كورنثوس الأولى 8 – NAV & NCA

Ketab El Hayat

كورنثوس الأولى 8:1-13

الذبائح للأوثان

1وَأَمَّا فِيمَا يَتَعَلَّقُ بِالذَّبَائِحِ الْمُقَدَّمَةِ لِلأَصْنَامِ، فَنَعْلَمُ أَنَّ الْمَعْرِفَةَ لِجَمِيعِنَا. غَيْرَ أَنَّ الْمَعْرِفَةَ تَنْفُخُ تَكَبُّراً، وَلَكِنَّ الْمَحَبَّةَ تَبْنِي. فَمَنْ ظَنَّ أَنَّهُ يَعْرِفُ شَيْئاً، 2فَهُوَ لَا يَعْرِفُ شَيْئاً بَعْدُ حَقَّ الْمَعْرِفَةِ. 3أَمَّا الَّذِي يُحِبُّ اللهَ، فَإِنَّ اللهَ يَعْرِفُهُ. 4فَفِيمَا يَخُصُّ الأَكْلَ مِنْ ذَبَائِحِ الأَصْنَامِ، نَحْنُ نَعْلَمُ أَنَّ الصَّنَمَ لَيْسَ بِإِلهٍ مَوْجُودٍ فِي الْكَوْنِ، وَأَنَّهُ لَا وُجُودَ إِلّا لإِلهٍ وَاحِدٍ. 5حَتَّى لَوْ كَانَتِ الآلِهَةُ الْمَزْعُومَةُ مَوْجُودَةً فِي السَّمَاءِ أَوْ عَلَى الأَرْضِ وَمَا أَكْثَرَ تِلْكَ الآلِهَةَ وَالأَرْبَابَ! 6فَلَيْسَ عِنْدَنَا نَحْنُ إِلّا إِلهٌ وَاحِدٌ هُوَ الآبُ الَّذِي مِنْهُ كُلُّ شَيْءٍ، وَنَحْنُ لَهُ؛ وَرَبٌّ وَاحِدٌ هُوَ يَسُوعُ الْمَسِيحُ الَّذِي بِهِ كُلُّ شَيْءٍ وَنَحْنُ بِهِ.

7عَلَى أَنَّ هذِهِ الْحَقِيقَةَ لَا يَعْرِفُهَا الْجَمِيعُ: فَبَعْضُهُمْ قَدْ تَعَوَّدُوا الظَّنَّ بِأَنَّ الأَصْنَامَ مَوْجُودَةٌ فِعْلاً، وَمَازَالُوا يَأْكُلُونَ مِنْ تِلْكَ الذَّبَائِحِ كَأَنَّهَا فِعْلاً مُقَدَّمَةٌ لَهَا، فَيَتَدَنَّسُ ضَمِيرُهُمْ بِسَبَبِ ضَعْفِهِ. 8إِلّا أَنَّ الطَّعَامَ لَا يُقَرِّبُنَا إِلَى اللهِ، فَإِنَّنَا إِنْ أَكَلْنَا مِنْهُ لَا يَعْلُو مَقَامُنَا، وَإِنْ لَمْ نَأْكُلْ مِنْهُ لَا يَصْغُرُ شَأْنُنَا! 9وَلكِنْ خُذُوا حِذْرَكُمْ لِكَيْ لَا يَكُونَ حَقُّكُمْ هَذَا فَخّاً يَسْقُطُ فِيهِ الضُّعَفَاءُ. 10فَيَا صَاحِبَ الْمَعْرِفَةِ، إِنْ رَآكَ أَحَدٌ جَالِساً إِلَى الطَّعَامِ فِي هَيْكَلٍ لِلأَصْنَامِ، أَفَلا يَتَقَوَّى ضَمِيرُهُ، هُوَ الضَّعِيفُ، لِيَأْكُلَ مِنْ ذَبَائِحِ الأَصْنَامِ، 11وَبِذَلِكَ يَتَدَمَّرُ ذَلِكَ الضَّعِيفُ، وَهُوَ أَخٌ لَكَ مَاتَ الْمَسِيحُ مِنْ أَجْلِهِ، بِسَبَبِ مَعْرِفَتِكَ! 12فَإِذْ تُخْطِئُونَ هكَذَا إِلَى الإِخْوَةِ فَتَجْرَحُونَ ضَمَائِرَهُمُ الضَّعِيفَةَ، إِنَّمَا تُخْطِئُونَ إِلَى الْمَسِيحِ. 13لِذَا، إِنْ كَانَ بَعْضُ الطَّعَامِ فَخّاً يَسْقُطُ فِيهِ أَخِي، فَلَنْ آكُلَ لَحْماً أَبَداً، لِكَيْ لَا أُسْقِطَ أَخِي!

New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी)

1 कुरिन्‍थुस 8:1-13

मूरती म चघाय गे भोजन

1अब मूरतीमन ला चघाय गे चीजमन के बारे म: हमन जानथन कि हमन जम्मो झन करा गियान हवय। गियान ह घमंड ला लाथे, पर मया के दुवारा बढ़ती होथे। 2यदि कोनो सोचथे कि ओह कुछू जानथे, त ओला जइसने जानना चाही, ओह अभी तक ले नइं जानथे। 3पर जऊन ह परमेसर ले मया करथे, ओला परमेसर ह जानथे।

4एकरसेति, मूरतीमन ला चघाय गे चीज ला खाय के बारे म: हमन जानथन कि संसार म मूरती के कोनो सच्‍चई नइं ए, अऊ एके झन परमेसर ला छोंड़के अऊ कोनो परमेसर नइं ए। 5हालाकि अकास म या धरती ऊपर बहुंते मन देवता कहाथें (अऊ वास्तव म ए किसम के बहुंते “देवता” अऊ बहुंते “परभू” हवंय), 6पर हमर बर तो सिरिप एकेच परमेसर हवय याने कि ददा परमेसर जऊन ह जम्मो चीज ला बनाईस अऊ जेकर बर हमन जीयत हवन; अऊ सिरिप एकेच परभू हवय याने कि यीसू मसीह जेकर जरिये जम्मो चीजमन बनाय गीन अऊ जेकर जरिये हमन जीयत हवन।

7पर हर एक झन ए बात ला नइं जानय। कुछू मनखेमन ला मूरतीमन के अइसने आदत हो गे हवय कि जब ओमन ए किसम के खाना ला खाथें, त एला मूरती ला चघाय गे खाना समझथें, अऊ ओमन के बिवेक ह कमजोर होय के कारन एह असुध ठहरथे। 8खाना ह हमन ला परमेसर के लकठा म नइं लानय। यदि हमन एला नइं खाथन, त कोनो नुकसान नइं होवय, अऊ यदि खाथन, त कुछू फायदा नइं होवय।

9सचेत रहव, ताकि तुम्‍हर ए सुतंतरता ह बिसवास म कमजोर मनखे के पाप म गिरे के कारन झन बनय। 10तुमन ला मूरती के मंदिर म खाय के बारे म गियान हवय, पर यदि कोनो कमजोर बिवेक वाला तुमन ला उहां खावत देखथे, त का ओह मूरती ला चघाय खाना ला खाय बर उत्साहित नइं होही। 11ए किसम ले, ए भाई ह जेकर बिवेक ह कमजोर हवय अऊ जेकर बर मसीह ह मरिस, ओह तुम्‍हर गियान के कारन नास हो जाही। 12जब तुमन ए किसम ले अपन भाई के बिरोध म पाप करथव अऊ ओमन के कमजोर बिवेक ला चोट पहुंचाथव, त तुमन मसीह के बिरोध म पाप करथव। 13एकरसेति, यदि मोर कुछू खाय के कारन मोर भाई ह पाप म गिरथे, त मेंह मांस ला फेर कभू नइं खावंव ताकि मेंह ओकर पाप म गिरे के कारन झन बनंव।