْفَاةِ. 4فَاحْتَشَدُوا هُمْ وَجُيُوشُهُمُ الْغَفِيرَةُ وَخُيُولُهُمْ وَمَرْكَبَاتُهُمْ فَكَانُوا فِي كَثْرَتِهِمْ كَرَمْلِ الْبَحْرِ. 5وَالْتَقَى جَمِيعُ هَؤُلاءِ الْمُلُوكِ فِي مَوْعِدٍ مُحَدَّدٍ حَيْثُ خَيَّمُوا مَعاً عِنْدَ مِيَاهِ مَيْرُومَ لِمُحَارَبَةِ الإِسْرَائِيلِيِّينَ.

6فَقَالَ الرَّبُّ لِيَشُوعَ: «لا تَخْشَ مِنْهُمْ. غَداً فِي مِثْلِ هَذَا الْوَقْتِ أُهْلِكُهُمْ أَمَامَ إِسْرَائِيلَ، فَتُعَرْقِبُ خُيُولَهُمْ وَتُحْرِقُ مَرْكَبَاتِهِمْ بِالنَّارِ». 7فَجَاءَ يَشُوعُ وَجَمِيعُ جُنُودِهِ وَبَاغَتُوهُمْ عِنْدَ مِيَاهِ مَيْرُومَ وَهَجَمُوا عَلَيْهِمْ، 8فَأَسْلَمَهُمُ الرَّبُّ إِلَى يَدِ إِسْرَائِيلَ، فَضَرَبُوهُمْ وَطَارَدُوهُمْ شِمَالاً حَتَّى صِيدُونَ الْعَظِيمَةِ وَإِلَى مِسْرَفُوتَ مَايِمَ وَإِلَى وَادِي مِصْفَاةَ شَرْقاً، وَقَضَوْا عَلَيْهِمْ بِحَيْثُ لَمْ يُفْلِتْ مِنْهُمْ نَاجٍ. 9وَفَعَلَ بِهِمْ يَشُوعُ كَمَا أَمَرَهُ الرَّبُّ، فَعَرْقَبَ خُيُولَهُمْ وَأَحْرَقَ مَرْكَبَاتِهِمْ بِالنَّارِ.

10ثُمَّ رَجَعَ يَشُوعُ وَاسْتَوْلَى عَلَى حَاصُورَ وَقَتَلَ مَلِكَهَا بِالسَّيْفِ، لأَنَّ حَاصُورَ كَانَتْ قَبْلَ ذَلِكَ زَعِيمَةَ جَمِيعِ تِلْكَ الْمَمَالِكِ. 11وَقَضَوْا فِيهَا عَلَى كُلِّ نَسَمَةٍ بِحَدِّ السَّيْفِ، فَلَمْ يَبْقَ فِيهَا حَيٌّ، وَأَحْرَقُوهَا بِالنَّارِ. 12وَاسْتَوْلَى يَشُوعُ عَلَى كُلِّ مُدُنِ أَعْدَائِهِ وَقَضَى عَلَى مُلُوكِهَا بِحَدِّ السَّيْفِ كَمَا أَمَرَ مُوسَى عَبْدُ الرَّبِّ. 13غَيْرَ أَنَّهُ لَمْ يُحْرِقِ الْمُدُنَ الْقَائِمَةَ عَلَى التِّلالِ، إِلّا حَاصُورَ وَحْدَهَا الَّتِي أَضْرَمَ فِيهَا النَّارَ 14وَنَهَبَ الإِسْرَائِيلِيُّونَ لأَنْفُسِهِمْ كُلَّ غَنَائِمِ تِلْكَ الْمُدُنِ. أَمَّا الرِّجَالُ فَقَتَلُوهُمْ بِحَدِّ السَّيْفِ فَلَمْ يَبْقَ مِنْهُمْ حَيٌّ. 15كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ مُوسَى عَبْدَهُ هَكَذَا أَمَرَ مُوسَى يَشُوعَ، فَنَفَّذَ يَشُوعُ مَا عُهِدَ إِلَيْهِ بِهِ فَلَمْ يُغْفِلْ شَيْئاً مِنْ كُلِّ مَا أَمَرَ الرَّبُّ بِهِ مُوسَى. 16وَاسْتَوْلَى يَشُوعُ عَلَى كُلِّ الأَرَاضِي: إِقْلِيمِ الْجَبَلِ وَكُلِّ مِنْطَقَةِ الْجَنُوبِ وَسَائِرِ أَرْضِ جُوشِنَ وَالسَّهْلِ وَوَادِي الأُرْدُنِّ وَجَبَلِ إِسْرَائِيلَ وَسَهْلِهِ. 17فَأَصْبَحَتْ أَرْضُ إِسْرَائِيلَ تَمْتَدُّ مِنَ الْجَبَلِ الأَقْرَعِ بِاتِّجَاهِ أَرْضِ أَدُومَ فِي الْجَنُوبِ، إِلَى بَعْلِ جَادٍ شِمَالاً فِي وَادِي لُبْنَانَ عِنْدَ سَفْحِ حَرْمُونَ، وَأَسَرَ جَمِيعَ مُلُوكِهَا وَقَتَلَهُمْ. 18فَخَاضَ يَشُوعُ حَرْباً مَعَ أُولَئِكَ الْمُلُوكِ أَيَّاماً كَثِيرَةً. 19وَلَمْ تَعْقِدْ مَدِينَةٌ وَاحِدَةٌ صُلْحاً مَعَ الإِسْرَائِيلِيِّينَ إِلّا الْحِوِّيِّينَ سُكَّانَ جِبْعُونَ، إِنَّمَا اسْتَوْلَى الإِسْرَائِيلِيُّونَ عَلَى جَمِيعِ الْمُدُنِ بِالْحَرْبِ. 20لأَنَّ الرَّبَّ نَفْسَهُ هُوَ الَّذِي قَسَّى قُلُوبَهُمْ لِخَوْضِ الْحَرْبِ ضِدَّ إِسْرَائِيلَ، لِيُدَمِّرَهُمُ الإِسْرَائِيلِيُّونَ وَيُفْنُوهُمْ مِنْ غَيْرِ رَأْفَةٍ كَمَا أَمَرَ الرَّبُّ مُوسَى.

21وَهَاجَمَ يَشُوعُ الْعَنَاقِيِّينَ أَيْضاً وَأَبَادَهُمْ مِنَ الْجَبَلِ فِي حَبْرُونَ وَمِنْ دَبِيرَ وَمِنْ عَنَابَ وَمِنْ سَائِرِ جَبَلِ يَهُوذَا وَمِنْ جِبَالِ إِسْرَائِيلَ، فَقَضَى عَلَيْهِمْ وَدَمَّرَ مُدُنَهُمْ. 22فَلَمْ يَبْقَ مِنْهُمْ أَحَدٌ فِي أَرْضِ بَنِي إِسْرَائِيلَ سِوَى قِلَّةٍ لَجَأَتْ إِلَى غَزَّةَ وَجَتَّ وَأَشْدُودَ، 23فَاسْتَوْلَى يَشُوعُ عَلَى كُلِّ الأَرْضِ كَمَا وَعَدَ الرَّبُّ مُوسَى، وَوَهَبَهَا يَشُوعُ مِيرَاثاً لإِسْرَائِيلَ وَفْقاً لِطَوَائِفِهِمْ وَأَسْبَاطِهِمْ. وَأَخِيراً اسْتَرَاحَتِ الأَرْضُ مِنَ الْحَرْبِ.

Hindi Contemporary Version

यहोशू 11:1-23

उत्तरी फिलिस्तीन का अधिग्रहण

1जब हाज़ोर के राजा याबीन को यह बात मालूम पड़ी, उसने मादोन के राजा योबाब को, शिम्रोन तथा अकशाफ नगर के राजाओं, 2उत्तर के पर्वतीय क्षेत्र के राजाओं, किन्‍नेरेथ के दक्षिण, अराबाह में यरदन नदी की घाटी के राजाओं, तराई के राजाओं तथा पश्चिमी समुद्रतट के राजाओं के पास अपने दूत भेजे. 3उसने यरदन के दोनों तटों पर बसे कनानी, हित्ती, अमोरी, परिज्ज़ी तथा पर्वतीय यबूसी लोगों को, मिज़पाह के हरमोन पर्वत की तराई के निवासी हिव्वी लोगों के लिए भी दूत भेजे. 4ये भी एक साथ अपनी-अपनी सेनाएं लेकर निकले. वे बहुत लोग थे. इनमें ज्यादा घोड़े तथा रथ थे. 5इन सभी राजा ने एक साथ मिलकर मेरोम की नदी के किनारे पर अपने पड़ाव डाल दिए, ताकि वे इस्राएल पर आक्रमण कर सके.

6याहवेह ने यहोशू से कहा, “इन लोगों से मत डरना, क्योंकि कल इसी समय मैं इस्राएल के सामने इन सभी को मार दूंगा. तुम उनके घोड़े के घुटनों की नस काटकर उन्हें लंगड़ा बनाना, तथा उनके रथों को जला देना.”

7तब यहोशू तथा उनके साथ सब योद्धाओं ने मेरोम नदी के निकट उन पर अचानक हमला कर दिया. 8और याहवेह ने उन्हें इस्राएल के अधीन कर दिया. इस्राएली बृहत्-सीदोन से मिसरेफोत-मयिम तक तथा पूर्व में मिज़पाह घाटी तक उनका पीछा करते चले गए. उन्होंने उनको ऐसा मारा, कि उनमें से एक भी योद्धा जीवित न रहा. 9याहवेह ने यहोशू को जैसा बताये उसके अनुसार ही यहोशू ने किया: घोड़े लंगड़े कर दिये तथा रथ जला दिए गए.

10फिर यहोशू ने उसी समय हाज़ोर नगर पर हमला किया तथा उसके राजा को तलवार से मार दिया, क्योंकि वह इन सभी राज्यों का राजा था. 11उन्होंने इस नगर के हर व्यक्ति को तलवार से मार दिया और सब कुछ पूरा नष्ट कर दिया; उनमें एक भी व्यक्ति जीवित न रहा. फिर उन्होंने हाज़ोर को जला दिया.

12यहोशू ने इन सभी नगरों और राजाओं को अपने अधिकार में कर लिया और तलवार से उनको मार दिया, जैसा याहवेह के सेवक मोशेह का आदेश था. 13परंतु इस्राएलियों ने उस नगर को नहीं जलाया, जो टीलों पर बसा था केवल हाज़ोर को यहोशू ने जलाया, 14इन सभी नगरों से लूटा हुआ सामान एवं पशु इस्राएल वंश ने अपने लिए रख लिया; उन्होंने हर एक मनुष्य को तलवार से मार दिया और इस तरह उन्होंने सब कुछ नष्ट कर दिया. उन्होंने किसी को भी जीवित न छोड़ा; 15जैसा याहवेह ने अपने सेवक मोशेह को तथा मोशेह ने यहोशू को कहा था. यहोशू ने याहवेह द्वारा मोशेह को दी गयी किसी भी बात को अधूरा नहीं छोड़ा.

16इस प्रकार यहोशू ने उस समस्त भूमि पर अपना अधिकार कर लिया: नेगेव का संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र, समस्त गोशेन क्षेत्र, अराबाह, तराइयां, इस्राएल का पर्वतीय क्षेत्र तथा तराई, 17सेईर की दिशा में उन्‍नत पर्वत हालाक, हरमोन पर्वत की तराई से लबानोन घाटी में बाल-गाद तक. यहोशू ने इन सभी राजाओं को मार दिया. 18इन राजाओं के साथ यहोशू का युद्ध लंबे समय तक चलता रहा. 19गिबयोन निवासी हिव्वियों के अलावा कोई भी ऐसा नगर न था जिसने इस्राएल वंश के साथ संधि की हो. 20यह याहवेह की इच्छा थी: उन्होंने इनके मन को ऐसा कठोर कर दिया, कि वे इस्राएल से युद्ध करते रहे, ताकि उनको मिटा डाले. याहवेह यही चाहते थे कि इस्राएल उन पर दया किए बिना, उन्हें नष्ट करता जाए, जैसा कि मोशेह का आदेश था.

21इसके बाद यहोशू ने पर्वतीय क्षेत्र से, हेब्रोन, दबीर, अनाब तथा यहूदिया के समस्त पर्वतीय क्षेत्र से अनाकियों को मार दिया. यहोशू ने उन्हें उनके नगरों सहित पूरा नाश कर दिया. 22अज्जाह, गाथ तथा अशदोद के अलावा इस्राएल देश में कहीं भी अनाकी शेष न बचे.

23इस प्रकार यहोशू ने पूरे देश पर अपना अधिकार कर लिया, जैसा कि याहवेह ने मोशेह से कहा. यहोशू ने इस्राएल को उनके गोत्रों के अनुसार बांट दिया. फिर देश में लड़ाई रुक गई.